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निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

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Tuesday, June 13, 2023

नगर पालिका परिषद नैनपुर ने भवन निर्माण अनुमति के साथ राशि जमा करवाई रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर एक भी नही बने...



 शासन की योजना और अधिनियम का नगर पालिका बना रही है। मजाक 

रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले में सरकारी तंत्र में सालों से अंगद के पैर की तरह जमे हुए और उनके लिए शासन के नियम कानून का निचोड़ निकाल कर उनसे खेलना अच्छे से सीख चुके है उन्हें पता है कि सरकार केवल नियम कानून बनाती है पर उसमे अमल कौन कर रहा है नही कर रहा वह देखने की फुर्सत भी नही जिसका कुछ जागरूक जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी पूरा पूरा फायदा उठा रहे है और खुलेआम लूट मचा रखी है इन्हें पता है कि कार्यवाही कौन करेगा किसके पास इतनी फुर्सत है और अगर शिकायत होती है तो होगी जांच पर जांच में क्या करना है इन्हें सब पता है इसलिए इन्हें सब पता है और जागरूकता की कमी नहीं है। मगर उस जागरूकता और अधिनियमों को शासन में बैठे अधिकारी जमकर बड़ा खेल रहें है।  वही कुछ दिनों में रेनी सीजन कुछ सप्ताह में शुरू होने वाला है। लेकिन बारिश का पानी सहेजने के लिए कोई काम नहीं किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्रों में बारिश के पानी के लिए भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। लेकिन इनका कही निर्माण नहीं किया गया है। जिसमे इस वजह से बारिश का पानी नगर की सड़कों व शिप नालियों से होता हुआ भारी मात्रा में पानी बह जाएगा। इस वर्ष गर्मी में भूजल स्तर के घटने से स्थानीय जल कंपनी स्त्रोत कम हो गए हैं। इस स्थिति के बावजूद भी फंड रेन हार्वेस्टिंग और भवन छत के माध्यम से बारिश के जल संचयन को लेकर नगर पालिका परिषद नैनपुर के जिम्मेदार अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं ।और न ही भूजल को रिचार्ज करने के प्रति गंभीर नजर आ रहे है। बताया गया है कि नगरीय क्षेत्र में 12 मीटर से अधिक ऊंचे भवनों के निर्माण की अनुमति तक नहीं है इसके बाद भी इनका निर्माण हो रहा है। यहां तक कुछ वाणिज्यिक भवन नियमों को दरकिनार कर बना लिए गए है। इन भवनों में नगरीय निकाय के नियमों का तक पालन नहीं किया गया है। इसके बाद नगर पालिका नैनपुर के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शासन से मिले आदेश के बाद भी भवनो की जांच तक नहीं की गई है और न किसी भी प्रकार की वसूली की गई। नगर पालिका भगवान भरोसे चल रही है। नियमों की तोड़कर मंद परिवर्तन से मनमाना खर्च हो रहा है। बताया गया है कि भवन निर्माता द्वारा न्यूनतम 140 स्क्वेयर फीट से अधिक निजी आवासीय और व्यवसायिक भवनों के रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए निर्धारित अमानत राशि जमा किए जाने के बाद भी यह स्थिति बनी है। कि अधिकांश निर्माताओं ने हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण ही नहीं कराया है। इसके आकडे नपा के पास भी नहीं है। वर्ष 2018 के बाद अमानत राशि लेने के लिए कोई भी एक आवेदन तक नहीं आया है। बीते वर्षों में नगर क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए यहां के रहवासियों द्वारा अमानत राशि को नपा के पास जमा किया गया है। उस राशि का उपयोग किया जाए जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिल सके।


 रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनवाने पर जुर्माने का प्रावधान मगर आज नगर पालिका नैनपुर ने किसी से नहीं वसूला जुर्मना


जानकारी अनुसार है।कि 15 मीटर ऊंचे व 500 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले वाणिज्यिक भवनों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का नियम पहले से ही लागू है। जिन भवनों में वाणिज्यिक गतिविधिया संचालित होती है उनमें सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाने वालों पर जुर्माना का भी प्रावधान है। शासन द्वारा 2009 से नए भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का लगाना अनिवार्य किया गया है। इस व्यवस्था के लिए बकायदा भवन निर्माता द्वारा अमानत राशि जमा किए जाने का प्रावधान है। गया को उसके उपयोग करने संबंधी मार्गदर्शी निर्देश भी दिए गए हैं लेकिन नगर पालिका नैनपुर व स्वनिर्मित दुकानों के सरकारी कार्यालय भवनों में इसके पालन के प्रति उदासीन रवैया रहा है। और आज तक हार्वेस्टिंग सिस्टम नही लगाया गया है।


नैनपुर नगर में एक भी हार्वेस्टिंग सिस्टम नही अनुमति के लिऐ सिर्फ जमा करा ली राशि


शासन नियमों को कैसे तोड़ते है।ये तो शासन में बैठे अधिकारियों से कोई ज्यादा नही जान सकता है।वही कुछ लोगों को छोड़कर न तो किसी भवन निर्माणकर्ता ने सिस्टम लगाने जाने पर नपा से जमा अमानत राशि वापसी के लिए आवेदन दिया है ।और न ही उसके एवज में शासन के मार्गदर्शी नियमों के तहत नपा की शाखा ने किसी भी निजी। भवन में हार्वेस्टिंग सिस्टम उस जमा अमानत राशि से लगवाने का कोई उपक्रम किया है। कुछ ऐसे निर्माणकर्ता है जिन्होंने नपा अनुमति के राशि जमा की है लेकिन निर्माण कराया ही नहीं है। इसकी जांच तक नहीं की जा रही है।अगर शासन स्तर पर जॉच करवाई जाए तो बड़ा घोटाला निकल कर आएगा मगर प्रशासन में बैठे अधिकारी हार्वेस्टिंग सिस्टम की आड़ में बड़ा खेल रहें है।

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