रेवांचल टाईम्स -आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में खनिज संपदा की भरमार है। मगर उस संपदा का दोहन खनिज माफियाओं के द्वारा खुली लूट मचाई जा रही है और जिला प्रशासन में बैठें जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी गंधारी की तरह आंखों नोटों की पट्टी बांध बैठे है इन्हें इन नोटो के आगे सब कुछ सही नजर आ रहा है कही भी गलत नजर नही आ रहा हैं पर इन जबाबदारो की नजरअंदाज से स्थानीय ग्रामीण परेशान हो चुके है।
वही अबैध क्रेशरों चाहे वह गिट्टी हो या डोलोमाईट इन दिनों मंडला जिले में माफ़ियाराज चल रहा है हर जगह वैध कम अबैध अधिक उत्खनन हो रहा है रकवा कही और उत्तखन्न कही और खुलेआम चल रहा है और डोलोमाइट माफिया डोलोमाईट की जमकर लूट रहे है। और सरकार को मिलने वाले राजस्व को चुना लगा रहे है मगर जब जिम्मेदार खनिज विभाग पर कार्यवाही करने की बात आती है। खनिज विभाग सिर्फ देखरेख की जिम्मेदारी की बात कर मौन साधना में चले जाते है। मगर खनिज विभाग की मौन साधना में भी बड़े बड़े गहरे राज छिपा है । वही जानकारी के अनुसार डोलोमाइट माफिया इस कदर हावी है। प्रकृति के नियमों से खुला खिलवाड़ कर रहे है। वही जिले में डोलोमाइट माफिया खदान जिले में अवैध शब्द आम हो गया है, चाहे यह शराब का अवैध कारोबार हो या खनिज सम्पदा का अवैध खनन परिवहन या फिर समाजिक बुराई जैसे सट्टा, जुआ जिले में संचालित अवैध गतिविधियां इन अवैध कारोबारियों पर जिला के उच्चाधिकारी लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे है। जिससे इन भू माफियाओं के हौसले बुलंद है। अगर प्राकृतिक संपदा को सुरक्षित और मानव जीवन के साथ पशु पक्षियों जीव जन्तुओं को सुरक्षित रखना है इन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है।
डोलोमाइट माफिया के सामने प्रशासनिक तंत्र लाचार और नतमस्तक
मंडला जिले से होकर गुजरने वाली नर्मदा, बंजर नदी नालों समेत अन्य सहायक नदियां मंडला जिले की जीवन रेखा है। इन नदियों में रोजाना रेत का अवैध खनन का खेल लगातार जारी है। नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए की रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है। कई जगह नदियों में रेत के अवैध उत्खनन इतना अधिक रहा है कि इसक असर वहां के लोगों के जनजीवन पर दिखने लगा है। रैनी सीजन में रेत के उत्खनन पर रोक लग जाती है लेकिन मंडला जिले में रेनी सीजन में भी रेत का खेल चलता है। रेत का अवैध उत्खनन कराने वालों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें किसी का डर नहीं है। अगर किसी ने आवाज उठाई तो शिकायत कर्ता की जान पर ही बन जाती है। और आज कल रेत माफ़ियाओं का अजब खेल चल रहा है कि रायल्टी अन्य जिले बालाघाट की और रेत बंजर नदी की बुडनेर सुरपन नदी की चोरी कर रहे और एक रायल्टी में अनेकों बार रेत का परिवहन चल रहा है कहने को तो रेत के लिए जिला कलेक्टर ने जगह जगह नाके लगवाया है पर इन अबैध रेत उत्तखन्न माफियाओं के सामने नाकों में बैठें हुए कर्मचारियों की कहा चल रही उन्हें जो करना है वह आज भी कर रहे खुलेआम आज भी एक ही रायल्टी से अनेको बार रेत का परिवहन कर रहे है और हो रही रेत की ढुलाई वाले वाहनों के आगे पीछे उनके आकाओं की गाड़ियां भी चल रही है जो कि उन्हें सुरक्षा दे रहे कि कही अचानक चेकिंग न हो जाये या फिर कोई उनकी गाड़ी न पकड़ ले पर सब सेटप है इसलिए आज ये सब अबैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहे है जिले में मुखिया कितना भी जोर लगा ले जब तक उनके अधीनस्थ कर्मचारियों न सुधरेंगे जब तक अबैध गतिविधियों नही सुधर सकती हैं।
मंडला जिला में इन दिनों खनिज माफिया शराब माफिया और रेत माफिया का तांडव चरम सीमा पर
मंडला जिला आदिवासियो का घर है। मगर जिले में अनेक प्रकार के माफिया आ गए है। जिसमे माफिया शराब माफिया और रेत माफिया का तांडव चरम सीमा पर है। जिले के मुखिया को छोड़कर सभी अधिकारी कर्मचारी इन माफियाओं से अपना निजी स्वार्थ सिद्ध कर इन्हें खुला संरक्षण दे रहे है। जिस तरह भारत देश सोने की चिड़िया कहा जाता था और उसे अंग्रेज और रेत माफिया शराब माफिया खनिज माफिया जमकर कर लूट मारकर रहे है। और इसी तर्ज में मंडला जो कि आदिवासी बाहुल्य जिला है और प्रकृति संपदा से पटा हुआ है, लेकिन जिले में अंगद के पैर की तरह जमे बाबू राज के चलते करोड़ों अरबों रुपयों का डोलोमाईट गोड खनिज की चोरी लगातार हो रही है। जिले की नैनपुर और भुआ बिछिया तहसील में सोने की कीमत से बढ़कर भी एक ऐसी खनिज संपदा डोलोमाइट जो मंडला जिले की शान है। और इस जिले में निकलने वाली डोलोमाईट छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में बहुत मांग है जिसके इन दिनों डोलोमाईट खादानों में अवैध उत्तखन्न जोरो से जारी है। मगर जिला प्रशासन को शिकायत होने पर सिर्फ खाना पूर्ति करता है। और जॉच के नाम पर संबंधित विभाग के अधिकारी जमकर माल लूटते है।
पर्यावरण और प्राकृतिक से खिलवाड़ कर डोलो माइंट माफिया
जानकारी अनुसार मंडला जिले में अनेक खनिज विभाग से गहरी साठ गांठ कर डोलोमाइट खादानों का संचालन किया जा रहा है। मगर मंडला जिले की बिछिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम भवरताल में संचालित डोलोमाईट खादानों के मैसर्स कुसुम मिनरल्स, मेघा मिनरल्स मोहन झिकराम और जय श्याम मिनरल्स की खदानों के साथ संचलित अन्य खादानों का अवलोकन किया तो देखा कि सभी लोगों द्वारा तय किये गए नियम कानून से अधिक उखनन कर नियमों की धज्जियां उडाते हुए शासन को लाखों करोड़ों की राजस्व हानि पहुँचा रहे है। डोलोमाइट खदान संचालक धरती का सीना छलनी कर दिया है। वही बता दे कि जिले में करीब 30 वर्षों से संचालित डोलोमाईट खदानों का न तो सीमांकन किया गया है और न ही जिले में बैठे जिम्मेदार खनिज विभाग के आला अधिकारियों ने नियम विरुद्ध उत्तखन्न को लेकर आज तक कोई कार्यवाही की है उखन्नन स्थल को देखने पर स्पष्ट नजर आ रहा है की जिन खादानों में हुआ है और हो रहा है उन खादानों की गहराई में में कार्य कर रहे लोग चोटी के समान नजर आते है और ट्रैक्टर वाहन को आप देख कर पहचान नही पाएंगे और इस क्षेत्रों में लगातार हो रहे उतखन्न से हरे भरे जंगल व कृषि भूमि के साथ नदी नाले भी बजर होते नजर आ रहे है। संपूर्ण डोलोमाइट क्षेत्र में रहवास कर रहे ग्रामीण और आदिवासी प्रदूषित वातावरण के चलते अब गाँव के गाँव खाली कर रहे है. वही दूसरी और इन डोलोमाइट खदानों के उत्खनन के लिए बड़ी-बड़ी बास्टिंग की जा रही है जिसके कारण रात्रि में लोगों की नींद टूट जाती है। ब्लास्टिंग इतनी जोरदार होती है कि इसकी आवाज दूर दूर तक जाती है। इस क्षेत्र के आसपास रहने वालों का जीना दूभर हो चुका है होने वाली ब्लास्टिंग से आम जन भयभीत नजर आ रहे हैं।जिला प्रशासन और अधिकारी सिर्फ खाना पूर्ति करते नजर आ रहे है। जिसके कारण मंडला जिला आदिवासी जिला होने के साथ साथ इस जिले में कानून व्यवस्था नियम कानून सबके के हाथों है और कार्यवाही का सुस्त रवैया है इस जिले में कोई भी बड़ा आदमी नियम कानून का पालन करता है। नियमों की खुल कर धजिया उड़ा रहा है। और न ही शिकायतों में कार्रवाई नहीं हुई। कोई जांच होती है।
नेशनल ग्रीन ट्रीमनल के नियमों का खुला उलघन..
मंडला जिले में जितने भी डोलोमाइट माफिया और क्रेशर संचालित है। वे नेशनल ग्रीन ट्रीमनल एव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का खुला उलंघन कर रहे है। वही खनिज विभाग के अधिकारी सिर्फ मोटा माल और कमीशन के चक्कर में कोई कार्यवाही नही करते है। जिसके कारण मंडला मुख्यालय में जिम्मेदार विभाग के कानों में जू तक नहीं रेंगती है। जिसके कारण सम्पूर्ण खनिज विभाग का अमला डोलोमाईट गोड खनिज माफियाओं के सामने नतमस्तक है। ये सभी डोलोमाइट का अवैध उत्खन्न करने इन्हें अभय दान दे दिया है। यही जिला कलेक्टर से क्षेत्रीय जानो ने यह अपेक्षा की है कि मंडला जिले के भुआ बिछिया के अंतर्गत आने वाले ग्राम भवताल में संचालित डोलोमाईट खदानों का किसी ईमानदार एजेन्सी से जॉच कराकर कार्यवाही की जाए और स्थानीय लोगो के द्वारा अनेको बार इन माफियाओं की शिकायत की पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई और अगर हुई भी तो लोगो आज तक पता नही लग पाया है।
इनका कहना है।
मेरे द्वारा डोलोमाइट खदान और क्रेशर से संबंधित विभाग द्वारा जारी एनओसी की जानकारी मांगी गई थी। मगर खनिज विभाग जानकारी नहीं दे रहा है। खनिज विभाग के अधिकारी ने मौखिक बताया की विभाग के पास सिर्फ भंडारण की देख रहे करने अनुमति होती है। आप नेशनल ग्रीन ट्रीमनल से जानकारी की मांग करें।
सुजीत कुमार प्रजापति नैनपुर
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