रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में भ्रष्टाचार का बोलबाला है जहाँ पर न शिकायत में कोई कार्यवाही होती है और न कोई जनप्रतिनिधि अपनी खुली आँखों से देखना पसंद करता है वही हमारे प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री कहते रह गए की भ्रष्टचार करने वालों को जेल में डालना है। मगर जनपद पंचायत नैनपुर में इतने बड़े घोटाले हुऐ और जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारियों ने घोटाला करने वाले कर्मचारियों पर आज तक कोई कार्यवाही नही हो सकी है। जिसके कारण एक कहावत सत्य होती नजर आ रही है। जब कोतवाल सईया तो डर किस बात का ये कहावत जरूर है। मगर कहावत सत्य और सही हो जाती है। ऐसी घटना ग्राम पंचायत रमपुरी में हुई है। मामला मृतक भदली बाई के जांब कार्ड में ग्राम के अन्य व्यक्तियों के नाम जोड़ा गया है। और फर्जी हाजरी का भुगतान भी अन्य व्यक्ति के नाम पर निकला गया है। जिसकी लिखित शिकायत कर्ता मनोज उईके और जय पाल धुर्वे ने जनपद पंचायत नैनपुर सीईओ को तीन महीने पहले कि थी। और मामला तुल भी पकड़ा था मगर सीईओ साहब ने ऐसा रंग में भग किया की कुछ कहना स्वयं को आरोपित करने के बराबर है। और आज तक रोजगार सहायक पर क्यों कार्यवाही नही हुई। और गोलमोल जवाब बना जिला पंचायत मंडला को भेज दिया है। मगर शिकायत पर क्या कार्यवाही हो रही है। आज तक जनपद के अधिकारी और सीईओ साहब बताने को तैयार नहीं है। ना सूचना के अधिकार की जानकारी देने को तैयार नहीं है। जिसके कारण एक बड़ा सवाल बनाता जा रहा है। और कार्यवाही नही होने से रमपुरी के ग्राम वासियों में नाराजगी बढ़ते जा रही है। वही यह विवाद कभी बड़ा रूप ले सकता है।
जनपद पंचायत में भी मेट घोटाला भी दबा रहे है। अधिकारी
देखा जाए तो जनपद पंचायत नैनपुर में घोटालों की बाढ़ सी आ गई है। अधिकारी और कर्मचारी हर काम में चाहिए होता है। जोकि गरीब जनता नही दे सकती है। और जनपद पंचायत में मेट घोटाला मनरेगा में घोटाला निकल के आ रहे हैं। मगर जनपद पंचायत के अधिकारी कर्मचारी की आंखों में ऐसी पट्टी बनी है कि इन्हें घोटाला ही दिखाई नहीं दे रहा है। और कोई विभाग से जानकारी मांगता है। तो अधिकारियों को बर्ताव इतना खराब होता है। कि आमजन और जनता जानकारी मांगने से कतराती है। इससे साफ होता है कि जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारी घोटालों के गढ़ में बैठकर मोटी रकम कमा रहे हैं। और गरीब जनता और आदिवासियों की हक और योजनाओं की पलिता लगा रहे हैं मगर जिला प्रशासन और राज्य शासन के अधिकारियों को शिकायत होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होना बड़ा संदेह होता है। जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारी जांचों को दबाकर बैठ गए है। और जनपद पंचायत के अधिकारी और कर्मचारी मेट घोटाला भी दबा रहे है।
जिला पंचायत को भेजे गए आरोप पत्र की जानकारी नही दे रहें है। जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारी
ग्राम पंचायत रमंपुरी के रोजगार सहायक जय प्रकाश यादव और सचिव सुख देव उइके इतने दबग निकले की जिसकी कोई सीमा नहीं और मनमानी ऐसी की ग्रामीणों से लूट कर पत्नी के नाम पर नैनपुर में प्लाट खरीद लिया और ससुराल में जमीन खरीद ली और शिकायत हुई तो आवेदक को धमकने की कोई कसर नहीं छोड़ी जिसमे उसका सहयोग पुरा जनपद पंचायत नैनपुर सीईओ विनोद मरावी और एपीओ अनामिका रजक ने बड़ा खेल खेला है। नाम ना छापने की शर्त पर बताया है। की सीईओ और एपीओ ने मामले से बचाने के लिऐ रोजगार सहायक जयप्रकाश यादव ने दोनों अधिकारियों को मोटी रकम दी है। जिसके कारण जिला पंचायत को जाने वाली रिपोर्ट में जमकर खेल खेला गया है। और जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारियों ने रोजगार सहायक को ऐसा संरक्षण दिया है। की आज रोजगार सहायक शिकायत कर्ता को दम भर रहा है। मगर कार्यवाही अधिकारियों को रकम मिलते ही बदल गए स्वर बोलने लगे की घोटाला नही हुआ है। पत्रकार बदनाम कर रहे है।
वही नैनपुर जनपद पंचायत सीईओ साहब ने ऐसा प्रतिवेदन तैयार किया की आज तक जॉच ही चल रही है। वही अधिकारी कहते है। की संगठन के द्वारा झूठा मामला को हवा दी जा रही है। जबकि रोजगार और सचिव ने इतना बड़ा कोई घोटाला नहीं है। वही सीईओ साहब ने खुले शब्दों में कहा की जितना बड़ा आप ख़बरों में बढ़ा चढ़ा कर प्रकाशित कर रहे हों रोजगार सहायक जय प्रकाश यादव कोई ग़लत नहीं किया है उसके विरुद्ध कार्यवाही नहीं कर सकते है। विस्वनीय सूत्रों से जानकारी के अनुसार मामला को साठ गांठ करने के लिए और जिले में कोई कार्यवाही ना इसके लिए भी सीईओ साहब ने खुद ही जिले का अधिकारियों से बात की जानकारी मिली है। जिससे साफ होता है। की सीईओ जनपंद पंचायत नैनपुर रोजगार सहायक पर मेहरबान है। और बचाने का हर संभव प्रयास कर रहे है। वही रोजगार सहायक पर की गई कार्यवाही की सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो आज तक कोई भी जानकारी प्रदान नही की जा रही है। जिसके कारण बड़े सवाल खड़े हो रहे है।
इनका कहना हैं।
रोजगार सहायक ग्राम में सबको घूम घूम बता रहा है।की मैने पैसा देकर मामला को दबा दिया है। रोजगार सहायक गांव में सबको बता रहा है। जिसके कारण मेरे विरुद्ध कोई कार्यवाही नही सकती है।
मनोज उईके
ग्राम डीलवाड़ा शिकायतकर्ता
No comments:
Post a Comment