रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण हर प्रकार का भ्रष्टाचार संभव है जहाँ लूट सको की तर्ज में जिम्मेदार लोग लूटेरों को बढ़ावा दिया जा रहा है दूसरी तरफ शिकायतों में जांच के नाम पर लीपापोती कर भ्रस्टो को भ्रष्टाचार को खुली छूट दी जा रही है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग नैनपुर और नगरपालिका परिषद नैनपुर प्रशासन अवैध कालोनियों पर कार्यवाही करने से डरता नजर आ रहा या कहे कि इनके आगे नतमस्तक हो चुके अपने निजी स्वार्थों के चलते
वही जिला प्रशासन से पटवारी की संपत्ति एव विभाग के समक्ष सम्पत्ति का व्योरा जो प्रस्ततु किया उस की जानकारी का विवरण सूचना के अधिकार के आवेदन के माध्यम से मांगी तो आज तक नही मिली जानकारी नही दी गई और पटवारी की लिखित शिकायत होने पर भी प्रशासन आज तक कोई कार्यवाही नही की बल्कि उसके पक्ष में रिपोर्ट तैयार करते नजर आ रहा हैं।
कहने को तो मंडला जिले का विकास खण्ड नैनपुर नगर शांत और सुसज्जित लगता है। मगर बाहर से आकर कुछ लोगों ने अशांत कर दिया अनेक प्रकार के अनैतिक कार्य कर रहे है, सीधे साधे लोगो से बहुत कम दामों में खेत लेकर विभागों से बिना अनुमति लिए धड़ल्ले से कांलोनी काट कर बेच रहे है जिसकी जांच हुई और नगर पालिका परिषद ने खुद स्वीकार कीया है ये कॉलोनियों में नियमों को ताक में रख कर काटी जा रही जिसे अबैध माना गया है और अवैध कालोनियों का ऐसा जाल फैलाया की उसमें नैनपुर नगर के रहवासी फस कर माथा पीट रहे है।और बाहर से आए कुछ लोग के द्वारा नैनपुर नगर की जनता की पसीने की कमाई पर डाका डाल उनका खून चूस कर आज करोड़पति में गिनती हो रही हैं। जिसमें मास्टर माइंड में कही न कही इसका श्रेय पटवारी प्रदीप उसरठे को जाता है जो कि ऐसा खेल रचा की शासकीय भूमि तक उनके नाम कर दी है। जिस के नाम की आज भू माफिया जोकि वर्तमान की स्थिति करोड़ों में खेल रहे है। और नगर में गरीब परिवार की जमीन को कोड़ियो के दाम खरीदकर करोड़ों में खेल रहे है। और लगातार नैनपुर निवारी में अवैध कालोनियों के निर्माण किया जा रहा हैं। जिसमें जिला प्रशासन में बैठे वरिष्ठ स्तर के अधिकारी भी शामिल है। जिनको समय समय दक्षिण पहुंच जाती है। जिसके कारण अनेक शिकायत होने के बाद भी कार्यवाही नही हो रही है। नैनपुर और निवारी में अवैध कालोनियों की भरमार है। और शासन की बिना अनुमति से अवैध कालोनियां तैयार की गई है। जिसका मास्टर माइंड पटवारी प्रदीप उसराठे है। वही पटवारी ने ऐसा दांव खेला है। की नैनपुर में जितनी भी अवैध कालोनी है। और खास कर वार्ड नो 15 की अवैध कालोनी जिसमें सबसे ज्यादा विवाद हुआ है।जिला प्रशासन ने गंभीर जांच की जिसमें 11 लोगों प्लाट नही मिला मगर पटवारी और उससे दलालों ने ऐसा खेल खेला की उन सभी प्लाट वालों उनकी भूमि का डायवर्सन करवा के दे रहा है। वही वर्तमान पटवारी भी विवादित भूमि का सीमांकन भी कर रहें है। वही जानकार कहने से चूक नही रहें है। की पटवारी की सेटिंग जिला प्रशासन में बैठे अधिकारियों से बड़ी मजबूत है। क्योंकि सस्पैंड होने के बाद भी आरोप पत्र जारी होने के बाद भी आज तक अपर कलेक्टर के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई है। वही जानकार यह भी बताने से नही चूक रहें है। कि पटवारी प्रदीप उसराठे की अनेकों शिकायत हुई और आज तक लंबित है। मगर जिला प्रशासन के द्वारा ऐसा आशीर्वाद मिला है। एक भी शिकायत में कोई कार्यवाही नही हो सकी है। जिससे साफ होता है। प्रशासन में बैठे अधिकारी ही पटवारी और अवैध कालोनाइजर को बड़वा दे रहें है। अगर शिकायत होती है। आज तक कार्यवाही नही हो सकी ये बड़ा सवाल जिला प्रशासन की कार्योंप्रणाली पर खड़े हो रहें है। जिसके कारण पटवारी बच कर निकल जा रहा है। और उसके विरुद्ध की गई शिकायत शून्य और कचरे में जा चुकी है।
अवैध कालोनियों का मास्टर माइंड पटवारी राजस्व विभाग के कर्मचारियों से मिलकर करवा है। बेधड़क डायवर्शन
वही नाम ना छापने की शर्त पर एक दलाल ने बताया की पटवारी प्रदीप उसराठे रात को घर से निकल सारे अवैध कालोनाइजर से बैठक कर रहा है। और राजस्व विभाग के कर्मचारियों से सेटिंग जमाकर सारी अवैध कालोनियों का डाइवर्सन दलाल के माध्यम से करवा रहा है। जिसमें वार्ड नो 15की कालोनी में 7 लोगों का प्लाट डायवर्सन करवा चुका है। मगर राजस्व अधिकारियों की चांद सिक्कों की चमक के आगे शासन से छल कपट कर रहे है। वही गोपनीय जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन को जानकारी है। मगर कार्यवाही क्यों नही की जा रही है। एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है। वही पटवारी पर कार्यवाही नही होने से हौसले बुलंद होते जा रहें है। वही उससे भू अधीक्षक ने द्वारा आरोप पत्र जारी किया गया है। उसका भी जवाब देना उचित नहीं समझ रहा है। वही अधिकारियों द्वारा जिला प्रशासन को अधिकारियों द्वारा गुम रह किया जा रहा है। जिससे साफ होता है। की अवैध कालोनियों से मोटा माल कमा कर पटवारी दबंग हो चुका है।
मास्टर माइंड पटवारी के पास हल्का में पदस्थ रहने के बाद करोड़ों की संपति स्वयं और परिवार के नाम क्रय की है।
जिला प्रशासन के गाइड लाइन के अनुसार कोई भी शासकिय कर्मचारी स्वय या परिवार के नाम पर संपति क्रय करता है। तो उससे पदस्थ विभाग से सहमति लेनी पड़ती है। मगर मास्टर माइंड पटवारी ने ऐसा खेल खेला की प्रशासन को झोल देकर स्वयं और परिवार के नाम पर करोड़ों की संपति क्रय कर ली है। जोकि वर्तमान में करोड़ की संपत्ति उसके और परिवार के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज है। और अब धीरे धीरे संपत्ति को प्लाट बनाकर बेच रहा है।मगर जिला कार्यवाही करने की बजाय उसको संरक्षण दे रहा है। जोकि समझ से परे है।
नैनपुर नगर का पूर्व पटवारी बहुत ही मास्टर माइंड है। स्वयं और परिवार के नाम नैनपुर में खरीदी संपति जिसका विवरण है।
नैनपुर नगर का पूर्व पटवारी बहुत ही मास्टर माइंड है।जो उसके जाल में फसा उसको निचोड़ देता था। वही पटवारी ने 2012 2021 तक हल्का में पदस्थ रहने के बाद अपने बहन के पुत्र समीर श्रीवास के नाम पर जमीन खरीदी जिसका
खसरा नo 44/1/2/2/3 रकवा 0.094
खसरा न० 44/1/2/3/3 रकवा- 0.088. भू स्वामी समीर श्रीवास है।
खसरा 20 412/220. रकबा 0.0340 जोकि परिवार के सदस्य पुष्पालता उर्फ गुलाबबाई पति. मुरारी लाल /प्रदीप कुमार उमराठे/ मुरारी लाल
प्रवीन कुमार/मुरारीलाल सरिता/ मुरारी
प्रतिमा/मुरारी लाल
प्रज्ञा / मुरारी और शेष भूमि मुमताज की / शेख रफीक वार्ड015 के नाम दर्ज है।
खसरा नम्बर 68। रकबा 0.0530
निवारी में ससुर के नाम पर ली थी जिसको 44लाख रूपये में बेची गई है। जोकि पटवारी ने हल्का में पदस्थ होने के बाद ली है। जिसकी जानकारी राजस्व विभाग या संपति विवरण में शासन को नही दी गई है। ऐसी और भूमि बालाघाट मंडला अजनिया और भोपाल में भी है।
जिनका समय के साथ जल्द खुलासा होगा। वही प्रशासन लिखित शिकायत होने के बाद भी कार्यवाही के लिऐ रास्ता खोज रहा है। जोकि एक बड़ा सवाल है। वही पटवारी कहता है। कि मेरी जिला प्रशासन में साठ गांठ और पकड़ है। कार्यवाही नही हो सकती है। और पटवारी की बाते सच भी हो रही है। वही लगातार समाचार पत्र में प्रमाण सहित खबरों का प्रकाशन किया जा रहा है। मगर आज तक कोई कार्यवाही नहीं है। जिससे पटवारी बाते सच होती नजर आ रही है। क्योंकि प्रदीप उसरठे की कांग्रेस पार्टी में पकड़ मजबूत मानी जा रही है। जिसके कारण शिकायत होते ही आवेदन कचरे में डाल दिया जाता है। और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता उसके बचाव कर रहे है। जिसके कारण पटवारी के हौसले मजबूत होते जा रहें है।
नैनपुर में शासकीय जमीन को राजस्व रिकार्ड में गड़बड़ सरकारी जमीन तक दर्ज करवा चुके है। दूसरे के नाम
नैनपुर नगर में पूर्व के जितने पटवारी रहें है। उनके द्वारा नगर के धनासेठ ने पटवारियों से मिलकर शासकीय भूमि अपने नाम दर्ज करवा ली है। और नैनपुर नगर में अवैध कालोनियों का जाल फैल दिया गया है। जिसमें राजस्व विभाग के पटवारी ने जिले से लेकर प्रशासन से ऐसी साठ गांठ बनाई की सरकारी भूमि पूरी गायब हो गई है। और अवैध कालोनी वाले ने बताया कि पटवारी हर कालोनी में कमीशन तय था। मगर पटवारी पद में रहते और राजस्व अधिकारियों से मिलकर बड़ा खेल खेला है। और जमकर माल कमाया है। वही नैनपुर नगर के हर वार्ड में अवैध कालोनी हैं। मगर नगर पालिका प्रशासन सिर्फ कागजी खाना पूर्ति कर अपना पलड़ा झड़ता नजर आ रहा है। वही जिला प्रशासन के द्वारा घोटाले बाज और राजस्व रिकार्ड से छेड़छाड़ करने वाले पटवारी के विरुद्ध कब कार्यवाही करेगा या सवाल बनाता जा रहा है। कही ऐसा तो नहीं है। जनता सिर्फ शोर करती रहें और प्रशासन की पकड़ से पटवारी बच कर निकल जाए
इनका कहना है।
मेरे द्वारा वार्ड नम्बर 15 में प्लाट क्रय किया गया था। मगर पटवारी प्रदीप उसराठे और दलाल ने मुझे फसा दिया और एक भूमि की दो लोगों को बेच दी है। जिसकी शिकायत जिला प्रशासन को की मगर कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
नीरज नामदेव
पीड़ित नैनपुर
No comments:
Post a Comment