रेवांचल टाईम्स - मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिला में सब नियम कानून को ताक में रख कर भूमाफिया ओर रसूखदारों ने अपना कब्जा जमा रखा हुआ और नगर पालिका प्रशासन इन माफ़ियाराज के सामने नतमस्तक नजर आ रहा जिला प्रशासन और प्रदेश के मुखिया लाख आदेश पारित करते रहे पर इन्हें जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी का संरक्षण जो प्राप्त है।
वही प्रदेश के मुखिया अबैध अतिक्रमण को लेकर सख्त है, अबैध अतिक्रमण में बुलडोजर चलवा रहे और अबैध कब्जा से बेदखल करवा जा रहा है पर मंडला जिले ठीक उल्टा चला रहा यहाँ पर तो निजी भूमि छोड़ सरकारी भूमि पर निजी स्वर्थ के चलते कब्जा करवा जा रहा है और उनसे मोटी रकम वसूली जा रही वही प्रदेश के मुखिया के उनके नुमाईंदे उनके आदेश की धज्जियां उड़ा रहे है।
आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के हिर्दय स्थल नगर के अंबेडकर वार्ड क्रमांक 10 मोदी पेट्रोल पंप के पास चिलमन चौक में सीट नंबर 16/ डी प्लाट नंबर 34/3 क्षेत्रफल 1015 वर्ग फिट में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है जो की पूर्णतः अवैध तरीके से निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस निर्माणाधीन कॉम्लेक्स में जिले के बैठे जिम्मेदार विभागों से बगैर अनुमति (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लिए निर्माण कार्य किया जा रहा है, जबकि नियमत: नगरीय क्षेत्र में किसी भी आवासीय / व्यावसायिक निर्माण के पूर्व विभाग ने अनुमति ली जानी चाहिए, किन्तु निर्माणकर्ता जो कि भूखंड का स्वामी है तथा जिसका नाम जिला पंजीयन (रजिस्ट्रार) कार्यालय के अभिलेखों में दर्ज है। निर्माण कर्ता द्वारा विभाग से मूल तथ्यों को छुपाते हुए निर्माण किया जा रहा है जो कि अवैधानिक है तथा जिससे शासन को लाखों की राजस्व हानि हो रही है।
वही शिकायतकर्ता ने शिकायत पत्र के माध्यम से मय प्रमाण के नगर पालिका मंडला, उपसंचालक ग्राम निवेश, जिला नजूल अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और कलेक्टर मंडला को अवगत कराया है कि शॉपिंग काम्प्लेक्स निर्माण कर्ता सत्येन्द्र कुमार जैन पिता सुंदर लाल जैन निवासी नर्मदा जी वार्ड मंडला एवं अनिमेष जैन पिता दीपक जैन निवासी रानी दुर्गावती वार्ड मंडला उक्त भूखंड के भूस्वामी हैं एवं इनके द्वारा उक्त खरीदे गए भूखंड को भूमि स्वामियों द्वारा महज जिला पंजीयन (रजिस्ट्रार) कार्यालय में पंजीयन कराया गया है। उक्त क्रय किए गए भूखंड का नामांतरण ना तो नजूल शाखा मंडला में और ना ही नगर पालिका परिषद में नाम दर्ज कराया गया है। बगैर नजूल तथा नगर पालिका में अपना नाम पंजीयन कराए अबैध तरीके से शॉपिंग काम्प्लेक्स का निर्माण प्रारंभ कर दिया है जो अवैधानिक है। भूमि स्वामी के द्वारा किया गया यह कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है।
साथ ही शिकायतकर्ता ने जिले के समस्त विभाग प्रमुखों को शिकायत दी और निवदेन भी किया कि आवेदक के आवेदन को सज्ञान में लेते हुए और प्रकरण कि गंभीरता को देखते हुए अवैध तरीके से बगैर नगरपालिका परिषद कि अनुमति लिए चल रहे निर्माण कार्य का स्थल निरीक्षण करते हुए दस्तावेजों कि की से जांच कर नगर के बीचों बीच अबैध शोपिंग काम्प्लेक्स निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए दोषियों के विरुद्ध दांडिक प्रकरण करने की गुहार लगाई है। पर शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन में बैठे जिम्मेदारो के कानों में जू तक नही रेंग रही है शायद जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी चाह रहे है कि जो उनको कार्यवाही न करने को लेकर टेबिल के नीचे से जो हिस्सा मिला है उसकी पूरी ईमानदारी निभा रहे है इधर शिकायत कर्ता विभागों प्रमुख से लेकर मंत्री संत्री तक अपनी शिकायत के माध्यम से चल रहे अबैध निर्णाण में रोक लगाने की गुहार लगा रहा है। अबैध निर्माण रुकने के बदले शिकायत के बाद और गति पकड़ लिया और तेजी से चल रहे उक्त अबैध निर्माणधीन कॉम्लेक्स में जिम्मेदार दूर दूर तक नजर नही मार रहे है। आख़िर इसके पीछे की वजय नगर के लोग सब जानते है और ये भी नगर में जनचर्चा का विषय बना हुआ कि जो अबैध निमार्ण करने वाला रसूखदार जिले के विभागों के ज़िम्मेदारों को और जनप्रतिनिधियों को अपनी गाढ़ी कमाई के चलते और समय समय मे सेवा शुल्क देकर सभी को अपनी जेब मे रखता है। और रही बात जिले के जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को घर गृहस्ती का सामना भी आवश्कता अनुसार पहुँचा रहा है और रही बात घर गृहस्थी की सामानों की तो किसको आवश्कता नही है।
वही सूत्रों से जानकारी के अनुसार इस रसूखदार के ऊपर पहले भी अनेक आरोप लग चुके है पर हाथ की लाई शून्य रही कार्यवाही साथ ही एक गंभीर आरोप लड़की के साथ छेड़खानी का भी लग चुका है, पर सब पर देवी लष्मी की कृप्या रही और जिम्मदारो ने भी इस रसूखदार को बचाने में कोई कसर नही छोड़ी और आज तक कुछ नही हुआ, वही जानकारी के अनुसार मंडला नगर के उपनगर महाराजपुर में भी सरकारी भूमि में रह रहे लोंगो से झोपड़ी को सस्ते दामो में खरीद फ़सोस कर आलीशान कॉम्लेक्स भवन बनाकर किराये में चलाया जा रहा उस समय भी स्थानीय लोगो ने विरोध प्रकट किया पर जिले में निकम्मे जनप्रतिनिधियों और रिश्वत खोर अधिकारियों के सामने गरीबो की कौन सुनता है आज नगर में सरकारी भूमि में इन जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से खुलेआम अबैध अतिक्रमण भूमाफियाओं की नजर है और खुले आम अबैध कब्जा कर रहे है पर नगर पालिका के जिम्मेदार भी पीछे बिल्कुल नही उन्होंने भी कसम खा ली कि शिकायत में कोई कार्यवाही नही करगे बल्कि शिकायत के बाद उस जगह में जाएगे देखे फिर अपनी खाना पूर्ति कर एक नोटिश देगें और उस के बाद शुरू होती नोटिश की बोली कौन कितना दे सकता आप जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को केवल पैसा दो और जो चाहो वो काम करवा लीजिए वर्तमान में नगर की दुकानों का नवीनीकरण के नाम पर जोरो की बोली लगाकर अबैध वसूली का कारोबार जोरो पर चल रहा और इस आदिवासी जिले में किसको क्या पड़ी है की कौन क्या कर है कहाँ किस्से क्या ले रहा है हमे तो केवल अपने से मतलब है और सब नगर पालिका मंडला को भी मौका मिला है, लूट लो इस अंधे बहरों के शहर में किसको पड़ी है जो बोले...
मंडला नगर के बीचों बीच ह्रदय स्थल में शॉपिग कॉम्लेक्स बनाया जा रहा है जो कि नियम विरुद्ध निर्माण कार्य चल रहा जो विभागों की बिना अनुमति के चल रहा है, उक्त भूमि की अनुमति किसी और ने ली है और निमार्ण कार्य कोई और करवा रहा है में एक समाज सेवक हूँ मेरी दृष्टि में नियम विरुद्ध कार्य चल रहा है इसलिए मैंने जिले के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारीयो को एक लिखित शिकायत के माध्यम अवगत कराया है पर देखने मे यह आया है कि मेरी शिकायत के बाद उक्त अबैध निर्माण बड़ी ही तेजी से चल रहा मैंने तो रोक कर जाँच करने का आवेदन दिया पर लगता है कॉम्लेक्स पूर्ण होने के बाद ही कुछ हो पायेगा किसी जिम्मेदार अधिकारी ने जाकर देखा तक नही ये पता नही किस की शह पर ये अबैध निर्माण चल रहा है। जब इस सम्बंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी से रेवांचल समाचार पत्र की टीम से बात करना चाही तो उनका जाबाब था कि चल रहे निर्माण कार्ये में स्टे हटा या नही मुझे जानकारी नही आप उपयंत्री श्री डेहरिया जी बात कर लीजिए आपको सही जानकारी वही बता पाऐगे वही जब टीम ने नगर पालिका के उपयंत्री श्री डेहरिया से अबैध निर्माण कार्य मे लगे स्टे के सबन्ध में जानना चाहा तो उनका भी गोलमाल जाबाब था कि मुझे तो इस सबंध में कोई जानकारी नही है आप तो एक काम कीजिए कि बड़े बाबू सिंह जी से बात करे क्योंकि वह शाखा वही देखते है और उनको ही जानकारी होगी कि स्टे हटा की नही पर जो निर्माण कार्य चल रहा मेरी जानकारी में नही है वही जब रेवांचल की टीम ने नगर पालिका मंडला की में पदस्थ बड़े बाबू जी से बात की तो उनका भी जाबाब आश्चर्य जनक था कि आप जो बतला रहै उसका चार्ज मेरे पास नही कुछ दिनों पहले ही नये बड़े बाबू को दे दिया गया है। नगर पालिका परिषद के सभी जिम्मेदारो के जाबाब से लगता है कि सभी चल रहे अबैध निर्माण कार्य को बनने में आर्थिक लाभ अर्जित कर और निजी स्वार्थ के चलते निर्माण कर्ता को अपनी मौन सहमति दे दी गई एक ओर जहां मंडला जिले के मुखिया के पद पर पदस्थ कलेक्टर महोदया किसी भी अबैध कार्य को बर्दाश्त नही कर रही है वही दूसरी ओर नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी उनके आदेशों को पतीला दिखाते हुए अबैध कम्प्लेक्स निर्माण कार्य को बनाने में खुला सरंक्षण दे रहे है। आखिर नगर के ह्रदय स्थल के बीचों बीच चिलमन चौक जो निर्माण अबैध निर्माण कार्य में स्टे हटा की नही अगर हटा तो कब और किसके आदेश ये नगर पालिका अधिकारी बताने में आख़िर कर क्यों छुपा रहे है और अगर स्टे हट गया है तो उसे सार्वजनिक होना या मीडिया से जानकारी कहाँ तक उचित है जबकि मीडिया के सुर्खियों में आने के बाद ही नगर पालिका प्रशासन के तत्काल रोक लगा दी गई थी साथ ही अबैध निर्माण न हो इसको लेकर नोटिस भी चस्पा की गई थी और आखिर अचानक अबैध निर्माण को किसने स्वीकृति प्रदान कर दी जो कि नगर पालिका प्रशासन को भी जानकारी नही है और सरेआम बन काम पुनः शुरू कर दिया गया। इसके पीछे का सच या तो काम्प्लेक्स बनाने वाला ही बता पाऐगे जब उनसे इस संबद्ध मे जानना चाहा तो उनका मोबाइल बन्द आ रहा था इससे यह जानकारी नही लग की आखिरी स्टे के बाद कार्य प्रारभ की अनुमति किसने दी.... शेष अगले अंक में..
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