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Thursday, May 4, 2023

सरकार को करोड़ो का चुना लगाने वाले राईस मिल दंपति पर ईओडब्ल्यू में दर्ज हुई एफ आई आर... राईस मिल के संचालक ने किया लाट का लाट ग़ायब...



रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडौरी में अंधे पीसे और कुत्ते खाये की तर्ज में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा न इस जिले में जनप्रतिनिधि जीवत और न जिला प्रशासन क्योंकि ये जिले में सब की सब भोलेभाले गरीब आदिवासी निवास करते है जिनकी न कोई सुनता है न ही ये किसी को कुछ कर सकते है इनका जीवन केवल और केवल शोषण के लिये हुआ है ये हमेशा ही अपनों से ठग के शिकार हुए और इस जिले में पंच से लेकर सांसद तक सब एक ही आदिवासी समाज के पर शोषण भी आदिवासियों का कर रहे है सरकार से तो इन्हें हर योजनाओं का लाभ देने संकल्पित है पर जिन्हें ये जबाबदारी दी है वह ही अपनी आँख बंद कर और दोनों हाथों से रुपया कमाने ओर अपने और अपने परिवार को विकासशील बंनाने में लगे हुए है और जो थोड़ा पढ़े लिखे है वह भी इन गरीब आदिवासियों को मिलने वाली योजनाओं में अपनी नियत लगाए बैठे है और जब जब मौका मिला टूट पड़े क्योंकि इन व्यापारियों को पता है कि सबको हरे हरे नोट पसंद है और इन नोटों के आगे नतमस्तक है। 



         वही जाँच एजेंसी ने शिकायत पर भ्रष्ट और सरकार से मिलने वाली धन पर डाले डाका में पर कार्यवाही कर ही दी पर ये कार्यवाही कब पूर्ण होगी या फिर जैसे अनेकों कार्यवाही की आज भी जांच चल रही हैं और दोषियों खुलेआम घूम रहे और जांच के दौरान हुई कार्यवाही के बाद और तेजी से अपना कारोबार फैला दिये है।

        वही जानकारी के अनुसार डिंडोरी में संचालित नर्मदा राईस मिल के मालिक रमेश राजपाल, ऋचा राजपाल, दर्ज हुई 420,409 के तहत एफआई, मामला जिस पर लगभग तीन करोड़ से ऊपर के गबन करने का आरोप लगा है वही लोग कहते है न भृष्टाचारी कोई न कोई सबूत छोड़ ही देता है और ऐसा ही मामला डिंडोरी के नर्मदा राईस मिल का है जहां लगातार कई वर्षों से नर्मदा राईस के संचालकों द्वारा सरकार को चूना लगाया जा रहा था पर इस बार इनकी कारगुजारियां पकड़ी गई और अब ये कानूनी दांवपेंच खेलने में लग गये है


आखिर क्या है मामला


वही जानकारी के अनुसार नर्मदा राइस मिल के संचालक रमेश राजपाल पिता गगन दास राजपाल उम्र 43 वर्ष, निवासी ग्राम सनेहीधाम कालोनी, वार्ड नं 6 डिण्डौरी का म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन जिला डिण्डौरी से 300 लॉट धान का अनुबंध था जिसमें से संचालक द्वारा 282 लॉट धान का उठाव किया गया जिसके बदले में 222 लॉट चावल दिनांक 02.05.2023 तक जमा किया गया है शेष 60 लॉट धान मिल संचालक के पास जमा है। जांच के दौरान ही शेष 60 लॉट धान का भौतिक सत्यापन मुकुल त्रिपाठी, वेद प्रकाश श्याम, मेनेजर, नर्मदा राइस मिल तथा रमेश राजपाल, संचालक, नर्मदा राइस मिल के समक्ष किया गया। भौतिक सत्यापन पर सी. एम. आर. सीट में शेष 60 लॉट धान के विरुद्ध मिल में 9 लॉट धान व 16 लॉट चावल कुल 25 लॉट धान एवं चावल पाया गया, शेष 35 लॉट धान भौतिक सत्यापन पर कम पाई गई जिसे नर्मदा राइस मिल के संचालक रमेश राजपाल एवं प्रो. ऋचा राजपाल द्वारा शासन से धोखाधड़ी कर शासन से प्राप्त होने वाली धान को खुले बाजार में विक्रय कर विश्वास का आपराधिक हनन कर शासन को राशि 3,03,10,000 /- रु तीन करोड़ तीन लाख दस हजार रुपये) की आर्थिक क्षति कारित की जाने पर नर्मदा राइस मिल कोहका, जिला डिण्डौरी के संचालक रमेश राजपाल पिता गगन दास राजपाल उम्र 43 वर्ष, निवासी ग्राम सनेहीधाम कालोनी, वार्ड नं-6, डिण्डौरी एवं नर्मदा राइस मिल कोहका, जिला डिण्डौरी की प्रोपराइटर ऋचा राजपाल पति रमेश राजपाल उम्र 38 वर्ष, निवासी ग्राम सनेहीधाम कालोनी, वार्ड नं- 6, डिण्डौरी के विरुद्ध धारा 420, 409, भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

               वही इस पूरे खेल में नर्मदा राईस मिल के संचालक अब तरह तरह की बाते कर रहे है जबकि जांच के दौरान ये साफ हो गया कि इनके द्वारा 35 लॉट गायब किये गए और इन के द्वारा किये गए कारनामों का यह कोई पहला कारनामा नही है इससे पहले भी इनके द्वारा कई बार सरकारी खजाने को लूटने का कार्य करने में महारत हाशिल की है। पर कही न कही भ्रस्टो के चलते और जिला नॉन से सांठगांठ के चलते इन पर कोई कार्यवाही नही हो पा रही थी और सब ले देकर लीपा पोती की जाति रही है और सब की मिलीभगत से पूरे खेल को अंजाम दिया जाता रहा पर इस बार ईओडब्ल्यू में शिकायत के बाद इन पर शिकंजा कसते दिखाई दे रहा है।


            वही इस पूरे मामले में एक और तथ्य सामने आ रहा है की नर्मदा राईस मिलर द्वारा नॉन विभाग को फर्जी बैंक गारंटी जमा की गई है अब सवाल यह उठता है कि क्या नॉन विभाग ने इस बैंक गारंटी का भौतिक सत्यापन किया गया अगर इस में भी गड़बड़ी की गई तो अब तो और एक नया कांड नर्मदा राईस मिलर द्वारा अंजाम दिया जाना पाया जाता है बहरहाल ये जांच का मामला है और अगर इसमे गड़बड़ी पाई जाती है। तो राईस मिलर के साथ साथ नॉन के अधिकारियों का निपटना तय माना जा रहा है


इनका कहना है। 

मेरे सामने नही जमा की गई बैंक गारंटी स्टॉप के सामने की गई है मैंने अभी देखा नही और न ही अभी भौतिक सत्यापन से सम्बंधित कोई जानकारी है मैं जा कर देखता हूँ तभी बता पाऊंगा की सही क्या है और गलत क्या है।

                     मुकुल त्रिपाठी

                 डीएम नॉन डिंडोरी (म.प्र.)


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