दैनिक रेवांचल टाइम्स - मवई '15 मई 2023दिवस सोमवार ' आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र और वन परीक्षेत्र मवई के अंतर्गत इस वर्ष कुल 23 तेंदूपत्ता खरीदी केंद्र खोले गए हैं ।जिन की शुरुआत आज से हो गई है | तेंदूपत्ता खरीदी केंद्र मवई मैं फड़ मुंशी राजेंद्र कुमार राय हैं |जिन्होंने बताया की पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बहुत कम तेंदू के पत्ते निकल रहे हैं |गत वर्ष 1 दिन में जहां 35000 गड्डियां खरीदी गई थी वही इस वर्ष मात्र दो हजार गड़ियों की खरीदी हो पाई है | आखिर क्या कारण है कि हर वर्ष इस तरह से वन उत्पाद में कमी आ रही है ।
प्राप्त होने वाले वन उत्पाद में सिर्फ तेंदूपत्ता ही नहीं सभी प्रकार के वन उत्पादों में कमी देखी जा रही है ।इन सब के पीछे कुछ प्राकृतिक कारण तो कुछ मानव द्वारा निर्मित कारण भी कम जिम्मेदार नहीं है | बढ़ती हुई जनसंख्या और प्रदूषण के कारण वन क्षेत्रों का दायरा सिमटता जा रहा है ।वही वनों में लगने वाली आग से छोटे-छोटे और झाड़ी नुमा पौधे भी जलकर नष्ट हो रहे हैं |
अधिक लाभ और मुनाफा पाने के चक्कर में लोग आंवला ' बहेरा ' हर्रा 'चार 'तेंदूजैसे उपयोगीऔर महत्वपूर्ण पौधों को काटकर एक ही बार में उत्पाद ले लेते हैं | इन्हीं कारणों से सहज सर्वत्र मिलने वाला चकोड़ा बीज भी दुर्लभ होता जा रहा है । सदा से ही उपेक्षा का शिकार रहा मवई का आदिवासी इलाका बेरोजगारी ,तंगी और गरीबी का दंश झेल रहा है ।अब इस वर्ष वनोपज एवं तेंदू पत्ते में आई बेहद कमी के कारण यह साधन रोजगार के लिए कितना सहायक होता है ? कहा नहीं जा सकता ।
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