रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले की विधानसभा निवास के ग्राम बबलिया में 27 तारीख़ को हो सकता है आगमन जिसको लेकर निवास की जनता और विधायक ने जनमांगो के विषय पर बहुत उम्मीदें हैं, पहले के घोषित वादे जो अब तो शुरू नहीं हुए और वादों पर वादे हो रहे हैं, चाहे 2008 के निवास जिला बनाने के वादे, मेडिकल कॉलेज, मण्डला जबलपुर रोड़, आवास हेतु फ्री रेत, 2016 में बसनिया बांध निरस्त की बात,,
जन मांग जो,
1)मण्डला के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कमी सौभाग्य योजना के घोटाले ने मण्डला की पूरी बिजली व्यवस्था को चौपट कर दिया, बदले में बिजली की उपलब्धता की मांग है,
2) लिफ़्ट सिंचाई परियोजना जो अपार जल संसाधनों बरगी भराव और नर्मदा और सहायक नदियों से लिफ्ट सिंचाई की वर
चुटका परमाणु परियोजना और बसनिया बांध को निरस्त करने की मांग जो बड़े स्तर पर विस्थापन पलायन और प्रचुर मात्रा में जैवविविधता युक्त जंगल डूबेगा जो नीतिगत नहीं ना ही जो अधिकांश आदिवासी समुदाय बसता है क्षेत्र में उसके साथ विस्थापन का अन्याय होगा।
रेत खदानें अभी चालू नहीं हुई लेकिन सेकड़ो गाड़िया रोज़ थानों के माध्यम से निकल रही है माइनिंग स्टाफ़ की कमी की बातें और पुलिस विभाग के असहयोग की बातें कहते हैं आम लोगों की मुहँ से खदान थानों से चला रहे हैं कहते सुन सकते हैं यह सबको पता है शराब और अवैध सब गतिविधयां जो चल रही है थानों के संज्ञान में है इससे कोई इंकार नहीं कर सकता, विभाग माफिया के दवाब में महुआ शराब को 5--5 लीटर को बढ़ाकर बताकर खानापूरी करता है यह पुख्ता ख़बर है और बन्द के बाद भी शराब माफिया शराब हर जगह घर पहुँच उपलब्ध करा रहे है जबकि मण्डला नर्मदा पट्टी में 5 किलोमीटर तक शराब पीना और बिक्री पूणतः बैन है, इसके बाद भी आबकारी ओर पुलिस की जानकारी होने के बाद भी खुलेआम बिक रही है शराब
मुख्यमंत्री कहते sp कलेक्टर कमिश्नर और विभागीय अधिकारियों को कार्यवाही के लिए कहते हैं जो कि कार्यवाही के अभाव में दिखावा ही है,,
हम अवैध गतिविधियों को आगे होकर विभाग को दिखाए पकड़ायेगे यह स्पष्ट चेतावनी है लॉ एंड आर्डर को प्रशासन देखे,
Sp dm माइनिंग फॉरेस्ट अधिकारी नए हैं पुराने ढर्रे पर चलने पर विरोध दर्ज कराएंगे,
मेडिकल कॉलेज और जबलपुर मण्डला रोड़ का कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाना साथ ही नारायांगज बीजाडांडी मोहगांव कॉलेज की वर्षों की मांग आज भी अधूरी है,
निवास को जिला बनाने का जो 1904 कि तहसील 1984से जिला बनाने का इन्जार में अपने आपको टूटता देखता गया यह पूरी तरह अनदेखी हुई, यहाँ की जन मांग चाहे जिला बनाने की, सिविल अस्पताल, मंडी और कॉलेज उनयनं, मनेरी से क्षेत्रीय लोगों को रोज़गार और उजड़े विभाग की पुनः स्थापित हो,
पेसा अधिनियम में जल जंगल और जमीन के संसाधनों से स्वलाबन की बातों के बाद भी न जल जंगल न ही जमीन खनिज संपदा रेत गिट्टी डोला माइंस को क्षेत्र अधिकार में दिया मतलब खाली ही ढिंढोरा पीटा जा रहा है,प्रचुर जल और1वन संपदा का लोकल उपयोगी योजना नहीं जो मण्डला जिला के साथ छलावा है,,
मण्डला जिला भी पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में आता है सब प्लान का स्पेशल बजट जो जिले के आर्थिक सामाजिक विकास के लिए होना चाहिए वह कहाँ उपयोग हो रहा है समझ से परे है और बजट से विकास की वाहवाही खूब लूटी जा रही है ,
मण्डला जिला में प्रधान मंत्री सड़क, मुख्यमंत्री सड़क, ग्रेवल रोड़, स्टॉप डैम पुलिया, अन्य जिलों की अपेक्षा नहीं के बराबर है प्रशासन आख़िर क्या चाहता है, आंगनवाड़ी सोसाइटी भवन सामुदायिक और स्कूल होस्टल भवन आज भी कमी है है भी जर्जर,
हर बार और इससे पहले भी कई बार मुख्यमंत्री जी मण्डला आकर घोषणा करते हैं और भूल जाते हैं वे कल हम न सिर्फ़ याद दिलाएंगे मांग भी करेंगे,
अलग अलग क्षेत्रो से अपने अपने क्षेत्रों की समस्या लेकर डेलिगेशन मुख्यमंत्री जी से मिलकर बात करना चाहताजिसको प्रशासन प्रोटोकॉल के तहतः मुख्यमंत्री के जाते वक्त हेलीपेड में मिलने को कहा जो निर्देश है,, यह बहुत निराशाजनक है क्षेत्र की मांग करेंगे उसका समाधान भी मंच से सुनना चाहेगे यह नहीं होने पर नाराज़गी का सामना करना होगा जिसके लिए शासन प्रशासन जिम्मेदार होगा क्योंकि जनता बहुत परेशान हैं बार बार वादे वादे सुनकर, समाधान कब होगासमस्यओं का,,???
पिछले 3 सालों से मण्डला जिले को बजट में कुछ नहीं दिया जो मण्डला जिले के साथ अन्याय है उपेक्षा है, जबकि हम मूलभूत व्यवस्था के लिए तरस रहे हैं, और सरकार आदिवासी हितेषी होने की बात कहती है, जब तीन साल के बजट नहीं दिया फ़िर किस हक से वोट मांगने आयेंगे जनता को पता होना चाहिए,,
इन सब मांगो को मुख्यमंत्री जी के उनके पुराने वादों को संज्ञान में दिलाएंगे मण्डला का वाज़िब हक और अधिकार का हकमांगेंगे, निवास विधानसभा और मण्डला जिले की जनता की यही मांग,जो वाज़िब है।
वही बिछिया के विकास कार्य जो अंजनिया बायपास अनजनिया से बबलिया रोड़ ,9 सामुदायिक भवन जो अब तकराशि स्वीकृति के बाद भी नहीं बने, हालोन करोंदी बांध, पेयजल नल जल की गंभीर स्थिति स्कूल आंगनवाड़ी भवनों की स्थिति गंभीर है,, टोटल छलावा है,
डॉ अशोक मर्सकोले
विधायक निवास जिला मण्डला मप्र,
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