रेवांचल टाईम्स - अजब मंडला गजब मंडला इस जिले में हर वो काम संभव है जो अन्य किसी जिले में नही क्योंकि इस जिले में सब चेन की नींद सो रहे है चाहे वह जनप्रतिनिधि हो या पर प्रशासन हो या जिम्मेदार वही ग्रामीणों को जानकारी नहीं की दो तालाब कहा है। बिना बताए पंचनामा में हस्ताक्षर करवा लिया
जनपद पंचायत नैनपुर से एसडीओ और उपयंत्री जांच दल ग्राम पंचायत गौराछापर में नवीन तालाब और अमृत सरोवर तालाब को खोजने के लिऐ अधिकारी आए थे। मगर मौके पर सरपंच पति अपनी शासकीय ड्यूटी छोड़ अधिकारियों के पास पहुंच गए और तालाब निर्माण कार्य में हुऐ घोटाले को दबाने के लिऐ हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मगर ग्रामवासियों की शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। जिसके कारण सरपंच के हौसले बुलंद है। वही जब भी कोई जांच पंचायत में आती है। तो सरपंच पति जोकि शिक्षक है। अपनी ड्यूटी छोड़कर सबसे पहले उपस्थित रहता है। जिसके कारण ग्राम वासियों में भारी विरोध रहता है।
जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारी नही दे रहें है। दस्तावेज
वही ग्राम पंचायत में वर्ष 2018 में नवीन तालाब स्वीकृत कराया गया था। तालाब की लागत राशि चौबीस लाख अठ्ठासी हजार थी । वही पंचायत ने नवीन तालाब का निर्माण पूरा नहीं किया और सीसी जारी करवा कर उसी तालाब में ऊपर मिट्टी डालकर अमृत सरोवर तालाब निर्माण कार्य करवा दिया गया है जिसकी स्वीकृति राशि पन्द्रह लाख रुपए है। वही अमृत सरोवर तालाब का आज भी निर्माण कार्य अधुरा है। वही सरपंच और सचिव ने ऐसा कारनामा किया है। कि नवीन तालाब निर्माण कार्य अधुरा था। और समूर्ण राशि आहरण भी कर लिया जोकि समझ से परे है। जब ग्राम वासियों ने शिकायत की जनपद पंचायत के अधिकारियों ने जांच तो बैठा दी मगर आज तक क्या कार्यवाही हुई किसी को नही पता है।
वही तालाब को ग्रामवासी भी खोज रहे है। दो मंजिला तालाब मगर मिला नही आज तक तालाब
ग्राम पंचायत के कुछ जागरूक नागरिकों ने जब जिला पंचायत और जिला कलेक्टर को शिकायत की ओर सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी तो आज तक अधिकारी जानकारी नहीं दे पाए और मामले को दबाने को पूरा प्रयास कर रहें है। वही ग्रामीणों का कहना है। कि नवीन तालाब के अधूरे कार्य को बंद कर अमृत सरोवर तालाब 15 लाख रुपए का स्वीकृति कराकर उसी तालाब के उपर मट्टी डालकर नवीन तालाब को अमृत सरोवर तालाब के नाम से पैसों का आहरण किया गया है। वही जनपद पंचायत नैनपुर से आई जांच टीम ने बताया कि सरपंच भागीरथी गोंड और सचिव के द्वारा एक ही जगह पर दो तालाबों का निर्माण कार्य किया गया है। जांच के समय सरपंच पति सीताराम गोंड अपना मुंह दुपट्टा से छिपाते देखा गया जबकि उसको स्कूल में होना चाहिए था।
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