बीजाडांडी की कृषि अधिकारी हप्ते में एक बार आती है कार्यालय मुख्यालय से रहती है नफ़रत...
रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी जिले में अधिकांश विकास खण्डों पदस्थ अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय में नही रहते है बल्कि अपनी सुविधानुसार पास के जिले का फिर मंडला मुख्यालय से अप डाउन करते है जिस कारण अधिकतर वो कार्यालय जाते ही नही है मुख्यालय के लोग को जब पूछते है तो कहना होता है कि साहब फील्ड में या फिर जिला मुख्यालय मीटिंग में जबकि कलेक्टर के द्वारा सख्त निर्देश है कि जिस अधिकारी कर्मचारी की जिस जगह नियुक्ति है उसे मुख्यालय में ही रहना है पर अधिकारी कर्मचारियों ने आज किस की सुनी है वो सब मन के मालिक आदेश और कलेक्टर तो आते जाते है उनके आदेश को अपने ठेंगे में।
वही विकास खण्ड मवई में तो हप्तों चपरासी ही कार्यालय खोल कर बैठे रहते है लोग अधिकारी के दर्शन के लिए तरश जाते है और अनेको बार तो ये हुआ है कौन अधिकारी ने अपनी ज्यानिग ली और उनका स्थान्तरण हो गया लोगो पता ही नही चला लोगो के काम बाबू या चपरासी ही अधिकारी बन कर काम कर देते है या फिर सभी कार्यो के लिए हप्ते में मुख्यालय जाकर साहब के हस्ताक्षर करा लें आते है और इसी प्रकार उनकी पूरी नॉकरी चल जाती हैं क्योंकि पता है कौन उनका क्या कर सकता हैं। यही हाल निवास नारायणगंज, वीजादांडी, घुघरी, मोहगांव का हैं
वही जानकारी के अनुसार जबलपुर में रहने वाले अधिकांश अधिकारी कर्मचारी बीजाडांडी ब्लॉक में इस लिए अपना तबादला कराते कि बो लोग जबलपुर अपने घर से प्रतिदिन आवागमन कर सकें इनमें भी बहुत से ऐसे अधिकारी कर्मचारी है जो हप्ते में एक या दो दिन कार्यालय आतें है और तनख्वाह पूरे महीने की लेते है। ऐसा कुछ बीजाडांडी ब्लॉक कृषि अधिकारी संगीता श्रीवास्तव कर रही है क्षेत्र के कृषकों ने बताया कि वरिष्ठ कृषि कार्यालय बीजाडांडी में पदस्थ अधिकारी संगीता श्रीवास्तव महीनें में दो या चार दिन कार्यालय आती है बाकी दिनों में मैडम साहिबा जबलपुर में बैठ कर अपने घर से कृषि कार्यालय चलाती है। कृषि कार्यालय की प्रमुख संगीता श्रीवास्तव के कार्यालय में न रहने की वजह से अधिकांश कर्मचारी कार्यालय से बाहर रहते है जिसकी वजह से क्षेत्र के कृषकों को खेती किसानी से संबंधित जानकारी नही मिल पाती है। वही क्षेत्र के कृषक रामप्रकाश और साथियों ने बताया शासन द्वारा चलाई जारही योजनाओं की जानकारी हमें समय पर नही मिलती जिसकी वजह से हम लोग शासकीय योजनाओं से बंचित है। साथ ही बताया हमने कई बार मैडम की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की है लेकिन कोई कार्यवाही नही होती। अब सवाल यह उठता है जब मैडम साहिबा कृषि कार्यालय आने के और सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के एवज में सरकार से हर वर्ष तनख्वाह के रूप में लाखों रुपये लेती है तो समय पर मैडम साहिबा कार्यलय से नदारद क्यों रहती है। और लोग शिकायत करते है भी तो आज तक सुधार नही हुआ हैं आज भी विकास खंडों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी शिक्षक अपनी मन मर्जी से अप डाउन कर रहें है
No comments:
Post a Comment