महिला पद यात्री से महिला एसडीएम भुआ बिछिया ने रात्रि विश्राम के लिए ISO सर्टिफिकेट नंबर मांगा महिला और बच्ची पूरी रात गुजारी जंगल मे... - revanchal times new

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Tuesday, March 14, 2023

महिला पद यात्री से महिला एसडीएम भुआ बिछिया ने रात्रि विश्राम के लिए ISO सर्टिफिकेट नंबर मांगा महिला और बच्ची पूरी रात गुजारी जंगल मे...




 

रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी अपने कार्य के साथ साथ मानवता भी भुल चुके है हर किसी के साथ दिखा रहे हैं ऑफीसर गिरी एक महिला दूसरी महिला के साथ कोई हमदर्दी नही रही


       वही जानकारी के अनुसार महापरिवर्तन जन आंदोलनकी पद यात्रा में  11 साल की बच्ची भी शामिल है आज महापरिवर्तन जन आंदोलन की पदयात्रा बिहार, झारखंड छत्तीसगढ़ से होते हुए मध्य प्रदेश के मंडला जिला के बिछिया पहुंची ।  यह पदयात्रा एक महीने पूर्व 26 जनवरी को बिहार के वैशाली से शुरू हुई थी। रायपुर छत्तीसगढ़ से 11 साल की बच्ची  प्रीविका यात्रा से जुड़ी और यात्रा के दौरान लोगों से पदयात्रा के उद्देश्यों की चर्चा की गई, जिसके तहत तीन कानूनों की मांग की जा रही है। ये कानून जनता को शासन करने की शक्ति देगी और शत्ता का विकेंद्रीकरण होगा जिससे भ्रष्टाचार पूर्ण रूप से बंद किया जा सकेगा। पदयात्रा में राईट टू रिकॉल के तहत जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के द्वारा हटाने का अधिकार मिलेगा, राईट टू रेफरेंडम के तहत किसी भी नए कानून के लागू होने में जनता की राय लेने की बाध्यता होगी, और राईट टू प्रपोज अमेंडमेंट के तहत जनता के सुझावों को नए कानून में डालने का अधिकार होगा। यह पदयात्रा बिहार, झारखंड, ओडिसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा से दिल्ली तक जाएगी। इस पदयात्रा में प्रियंका मिश्रा, जय सिंह राजपूत,  नवीन कुमार ठाकुर, प्रीविका पीहू ने जनसंवाद के माध्यम से लोकतंत्र में जनता की निहित शक्तियों और अधिकारों की चर्चा की और कहा की अगर हमारी मांग पूरी हो जाती है तो ये जनता की जीत होगी और असल जनतंत्र की शुरुआत होगी। इस यात्रा के दौरान पैदल चलकर सफर तय किया जाता है। और जागरूता फैला रहे है

पदयात्रा के द्वारा तीन कानूनों की मांग


1. राईट टू रिजेक्ट - ( खारिज करने का अधिकार) जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर होगा लागू


(अ) जब कोई जनप्रतिनिधि अपने विधानसभा या संसदीय क्षेत्र में भ्रष्टाचार करता है या विकास कार्यों अपने वादों के अनुरूप पूरा नहीं करता है तो इस कानून के तहत जनता उसे वर्तमान पद से खारिज कर सकती है। खारिज होने के उपरांत संवैधानिक रूप से सुनिश्चित कार्यकाल तक वह अपने पद पर तो रहेंगे लेकिन उनका वेतन, भत्ता और उन्हें अपने क्षेत्र के विकास हेतु मिलने वाले राशि से वंचित रहेंगे तथा उनके बदले क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास की जिम्मेवारी क्रमशः विधानसभा या लोकसभा के अध्यक्ष की होगी।


(ब) जब कोई पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी किसी व्यक्ति का राजनीति, आर्थिक या सामाजिक रूप से शोषण करते हुए भ्रष्टाचार करता है या कानून का दुरुपयोग करता पाया जाता है तो उसे इस कानून के तहत खारिज किया जा सकता है। खारिज होने के उपरांत उनका वेतन और भत्ता तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा और उनके ऊपर अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा और उनके बदले किसी दूसरे अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।


निराकरण इस कानून के लागू होने के उपरान्त सभी स्तर के जनप्रतिनधियों के आवास या कार्यालय के बाहर एक कार्य समीक्षा वोटिंग मशीन लगायी जाएगी और उसमें उस क्षेत्र के सभी मतदाताओं का डाटा रहेगा ताकि कोई भी मतदाता राईट टू रिजेक्ट के तहत अपने फिंगर प्रिंट से वोटिंग करके इस कानून के अंतर्गत भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का अंत कर सके।


2. राईट टू रेफरेंडम ( जनमत संग्रह का अधिकार)


अंतिम रूप से किसी कानून के पारित होने के लिए जनता की राय लेने की बाध्यता किसी ऐसे कानून को रोकना जो हमारे आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक जीवन की स्वतंत्रता को सीमित करता हो या जिसके लागू हो जाने पर जनता का शोषण होने की आशंका हो ऐसी परिस्थिति में इस अधिकार के तहत हम अपना बचाव करते हुए गैरवाजिब कानून को खारिज कर सकते हैं। जिससे लोकतंत्र की कमान सीधे जनता के हाथों में रहेंगी।


3. राईट टू प्रपोज अमेंडमेंट- कानून सुधार में सहभागिता का अधिकार


कोई भी कानून जिसके प्रति जनता संतुष्ट तो है लेकिन कुछ बिन्दुओं पर आपत्ति रखती है और उसमे समाज के बुद्धिजीवियों की ओर से कुछ संशोधन करवाना चाहती है तो इस अधिकार के तहत यह संभव है, अगर किसी कारणवश राज्य या केंद्र सरकार जनता की तरफ से दिए गए सुझावों को नहीं मानती तो राईट टू रेफरेंडम के तह नया कानून लागू नहीं हो पाएगा अतः सरकार को पुनर्विचार करना ही होगा।

    वही पद यात्रा जगह-जगह लोगों को इकट्ठा कर अपने तीनों कानून की विस्तार से जानकारी दी जाती है और बताया जाता है कि किस तरह इन कानूनों के लागू होने पर भ्रष्टाचार जड़ से खत्म की जा सकती है। यात्रा का अगला पड़ाव ठोंडा होगा।

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