ग्राम पंचायत चिरपोटी के सरपंच सचिव रोजगार सहायक के भ्रष्टाचार चरम सीमा के पार
दैनिक रेवांचल टाइम्स - डिंडोरी जिला आदिवासी बाहुल्य जिला जाना जाता है जहां मध्य प्रदेश सरकार की अनेक योजना संचालित है लेकिन जमीनी हकीकत देखा जाए तो भ्रष्ट कर्मचारी उनकी मेहनत पर लगातार पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते हम बात कर रहे हैं मेहंदवानी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत चिरपोटी माल की जहां सरपंच सचिव रोजगार सहायक की मिलीभगत से मेट ओमकार मरावी शासन को योजनाओं का नियम विरुद्ध जमकर लाभ दिया जा रहा है ग्राम वासियों ने बताया कि मेट ओमकार मरावी की दो पत्नियां हैं जो दोनों एक साथ ही रह रही है उनका किसी प्रकार का तलाक नहीं हुआ है और ना ही अलग रहती हैं फिर भी पंचायत सचिव द्वारा दोनों पत्नियों की आईडी जॉब कार्ड टोकन अलग अलग कर दिया गया है दोनों के नाम से आवासभी स्वीकृत कर दिया गया है लेकिन जानकारी के मुताबिक एक पति पत्नी के नाम से एक आवास बन चुका है लेकिन फिर दूसरी पत्नी के नाम से आवास कैसे स्वीकृत हुआ यह तो अपने आप में एक अहम सवाल हैं जिसके चलते ग्राम वासियों में भारी आक्रोश है इस तरह एक ही घर में दोनों पत्नियों के नाम से आवास स्वीकृत करना अलग आईडी बनाना जो गलत होने के बावजूद भी ग्राम वासियों की शिकायत के बाद भी जनपद द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव रोजगार सहायक एवं मेट के हौसले बुलंद हैं यही कारण है कि ग्राम पंचायत चिरपोटी माल मैं बनाए गए काजवे स्टॉप डैम की मरम्मत के नाम पर स्वीकृत राशि से बिना मरम्मत कराए ही राशि का आहरण कर लिया गया ग्राम वासियों ने बताया कि सरपंच सचिव रोजगार सहायक द्वारा स्टाफ डेम में चुनाव अथवा कर रंग रोगन कर देना ही मरम्मत कार्य है इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया है स्टाफ डैम से जगह-जगह पानी का रिसाव भी जारी है और साथ ही साथ दीवारों पर दरार भी आ गई है अभी इसे ठीक नहीं कराया गया तो आने वाले समय में ग्राम वासियों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा लेकिन क्या करें सरपंच सचिव रोजगार सहायक भ्रष्टाचार के चलते ग्रामीणों को इसका खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा लेकिन अगर हम इस ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार की बात करें तो इस ग्राम पंचायत में वेंडर आईडी और बिलो के नाम से भी जमकर भ्रष्टाचार मचाया गया है चना फूटा और फल्ली दाना के नाम से भी शासन की राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है एक एक बिल 10 हजार से कम कि नहीं है और लगातार हर महीने चना फूटा के नाम से राशि का बंदरबांट किया गया है वैसे तो यह ग्राम पंचायत चिरपोटी माल हमेशा से ही विवादों में घिरा रहा है अगर इस ग्राम पंचायत की माप पुस्तिका और बरकी से जांच की जाए तो कई अन्य भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ सकते हैं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुरूम धुलाई के नाम से भी फर्जी बिल लगाकर राशि का बंदरबांट किया गया है रोजगार सहायक रवि संत और सचिव गेंद सिंह मरावी इतने दबंग है कि इनका कितना भी बड़ा भ्रष्टाचार अखबार में प्रकाशित हो जाए इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता आखिर क्या करें गांधीजी के आगे सभी नतमस्तक हैं जानकारी के मुताबिक रोजगार सहायक सचिव से ग्रामीण काफी परेशान है ग्रामीणों ने इसे हटाने के लिए कई बार जनपद कार्यालय को भी लिखित शिकायत दी है लेकिन आज तक उच्च अधिकारियों की मेहरबानी के चलते रोजगार सहायक सचिव ग्राम पंचायत में अंगद की तरह पैर जमाए बैठे हैं वैसे तो यहां रोजगार सहायक सचिव का ग्रामीणों से कई बार विवाद भी हो चुका है और स्थिति ऐसी आ चुकी है कि हाथापाई होने तक नौबत आ गई सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उपयंत्री कभी भी निर्माण कार्यों का समय पर दस्तावेज तैयार नहीं करते हैं जिसकी वजह से ग्राम विकास में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है आखिर यहां ग्राम पंचायत में कब तक यूं ही भ्रष्टाचार चलता रहेगा क्या जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाएगी या खानापूर्ति के नाम के नाम पर यूं ही भ्रष्टाचार दवे रहेंगे यह तो अपने आप ने अहम सवाल हैं।
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