मण्डला 3 मार्च 2023
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत राष्ट्रीय मत्स्यीकी विकास बोर्ड द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय आवासीय मछुआ प्रशिक्षण 28 फरवरी से 2 मार्च 2023 तक कृषि विज्ञान केन्द्र मण्डला में संचालित किया गया। प्रशिक्षण का प्रारंभ 28 फरवरी 2023 को कृषि विज्ञान केन्द्र में मत्स्य विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र मण्डला के तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया गया। प्रशिक्षण के दौरान सहायक संचालक मत्स्योद्योग एल.एस. सैयाम द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत विविध मछुआरों को जानकारी दी गई। साथ ही सहायक मत्स्य अधिकारी एच.के. भगत द्वारा तालाब प्रबंधन एवं मत्स्य रोग एवं उनके निदान पर अपना व्याख्यान दिया गया। इसी तारतम्य में वरिष्ठ मत्स्य निरीक्षक पी.आर. वैद्य ने तालाबों में जलीय वनस्पतियों के महत्व व उनके उन्मूलन पर जानकारी दी। मत्स्य विभाग के एस.के. भारद्वाज एवं एस.के. उइके ने तालाबों में मत्स्य बीज संचयन एवं मत्स्याखेट के विभिन्न तकनीकियों की जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केन्द्र
डिण्डौरी से जूम मीटिंग के द्वारा डॉ. सत्येन्द्र कुमार मत्स्य वरिष्ठ वैज्ञानिक
ने मांगुर मत्स्य पालन, भारतीय मेजरकार्प एवं
झींगा पालन व तालाब प्रबंधन पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र
मण्डला के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.पी. अहिरवार ने समन्वित मछली पालन के तहत मृदा
सम्पदा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तालाबों में मछली के बाढ के लिए
मृदा के पोषक तत्व का महत्व बताया। इसका सीधा संबंध तालाब के पानी से होता है और
तालाब की उत्पादकता पर प्रभाव पड़ता है। इसी तारतम्य में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.
प्रणय भारतीय ने पशुधन सम्पदा एवं मत्स्य सम्पदा के समन्वय पर प्रकाश डाला। साथ ही
उद्यानिकी विभाग पंकज मरकाम ने तालाबों की मेढों में उद्यानिकी फसलों अपनाने हेतु
मत्स्य कृषकों को मछली के साथ-साथ उद्यानिकी से अतिरिक्त आय प्राप्त करने हेतु
प्रेरित किया। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. संजय कुशराम ने उपस्थित मछुआरों को मत्स्य
पालन के अतिरिक्त कृषि एवं जलाशयों में केज कल्चर व बायोफ्लाक कल्चर से आधुनिक
मछली पालन अपनाकर अपनी आय बढ़ाने हेतु अपने उदबोधन से प्रेरित किया व जिला पंचायत
की ओर से हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया। प्रशिक्षण का समापन एवं प्रशिक्षण
प्रमाण पत्र का वितरण भी किया गया। समापन कार्यक्रम में मत्स्य विभाग व कृषि
विज्ञान केन्द्र के तकनीकी के अधिकारी एवं मछुआरे उपस्थित थे।
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