शनिवार के दिन भगवान शनिदेव का पूजन किया जाता है और इस दिन शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है. शनिदेव का न्याय का देवता कहा जाता है क्योंकि वह लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. जब कोई व्यक्ति बुरे कर्म करता है तो उसे शनि की महादशा झेलनी पड़ेगी. (Shaniwar Ke Totke) जबकि अच्छे कर्म करने वाले पर शनिदेव अपनी कृपा बरसाते हैं. जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव होता है उसे रोग समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आप शनि के बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं तो कुछ विशेष उपाय जरूर आजमाएं.
शनिवार के उपायशनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन भोजन में काला नमक और काली मिर्च का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए. इससे शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव भी कम होता है.
शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चलने खिलाने चाहिए यह भी बेहद लाभकारी होता है. इस दिन अगर आप काले कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाएंगे तो शनिदेव प्रसन्न होंगे.
शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा जरूर करनी चाहिए. इसलिए खाना बनाते समय सबसे पहली रोटी गाय के लिए निकालें. फिर गाय के सींग पर कलावा बांधकर उन्हें रोटी और एक मोतीचूर का लड्डू का खिलाएं.
शनिवार के रात को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं और ध्यान रखें कि यह दीपक आटे से बना हुआ होना चाहिए. इसके बाद पीपल की 5 या 7 बार परिक्रमा लगानी चाहिए.
इसके अलावा शनिवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करना चाहिए और जल में थोड़ा सा दूध मिलाना अधिक लाभदायक होगा.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं.
रेवांचल टाईम्स इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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