रेवांचल टाईम्स - सिवनी/धूमा- उपनगरी क्षेत्र धूमा में आगामी दिनांक 1 अप्रैल 2023 दिन शनिवार को भगवान श्री कृष्ण के कलयुग के अवतारी भगवान खाटू श्याम जी का भव्य भजन कीर्तन का आयोजन मां धूमादेवी काली मंदिर बाजार चौक धूमा में शाम 7 बजे किया जा रहा है जिसमें कानपुर से आए भजन गायक रामजी त्रिपाठी एवं भजन गायिका मन्नत शर्मा हमारे बीच होंगी जिसमें सर्वप्रथम बाबा खाटू श्याम जी का पूजन अर्चन उसके पश्चात 56 भोग का प्रसाद एवं भजन कीर्तन व भव्य महाआरती का आयोजन किया जाना है
कई देवता इस दुनिया में हैं,
सब के रूप सुहाने हैं.....
खाटू में जो सजकर बैठे हैं,
हम बस उनके दीवाने हैं......
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारे....
खाटू श्याम जी की महिमा
भारत देश के धोरारी राज्य में स्थित यू कंहे तो राजस्थान के सीकर जिले के खांटू नगर मे विराजमान भगवान कृष्ण के कलयुगी अवतारी खाटू श्याम श्रीकृष्ण स्वरूप की कहानी है कि महाभारत युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया था कि कलयुग में उनकी पूजा श्याम (श्रीकृष्ण स्वरूप) के नाम से होगी। खाटू के श्याम मंदिर में श्याम के मस्तक स्वरूप की पूजा होती है, जबकि पास ही में स्थित रींगस में ध्वज की पूजा करके श्रद्धालु 16 किलोमीटर पैदल पदयात्रा करके बाबा के दर्शन करते है।
बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। ऐसी कथा है कि खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था.....
श्याम बाबा घटोत्कच और नाग कन्या मौरवी के पुत्र हैं. पांचों पांडवों में सर्वाधिक बलशाली भीम और उनकी एक पत्नी हिडिम्बा बर्बरीक के दादा दादी थे. कहा जाता है कि जन्म के समय बर्बरीक के बाल बब्बर शेर के समान थे, अतः उनका नाम बर्बरीक रखा गया....बचपन में भी बर्बरीक बहुत ही साहसी योद्धा था। उसने युद्ध कला अपनी माँ मौरबी से सीखी थी।
महाभारत के युद्ध के उपरांत बर्बरीक से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें अपना नाम श्याम दिया और वरदान देते हुए कहा कि कलियुग में तुम्हारी पूजा मेरे नाम से ही होगी। हारे हुए लोगों की मनोकामनाएं तुम्हारी पूजा से पूरी हो सकेंगी। श्रीकृष्ण के वरदान की वजह से खाटू श्याम जी हारे के सहारे के रूप में प्रसिद्ध हो गए।
खाटू श्याम भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार के रूप में जाने जाते है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित श्याम बाबा के भव्य मंदिर में दर्शन के लिए हर दिन लाखों भक्त पहुंचते हैं। मान्यता है कि श्याम बाबा सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और फर्श से अर्श तक पहुंचा सकते हैं. ...
हर साल फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष में यहां विशाल मेला भरता है, जिसमें देश-विदेश से भक्तगण पहुंचते हैं। हजारों लोग यहां पदयात्रा कर पहुंचते हैं, वहीं कई लोग दंडवत करते हुए खाटू नरेश के दरबार में हाजिरी देते हैं।
वही मान्यता है कि पैदल निशान यात्रा करके श्याम बाबा को निशान चढाने से बाबा शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। सनातन संस्कृति में ध्वज को विजय का प्रतीक माना जाता है। श्री श्याम बाबा के महाबलिदान शीश दान के लिए उन्हें निशान चढ़ाया जाता है......!
जय श्री कृष्णा जय श्री श्याम
तो आईए दिनांक 1 अप्रैल 2023 दिन शनिवार को शाम 7:00 बजे बाजार चौक धूमा में पहुंचकर विशाल भक्तिमय कीर्तन के आयोजन मैं भाग लेकर धर्म में आनंद का लाभ लें साथ ही इष्ट मित्र एवं परिवार जन से विनम्र आग्रह के साथ आप सभी सादर आमंत्रित है।
निवेदक करने वाले श्याम कराने वाले श्याम
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