नवरात्र में कन्या की सेवा से अच्छी पूजा क्या हो सकती है - बीएसवीपीमंडला
रेवांचल टाईम्स - हम सभी इस समय नवरात्रि का पर्व और माता की आराधना कर रहे हैं जिस प्रकार माता की आराधना हम सभी पूजा के माध्यम से उनकी साधना कर रहे हे वह हम सभी की आस्था से जुड़ी है भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में कन्याओं को माता के स्वरूप भी देखा जाता है हम कहते भी हैं कि कन्याओं में ब्रह्मांड की सभी देवियों का वास कन्याओं में होता है और हमारे समाज में देवी स्वरूप कन्याओं की भी पूजा होती है नवरात्र पर्व के चलते ही एक डेढ़ वर्षीय कन्या को सरकारी हॉस्पिटल में ओ प्लस उसे रक्त की आवश्यकता पड़ी हॉस्पिटल में उसके परिजन काफी समय से परेशान हो रहे थे यह जानकारी एक सामाजिक संस्था भागीरथ सेवा विकास परिवार के कार्यकर्ता शीतल कछवाहा को मिली और अधिक व्यस्त होने के बाद भी सबसे पहले हॉस्पिटल में जाकर उस डेढ़ वर्ष की कन्या शिवन्या को अपना रक्तदान कर उसके जीवन को बचाने में निस्वार्थ भाव से शीतल कछवाहा ने सहायक बन कर सहयोग किया बीएसवीपी का एक एक सदस्य चाहे वह जहां भी रहे समाज में जब आवश्यकता पड़ती है तो अपनी भूमिका वहां रहते हुये भी निभाता हे आज बीएसवीपी के सक्रिय सदस्य शीतल कछवाहा अपना 5 वी बार रक्तदान कर नवरात्र के समय संपूर्ण समाज को यही संदेश देता हे की नवरात्रि के समय कन्या की सेवा से अच्छी पूजा ओर क्या हो सकती है और कहा कि सभी को समय-समय पर जरूरतमंदों की रक्तदान कर सेवा अवश्य करनी चाहिए आज का रक्तदाता कल के लिए प्राप्तकर्ता भी हो सकता है संस्था के अध्यक्ष अजय बंशकार ओर साहिल लहोरिया ने इस सेवा कार्य के लिए शीतल कछवाहा को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
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