रेवांचल टाईम्स - मण्डला जिले के अंतर्गत आने वाली नगर परिषद निवास में तो नियम कानून सब अपनी मनमर्जी से अमल करते है मन आया तो किये नही तो वरिष्ठ कार्यालय के आदेश के अपने ठेंगे लेते नजर आ रहे है इन्हें वही करना है जहाँ पर इन्ह अधिकारी कर्मचारी यो को अपना निजी स्वार्थ नजर आता है नही आदेश आते रहते है जाते रहते है इन्हें कोई फर्क नही पड़ता है,
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के तहत समस्त नगर पालिका नगर पंचायतो मे 28/11/2022 को भोपाल से पत्र क्रमांक/ शा-14/ बी.एम./ 2022/20503 के तहत आदेश जारी किए गए थे कि स्वच्छ भारत मिशन 2.0 एवं स्वच्छ सर्वेक्षण - 2023 से संबंधित कलाकृतियों (आर्टवर्क) एवं स्लोगन प्रदर्शन करने के आदेश हुए थे मगर निवास नगर पंचायत में भोपाल के आदेशों की भी धज्जियां यहां पर पदस्थ उपयंत्री रोजिया डोगरे स्वच्छता नोडल उड़ा रही है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निकाय स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन 2.0 एवं स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 से संबधित विभिन्न कलाकृतियों एवं स्लोगन आर्टवर्क का प्रदर्शन किया जाना आवश्यक था मगर यहाँ कुछ नही हुआ जबकि इस हेतु संचालनालय स्तर से विस्तृत दिशा-निर्देश पूर्व में प्रसारित किए जा चुके थे मगर यहाँ के नोडल अधिकारी रोजिया डोगरे द्वारा सभी दस्तावेजों को आंकड़ों के आधार पर फर्जी तरीके से तैयार कर उसे कम्प्यूटर में अपलोड करा कर जानकारी भेज दी गई है । वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का अंतिम चरण प्रगतिरत है। इस दौरान निकाय स्तर पर किए जाने वाले आर्टवर्क एवं सौंदर्यीकरण का सीधा प्रभाव निकाय के साथ-साथ राज्य की रैंकिंग पर भी पड़ता है मगर इनको निकाय और राज्य की रैकिंग से कोई मतलब नही है इनको केवल अपने पैसे से मतलब है कि पैसा कहा से कैसे निकाले जिसके कारण नगर पंचायत में लगभग 60 कर्मचारी होने के बाद भी एनजीओ लगा कर फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाये जा रहे है और भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड करा दिए गए है इस फर्जी काम मे जानकारी के अनुसार पीआईयू के अभिनव गर्ग भी सब इंजीनियर रोजिया डोगरे का साथ दे रहे है क्योंकि उनको भी इसके लिए मोटी रकम दी जाने की जानकारियां मिल रही है अब नगर पंचायत के द्वारा एनजीओ का लाखो का भुगतान होना है, कहो तो भुगतान करा भी दिया गया हो और इसकी जानकारी कहो किसी को नही दी जाएगी ।
इस आदेश के तहत यह भी था कि निकाय के प्रवेश एवं निकास द्वार, जलीय संरचनाओं, शासकीय कार्यालयों, सामुदायिक सार्वजनिक शौचालयों एवं मूत्रालयों, प्रमुख बाजारों, चौराहों आदि पर बेकलेन सौंदर्यीकरण, कमर्शियल वाहनों पर ब्रांडिंग, सार्वजनिक और व्यावसायिक क्षेत्रों एवं वार्ड स्तर पर होर्डिंग, बिलबोर्ड, वॉल पेंटिंग, म्यूरल, मैस्कट आदि के रूप में विभिन्न कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाए। जनचर्चा है कि निवास में ऐसा कुछ भी नही हुआ आनन फानन में हर साल की तरह 2022 को मिटा कर 2023 लिखवा कर बिल लगाकर पैसे निकाल लिया जाएगा साथ ही यह भी आदेश था कि किसी भी स्थिति में ब्रांडिंग के लिए फ्लेक्स, पॉलीथीन या प्लास्टिक का उपयोग न किया मगर यहां तो बेख़ौफ़ पोलोथिन का उपयोग जारी है जबकि भोपाल से यह बताया गया है कि अगर ऐसा होता है तो इससे अंकों में कटौती हो होगी मगर यहां नोडल रोजिया डोगरे को अंकों की नही पैसे की चाहत है, इसलिए तो पिछले साल ओडीएफ, में निवास नगर में फेल रहा और एक भी स्टार रेटिंग नही मिल सकी । और इस बार भी निवास में सब फेल है मगर निकाय के यहां वहां से निकाल कर आने वाली टीम को पैसे देकर अपनी गलती को छिपा ने का प्रयास फिर किया जाएगा ।
पर बेचारे छोटे कर्मचारी और जनता करे भी तो क्या सब को सब पता है पर कुछ नही कर सकती है इन भ्रस्टो की शिकायत के साथ साथ आये दिन मीडिया में इनकी कर गुजारी सामने आ रही है पर पैसों की चमक के आगे सब फीका नजर आ रहा हैं।
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