मण्डला 15 मार्च 2023
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने
जिले में चल रहे जल-जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने
कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जल-जीवन मिशन के अंतर्गत 2020-21 तक स्वीकृत हुए कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ
पूरा करें। मिशन के दो वर्षों से अधिक पुराने कार्यों को पूरा करने के लिए
प्राथमिकता तय करें। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को पूरा करने के दौरान पानी के
सोर्स देखें तथा वर्तमान सोर्स का परीक्षण भी करें। उन्होने मिशन के अंतर्गत बंद
कामों की जानकारी लेते हुए कहा कि कार्यों के बंद होने के ठोस कारण बताएं। इसी
प्रकार रेट्रोफिटिंग के कामों का भी नियमित रूप से परीक्षण करते रहे तथा
रेट्रोफिटिंग के संबंध में मिलने वाली शिकायतों को गंभीरता से निराकृत करें।
उन्होने ईई पीएचई को निर्देशित किया कि आवश्यक कार्यों के रिवाइज्ड एस्टिमेट तैयार
कर भेजें तथा ऐसे कार्यों को भी चिन्हित करें जो स्वीकृत होने के बावजूद अब तक
प्रारंभ नहीं हो सके हैं। उन्होंने सभी सहायक यंत्रियों को नियमित रूप से इन
कार्यों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में कहा
कि ईई पीएचई शत प्रतिशत पूर्ण हुए कार्यों की भी रिपोर्ट दें। उन्होंने जिला
पंचायत सीईओ को निर्देशित किया कि पेयजल समस्या की जानकारी को एकत्र करने के लिए
जिला पंचायत में व्यवस्था बनाएं तथा पीएचई विभाग से समन्वय करते हुए इसका निराकरण
करें। उन्होंने पेयजल परिवहन की आवश्यकता को गंभीरता से साझा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अधिकारी मैदानी भ्रमण के दौरान जनता से बात करें तथा परिवहन की
आवश्यकता होने पर तत्काल परिवहन कराएं। उन्होंने अधिकारियों को दूरस्थ इलाकों का
भी दौरा करने के निर्देश दिए। साथ ही जल स्तर एवं पानी की समस्याओं की वास्तविक
स्थिति के परीक्षण के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि विगत पाँच वर्षों
के दौरान जिन क्षेत्रों में पेयजल परिवहन की स्थिति निर्मित हुई थी, कार्यपालन यंत्री उस रिपोर्ट का आंकलन करें तथा वर्तमान स्थिति से तुलनात्मक
अध्ययन करते हुए पेयजल परिवहन की समस्या के निराकरण के लिए प्रभावी कार्य करें।
हैंडपंपों के लिए ’कलर कोड’ लागू करें
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने
निर्देशित किया कि ज़िले में ऐसे हैंडपंप जो पूर्णतः ख़राब स्थिति में हैं, ऐसे हैंडपंप जो ख़राब हुए हैं किंतु उन्हें पुनः प्रारम्भ किया जा सकता है तथा
ऐसे हैंडपंप जो वर्तमान में प्रारंभ स्थिति में हैं, इन सभी का कलर
कोड सुनिश्चित किया जाए। इस काम में पंचायतों का भी सहयोग लें। उन्होंने निर्देशित
किया की पीएचई के मैदानी अमले के मोबाइल नंबरों को पंचायतों में प्रदर्शित करें
ताकि पानी से संबंधित स्थानीय समस्याओं को तत्काल मैदानी स्तर पर ही निराकरण किया
जा सके।
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