रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में पेंशन कर्मचारी के लिए गुजारा भत्ता नहीं, बुढ़ापे का सहारा होती है और उसी बुढ़ापे के सहारे को सरकार ने 19 वर्ष पहले कर्मचारियों से छीन लिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि 20-25 वर्ष की सर्विस के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कुछ कर्मचारियों को वृद्धावस्था पेंशन से भी कम पेंशन मिल रही है, जिससे उनकी पारिवारिक और सामाजिक स्थिति बहुत दयनीय हो चुकी है। कर्मचारी लगातार धरना, आन्दोलन, रैली, ज्ञापन महासम्मेलन के माध्यम से सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं, किन्तु अब तक सरकार ने इन म.प्र. के साढे छः लाख से अधिक कर्मचारियों अधिकारियों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सत्ता पक्ष के कुछ विधायक, सांसद, पदाधिकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग का मज़ाक उड़ाते हुए पुरानी पेंशन को सोया हुआ दानव, पाप का रास्ता और ना जाने क्या-क्या उपाधि देकर कर्मचारियों के गुस्से रूपी आग में घी डालने का काम किया है। वहीं विपक्षी पार्टियां पुरानी पेंशन के मुद्दे को लपककर चुनावी शतरंज की बाजी में अपनी चाल चल दी है। विगत दिनों गैर भाजपाई राज्यों की सरकारों ने अपने प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने के आदेश जारी कर दिए। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर पहली ही केबिनेट में पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा कर दी है।
एनएमओपीएस के आह्वान पर विधायकों का घेराव
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु, प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया, ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष डीके सिंगौर के आह्वान पर पूरे प्रदेश में विधानसभा सत्र के पहले विधायकों का घेराव करके पुरानी पेंशन बहाल करने का ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इसी क्रम में जिलाध्यक्ष दिलीप मरावी, जिलाध्यक्ष महिला विंग श्रीमती मीना साहू के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी घुघरी पहुंच कर बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा, निवास विधायक अशोक मसकोले सहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी व डिंडोरी विधायक एवं पूर्व ट्राइबल मिनीस्ट्रर ओमकार सिंह मरकाम का घेराव करते हुए पुरानी पेंशन बहाल करने संबंधी मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा। विधायकों ने कर्मचारियों की मांग का पूर्ण समर्थन करते हुए पुरानी पेंशन को कर्मचारी और सरकार दोनों के लिए लाभदायक बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व ट्रायबल मंत्री ओमकार सिंह मरकाम से मुलाकात
कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल प्रांताध्यक्ष डीके सिंगौर के नेतृत्व में घुघरी पहुंच कर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सिंह और पूर्व ट्रायबल मिनिस्टर ओमकार सिंह मरकाम से मुलाकात कर पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में विस्तृत चर्चा की। प्रांताध्यक्ष डीके सिंगौर ने नेताद्वय को बताया कि सरकार कर्मचारियों के वेतन का 10% और सरकार का अंशदान 14% कुल मिलाकर कर्मचारी के वेतन का 24% राशि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए शेयर मार्केट में लगा रही है। जिससे मिलने वाली पेंशन बहुत अल्प होती है, जिसमें कर्मचारियों के एक महीने की चाय का खर्च नहीं निकलता। यदि इतनी बड़ी राशि सरकार अपने खजाने में रखकर उसका सदुपयोग करे तो उसे सरकार स्वयं अन्य जगह निवेश करे तो इतनी बड़ी राशि से जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा सकती है और बाद में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन भी आसानी से दे सकती है। जिला प्रवक्ता अभित गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि नवीन शिक्षण संवर्ग के शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का लाभ देते हुए पुरानी पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ लें। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता ना करें शिक्षकों सहित सभी कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से ही पेंशन की पात्रता दी जाएगी।
ज्ञापन के दौरान महिला जिलाध्यक्ष मीना साहू, सरिता सिंह, अर्चना गुमास्ता, मीनाक्षी झा, सरला पटेल, संजूलता सिंगौर,मोमवती डोंगरे, रमेश गुमास्ता, सुरजीत पटेल, अजय मरावी, नरेश सैयाम, मंगलसिंग पन्दरे, शांति प्रकाश अग्रवाल, कमलेश मरावी, पुष्पेंद्र तिवारी, श्याम सुंदर अग्रवाल, प्रदीप पटेल, मनोज पटेल, भारत नेटी की सक्रीय भूमिका रही।
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