सरकार की विकास यात्रा पर उठ रहे है सवाल स्कूली नोनिहाल बच्चों का हो राह है स्तेमाल....
रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में इन दिनों प्रदेश सरकार के द्वारा अपने कार्यकाल में किये कार्यों की उपलब्धियो को लेकर गाँव गाँव जनता के बीच विकास यात्रा के नाम पर पहुँच रहे है आमजनों के घर उन्हें सरकार और सरकारी संचालित योजनाएं का बखान कर रहे है।
वही जहां वर्ष भर की मेहनत को लेकर छात्र छात्राये अपनी परीक्षा को लेकर जोर तोड़ से लगी हुई है वही दूसरी ओर जिला प्रशासन के द्वारा विकास यात्रा में अपने नम्बर बढ़ाने के चक्कर मे नोनिहाल स्कूली बच्चों को भी नही बख्शा जा रहा है विकास यात्रा में लोगो की भीड़ की न हो पाने के चलते ग्रामो संचालित सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्र छात्राओं को भीड़ का हिस्सा बनने शिक्षको को दबाब देकर भरी गर्मी में और अध्ययन के समय उन्हें अपनी राजनीति का हिस्सा बनाते हुए इन्हें अपनी विकास यात्रा में स्वगत करने हेतु और भीड़ का हिस्सा बनना कहाँ तक न्याय उचित लगता है कि जहाँ एक तरफ परीक्षा का समय नजदीक आ रहा है और इन्हें पढ़ाई लिखाई से वंचित रखते हुए इन्हें अपनी विकास यात्रा में शामिल कर कहा तक सही है।
वही दूसरी ओर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जो कि लाड़ली बच्चों के बीच लाडले मामा के नाम से जाने जाते है उनकी विकास यात्रा में बच्चों को शामिल कर भीड़ का हिस्सा बनना जिला प्रशासन को भारी पड़ सकता है, आप देखना यह कि यात्रा के संचालन में शासकीय तंत्र का दुरूपयोग कर रहे सरकारी अधिकारी कर्मचारियों पर जिला प्रशासन की मुखिया कलेक्टर उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही करते है, या फिर स्कूली बच्चों को अपनी संचालित विकास यात्रा में यू ही भीड़ का हिस्सा बनाते रहेंगे।
इनका कहना है....
सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास यात्रा में जो आज देखने को मिला है कि स्कूली बच्चों को अपनी यात्रा में भीड़ का हिस्सा बना रहे है बच्चों का परीक्षा का समय नजदीक है ये सरकार का कैसा विकास है और अगर विकास हुआ होता तो आज यात्रा में बच्चों की जगह में लोगो की हुजूम होता।
एड. राकेश तिवारी
अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी मंडला
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