दिन में वाहन सोते हैं,और रात को जाग जाते हैं
वही जानकारी के अनुसार की पूरे जिले भर में पूरी रात नदी नालों से वाहनों में रेत परिवहन का कार्य चालू रहता है, रात में रेत माफियाओं व इनके वाहन इतने थक जाते हैं की वाहन और रेत माफिया दोनों दिनभर आराम फरमाते हैं। पुलिस थाना और चौकियों के सामने से रेत से भरे वाहनों का धमाचौकड़ी चालू रहती है। जिससे स्पष्ट है की रेत माफियाओं से थाने चौकियों वाले से कैसे सम्बंध होंगे। रेत माफियाओं के द्वारा खुलेआम बताया जाता है की एक ट्राली रेत निकालने के लिए एक सप्ताह में 3 हजार रुपए थाना और चौकियों वालों को देना पड़ता है। पुलिस चौकी हिरदेनगर के अंतर्गत बंजर नदी में ही रात्रि में लगभग सौ से सवा सौ वाहन लगाकर रेत निकाली जाती है। तो अनुमान लगाया सकता हैं की सौ वाहन के सप्ताह में कितनी राशि की उगाही होती होगी। अगर यह राशि राजस्व के खजाने में जाती तो जिले का कितना विकास होता है। मगर जिम्मेदार वेतन लेने के साथ-साथ अलग से उगाही कर खुद का विकास कर रहे हैं।
रेत का अवैध परिवहन करते समय एक व्यक्ति की मौत
वही जानकारी के अनुसार बीते दिनों 16 फरवरी 2023 को रात्रि लगभग 10: 30 बजे सिलगी से बम्हनी के मध्य बना बंजर पुल टिकरी से अवैध रेत का परिवहन कर पुलिस थाने के सामने से गुजरते हुए बम्हनी पहुंचते- पहुंचते सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के थोड़ी आगे बाएं तरफ ढाल के पास ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट जाने से ट्रैक्टर मालिक की मौके पर ही मौत हो गई, और ड्राइवर घायल हो गया। जिसे बम्हनी स्वास्थ्य केंद्र से मंडला रेफर किया गया। पुलिस थाने के सामने से चोरी की रेत परिवहन की जा रही है, इसके बाद भी वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बम्हनी में दुर्घटना की खबर जैसे ही फैली वैसे ही पुलिस थाना से फोन कर बंजर नदी में रेत भर रहे चोरों को आगाह कर दिया गया था कि, अभी दो ढाई घंटे के लिए रेत निकालना बंद कर दे। दो ढाई बजे रात्रि से पुनः वाहन लगा लेना। इस तरह से पुलिस द्वारा रेत की चोरी करवाई जा रही है, जिससे रेत माफियाओं के हौसले बुलंद है। और जितने भी ट्रक्टरों से रेत का परिवाहन किया जा रहा है उनमें से अधिकांश ट्रक्टरों का कमर्शियल टेक्स नही कृषि उपयोग हेतु ट्रक्टरों से रेत चोरी गिट्टी ईट आदि में उपयोग में लाया जा रहा है इन ट्रक्टरों की परिवाहन विभाग द्वारा आज तक जांच नही की गई आखिर क्यों ये बड़ा सवाल...
इनका कहना है
शाम होते ही झूला पुल से नगर के अंदर ट्रैक्टरों की धमाचौकड़ी से जीना दूभर हो गया है, रात से लेकर सुबह तक घर के सामने से रेत लेकर निकलते है कोई इन्हें रोकने वाला नही ये सब बेलगाम हो चुके है।
भांगरे वार्डवासी
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