रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले में खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन की मौन सहमति से माफियाओं के हौसले बुलंद आख़िर रेत चोरो पर कार्यवाही क्यों नहीं।
प्रदेश के मुखिया की बाते अब दिन ब दिन ठंडे बस्ते में जाने लगीं हैं। उनका आदेश अब नाम मात्र के लिऐ बन कर रह गया है। क्योंकि वे मंच से कहते हैं। और अधिकारी और कर्मचारी मुख्य मंत्री की बातो का विपरीत मतलब निकल कर जमकर घोटाला और जनता को लूटते हैं। जिसके कारण जनता की सुनने वाला कोई नही हैं। वही इस वजह से जनता में आक्रोश पनपा रहा हैं। जिसका ज़बाब जनता चुनाव में खुल कर देगी।
वही मुख्यमंत्री कहते हैं। की माफिया राज खत्म कर दुगा मगर यहां तो नए नए रेत माफिया बड़ रहें है। और प्रशासन और पुलिस रेत माफिया पर अंकुश नहीं लगा पा रहीं हैं। वही बम्हनी बंजर नदी से रात भर रेत चोरी हो रही हैं। मगर खनिज विभाग और पुलिस विभाग मूक दर्शक बने हैं। रेत माफिया पठार क्षेत्र और प्रधान मंत्री आवास निर्माण में ऊंचे दामों में रेत बेच रहें हैं। वही इन रेत माफिया की गाड़ी रात में बेलगाम दौड़ती है। जिसकी जानकारी स्थनीय थाना और खनिज विभाग की मोन सहमति से जमकर फूलफल रहा हैं।
माफिया राज कब खत्म होगा या ना नही कोई नही कह सकता हैं।
वैसे ही मंडला जिले में बड़े बड़े माफिया हैं। जो किसी ना किसी राजनीतिक दल से जुड़े है। और उनकी आड़ में बड़ा खेल करते हैं। इसी तर्ज पर पठार छेत्र में रातों रात चोरी की रेत लाई जा रही हैं। वही रात भर रेत की गाड़ियां बेखौफ होकर रेत माफिया रेत चोरी करते है। वही खनिज विभाग के अधिकारियों को जानकारी होने के बाद सिर्फ जांच करने का झूठा दिलासा दिया जाता है। जिससे साफ पता चलता है। खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन रेत माफिया से कितनी बड़ी साठ गांठ हैं।वही पठार में ऐसे रेत माफिया है। जो रातों रात रेत लाकर ऊंचे दामों में रेत बेच रहे हैं। और खनिज विभाग अपना कमीशन लेकर चुप हैं।पठार क्षेत्र में इन दिनों प्रधान मंत्री आवास का काम जोरों पर चल रहा है। इस बात का फायदा रेत माफिया उठा रहे है। चोरी की रेत लाकर ऊंचे दामों में गरीब भोले भाले आदिवासियों को रेत बेच रहें है। वही डिठोरी सालीवाड़ा पिंडरई खिरखिरि में रात भर गाड़ियों की धमाचौकड़ी देखी जा सकती है वही नाम ना छापने की शर्त पर बताया की खनिज विभाग से साठ गांठ हैं। जिसके कारण चोरी की रेत धड़ले से लाई जा रही हैं। वही सवाल खड़ा होता है। की खनिज विभाग की नाक के नीचे से रेत माफिया रेत चोरी कर रहें हैं। और खनिज अधिकारी सिर्फ खाना पूर्ति कर रहे हैं। खैर जो भी है। क्या खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन बंजर नदी से चोरी हो रही रेत को क्या रोक पाएंगे या फिर मामला साठ गांठ के चलते दब जायेगा
इनका कहना है।
सर मेरा नाम मत छपना तो बता रहा हूँ । में तो गाड़ी मालिक के कहने से काम करता हूं। मुझे जानकारी नही है। की रेत कहा बेच रहें है। रात भर बंजर नदी से निकलती हैं और अपनी जगह में दो चार ट्रैक्टर डंप कर देते है फिर सेठ के कहने पर पहुँचा देते है ।
ट्रेक्टर चालक
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