रेवांचल टाईम्स - पुलिस अधीक्षक मंडला के निर्देशानुसार यह कार्यक्रम प्रत्येक इकाइयों में चलाई जा रही है जो की मंडला जिले के मोहगांव थाना प्रभारी विजय सिंह ठाकुर ने भी एक कार्य थाना में किया गया l
यह इमरजेंसी मेडिकल टेक्निक है जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे कार्डिएक अरेस्ट होता है।कार्डिएक अरेस्ट के दौरान, हृदय मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के बाकी हिस्सों में खून पंप नहीं कर सकता है। उपचार के बिना मृत्यु मिनटों में हो सकती है। सीपीआर में मरीज की छाती पर दबाव बनाया जाता है जिससे ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
CDC के अनुसार, वर्तमान में अस्पताल के बाहर कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित लगभग 10 में से 9 लोगों की मृत्यु हो जाती है। सीपीआर के जरिए इस समस्या को कम किया अजा सकता है। यदि कार्डियक अरेस्ट के पहले कुछ मिनटों में मरीज को सीपीआर दिया जाए, तो मरीज के जीवित रहने की संभावना को दोगुना या तिगुना हो सकती है।अपने दोनों हाथों को मरीज की छाती के बीच में रखें और 100 से 120 प्रति मिनट की दर से जोर से छाती पर धक्का दें। हर धक्के के बाद छाती को अपनी सामान्य स्थिति में आने दें। मेडिकल इमरजेंसी हेल्प नहीं आने तक ऐसा करते रहें।
उपस्थित रहे
डाॅ कमलेश मोहन झिकराम, भलावी विजय सिंह ठाकुर कुंवर बिसेन, के के विश्वकर्मा, तिलक राम दुरुकर, जगदीश धूमकेती, आर के झारिया, इंद्र सिंह राजपूत, शैलेंद्र मरकाम, आशीष तेकाम, सुचित्रा आर्मो, प्रहलाद कुशराम, राम प्यारी धुर्वे,रघुनाथ मरावी, समाजसेवी शेलकुमार नंदा, इन्द्रमेन मार्को, हीरासिंह उइके, संगम यादव, गोविंद झारिया, आकाश चक्रवर्ती, समस्त पुलिस स्टाफ के साथ आम नागरिक उपस्थित रहे।
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