दैनिक रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में भारतीय जनता पार्टी मंडला का संगठन अन्य पार्टी की अपेक्षा काफी मजबूत माना जाता रहा है सभी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का संगठन सक्रिय राजनीतिक संगठन के रूप में काम करता रहा है भाजपा में फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे कद्दावर नेता होना एक बड़ी उपलब्धि है वही भाजपा के चार बार के विधायक पूर्व मंत्री देव सिंह सैयाम राज्यसभा के सांसद श्रीमती संपत्तिया उइके जो संगठन के साथ सत्ता में भी काफी समय तक अपनी अलग पहचान बनाई है पर पूर्व विधायकों की सूची बहुत लंबी है जिसमें प्रमुख रूप से लगातार सक्रिय भूमिका निभाने वाले शिवराज शाह कि आए दिन चर्चा जिले भर में उनके बेहतर कामकाज के डर को लेकर होती रहती है। वही पूर्व विधायक पंडित सिंह धुर्वे और रामप्यारे कुलस्ते अपने राजनीतिक गणित में हमेशा लगे रहते हैं लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है निवास और बिछिया विधायक इनके उपर भारी पड़ रहे है। भारतीय जनता पार्टी में राजनीतिक दल की अपेक्षा पूर्व जिला अध्यक्ष भी अपने अपने क्षेत्र में काफी बखत रखने वाले नेताओं में शुमार है कहा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी का संगठन ढांचा बूथ स्तर तक मजबूत है लेकिन यह मजबूत किला धीरे-धीरे ढहने की कगार पर खड़ा है। नगर पालिका चुनाव से त्यागपत्र का सिलसिला नैनपुर से शुरू हुआ आज बीजेपी का एक्टिव कार्य कर्ता जो बीस साल से पार्टी में था कांग्रेस ने उस को लपका आज वो पार्षद बन गया नही तो बीजेपी में दरी फट्टी उठा था इस्तीफा का सिलसिला आज भी जारी है मोहगांव रामनगर अंजनिया घुटास बीजाडाडी निवास पर पार्टी संगठन में असंतोष बहुत जमकर पनपा है जिला मुख्यालय और नैनपुर में वरिष्ठ और जनता के बीच सक्रिय रहने वाले नेता पार्टी से किनारा कर चुके हैं हाल ही में विकास यात्रा के दौरान लगभग 30 कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री के हाथ अपना त्यागपत्र सौंप दिया चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं का त्यागपत्र देना आने वाले चुनाव के समय के लिए अच्छे संकेत नहीं है, भाजपा कार्यकर्ताओं का असंतोष अब सामने आने लगा है रामनगर क्षेत्र के वर्षों पुराने वरिष्ठ कार्यकर्ताओ के साथ मंडल प्रभारी जो जुगाड़ से जिला पदाधिकारी बना है उसने क्षेत्र के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ अपमानजनक व्यवहार किया शिकायत जिलाध्यक्ष तक पहुंची लेकिन जिलाध्यक्ष जुगाड़ वाले अपने पदाधिकारी के साथ खड़े नजर आए सूत्र बताते है उसका परिणाम यह हुआ वर्षो पुराना भाजपा के कार्यकर्ता अपने साथियों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गया अब यही घटना फिर होने वाली है बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पदाधिकारी कांग्रेस गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में जाने का मन बना लिए है भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष और पूरी टीम नगर पालिका और पंचायत चुनाव में मिली शर्म नाक करारी हार के बाद उसकी समीक्षा नहीं की और ना ही सबक लिया जिले की पूरी टीम का काम जमीन स्तर पर न होकर सोशल मीडिया न्यूज पेपर में अपनी ब्रांडिंग करने में ज्यादा सक्रिय दिख रहा है आम मतदाता आम नागरिक तक भाजपा पहुंचने में बहुत नाकाम साबित हो रही है।
प्रदेश सरकार की विकास यात्रा से किनारा कर रहे भाजपा पदाधिकारी।
वही भाजपा सरकार की विकास यात्रा विधानसभा चुनाव की पूर्व तैयारी का प्रीमियर है प्रशासन ने प्रभारी मंत्री बिसाहू सिंह के नेतृत्व में विकास यात्रा का आगाज भव्यता पूर्वक किया जिसमें भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को मंच पर विराजमान भी कराया गया बड़ी बड़ी माला पहनाई गई लेकिन पूरी विकास यात्रा जो भाजपा सरकार की उपलब्धियों को लेकर की जा रही है इस यात्रा से पूरी भारतीय जनता पार्टी ने किनारा कर लिया मुख्यमंत्री=प्रदेश अध्यक्ष लगातार इस यात्रा में अपनी ताकत झोंक रहे हैं लेकिन मंडला जिला अध्यक्ष सहित पूरी भाजपा की टीम इन दिनों विकास यात्रा छोड़कर निजी व्यवसाय यात्रा में मशगूल हैं
वही 2023 का चुनाव सामने है भारतीय जनता पार्टी का बिखराव लगातार जारी है पूरी भाजपा सुघोष में दिख रही है लेकिन जमीन खिसक रही है सच्चाई तो यह है भाजपा कागजों में ज्यादा जमीन पर कम है अभी भी लगातार हो रहे अंदरुनी विरोध का अंदाजा नेता पदाधिकारी नहीं लगा पाए तो अंजाम क्या होगा यह सबको पता है वैसे भी तीनों विधानसभा में भाजपा का प्रदर्शन काफी नाकाम और धीमा नजर आ रहा है जिसके कारण वर्षों बाद भारतीय जनता पार्टी मंडला जिले की तीनों विधानसभा सीट से साफ होते दिख रही है वही कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पूरी ताकत के साथ मैदान पर जनता की आवाज बनकर उतरे हैं आने वाले चुनाव में कांग्रेस गोंडवाना गणतंत्र पार्टी आपस में मिल बांटकर चुनाव लड़ेंगे जिसका नुकसान सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी को होगा और इस नुकसान का पूरा श्रेय भाजपा के मुखिया को मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष इन दिनों चाटु खोर से घिरे हुए है अंजाम पार्टी भोग रही है विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी नगर पालिका परिषद नैनपुर के चुनाव में जमानत तक नही बचा पाई एक वार्ड में। 9 महीने का अभी भी समय है भोपाल में बैठे पार्टी के मठाधीश चिंतन करें नही तो विधान सभा चुनाव में परिणाम झेले हो सकता है ये समाचार किसी को उसकी आलोचना का विद्या विषय लगे पर जो जमीनी हकीकत है उस से दूर नही जाया जा सकता है।
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