रेवांचल टाईम्स - भोपाल, वर्तमान दिनों में चमत्कार का दौर पूरे देश प्रदेश में चल रहा है हर तरफ हर अखबारों में और हर न्यूज़ चैनलों में साथ ही सोशल मीडिया पर चमत्कार की खबरें प्रकाशित हो रही है और चमत्कार को लेकर आस्था विश्वास और अंधविश्वास की बात सामने आ रही है लेकिन चमत्कार के दौर में एक और चमत्कार की खबर आपके सामने हैं। जो डिजिटल इंडिया के जमाने में चौंकाने वाली है चमत्कार से जुड़ी खबर राजस्व विभाग के सारा एप्लीकेशन से है जिसमें सेटेलाइट गिरदावरी का डाटा पटवारियों के मोबाइल एप्लीकेशन सारा एप्लीकेशन में भेजी गई है। वह किसी चमत्कार से कम नहीं क्योंकि डिजिटल इंडिया के दौर में यदि सेटेलाइट का डाटा किसी तालाब पर गेहूं का डाटा उपलब्ध कराया रहा हो या किसी आबादी की भूमि पर गेहूं की फसल का डाटा उपलब्ध करा दें या फिर रहवासी मकान व भवन को रिक्त भूमि दर्शा दे तो यह चमत्कार से कम नहीं और ऐसा ही चमत्कार इन दिनो मध्य प्रदेश के राजस्व विभाग में देखने को मिल रहा है। जहां शासकीय सारा एप्लीकेशन के द्वारा पटवारियों के मोबाइल में भेजा जाने वाला सेटेलाइट प्राप्त डाटा पटवारियों के लिए एक बडी चुनोती व परेशानी को जन्म देने अपनी भूमिका मे है! जहा सेटेलाइट गिरदावरी के डाटा मे विसंगति के अलावा कुछ है ही नही, विसंगति युक्त सेटेलाइट गिरदावरी कार्य कराकर सरकार पटवारियों से पानी कुटवाने का कार्य करा रही है। जबकि प्रदेश में पटवारियों के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा इसके पहले कई बार सारा एप्लीकेशन की कमियों और परेशानियों को लेकर अपनी बात शासन प्रशासन के बीच रखी जा चुकी हैं परंतु पटवारियों की बात सुनने और मानने के बगैर हर बार की तरह पटवारियों पर थौपी गई।
वही विसंगति पूर्ण सेटेलाइट गिरदावरी को लेकर मध्य प्रदेश पटवारी संघ के प्रांतअध्यक्ष उपेंद्र सिंह बघेल ने विसंगति पूर्ण गिरदावली की समस्या को लेकर प्रमुख सचिव राजस्व विभाग मध्यप्रदेश शासन और आयुक्त भू -अभिलेख ग्वालियर को पत्र लिखा है जिसमें रवि मौसम 2023 की गिरदावरी के लिए सारा एप्लीकेशन के नए वर्जन से सैटेलाइट इमेज से प्राप्त गिरदावरी के सत्यापन को लेकर प्रदेश के पटवारियों की बात रखी गई है जिसमें मौके पर रिक्त भूमि प्लाट में भी सैटेलाइट इमेज में फसल दिखाई जाना, सेटेलाइट से प्राप्त इमेज गिरदावरी में अधिकतर फसल गेहूं चना राई सरसों दिखाई देना जबकि अन्य भी फसलें बोई गई है वहीं सैटेलाइट इमेज से प्राप्त इमेज गिरदावरी को मौके पर सत्यापन के लिए प्राप्त नंबर बिना किसी निर्धारित अनुपात के प्राप्त होने, सत्यापन के लिए समय सीमा की अवधि बहुत कम उपलब्ध कराना इसके साथ ही सत्यापन उपरांत पटवारी के मोबाइल से फसल अपलोड नहीं हो पाना,प्राप्त इमेज में डूब क्षेत्र(पानी भरा क्षेत्र) में भी फसल दिखाइए देना। सारा एप्लीकेशन में तकनीकी विसंगतियों के कारण बार-बार अपडेट के पश्चात भी गिरदावरी माड्यूल में फसल विसंगति का काम नहीं हो कर बार-बार एप्लीकेशन से बाहर हटा देना पटवारियों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। वही पटवारी संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने साफ स्पष्ट करते हुए लिखा है कि विभिन्न प्रकार की विसंगतियों के साथ यह सत्यापन के लिए प्राप्त सारा एप्स का यह वर्जन कार्य करने योग्य नहीं है इस कारण से इन समस्याओं के समाधान होने तक प्रदेश के पटवारी द्वारा सैटेलाइट इमेज का मौके पर सत्यापन नहीं किया जा सकेगा प्रदेश के पटवारियों द्वारा सारा एप्लीकेशन पर गिरदावरी कार्य पूर्ण किया जा चुका है जिसकी जांच पुनः स्वयं पटवारी से ही कराई जाना उचित व न्याय संगत नहीं है।
वहीं विसंगति पूर्ण सारा एप की सेटेलाइट गिरदावरी शासन-प्रशासन की हंसी उड़ाने के लिए काफी है जो कि मध्यप्रदेश में अब तालाब में गेहूं लगा होने का चमत्कार केवल सेटेलाइट गिरदावरी में ही संभव है। मध्यप्रदेश को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया में चल रहे चमत्कारिक घटनाक्रम के बाद राजस्व विभाग का एक और घटनाक्रम चमत्कारिक रूप में सबके सामने है अब आप ही कहिए और आप क्यों नहीं कहेंगे कि जब डिजिटल इंडिया का दौर है तो इस तरह की गलतियां , विसंगतिया या फिर फेलुवर शासकीय कार्य के लिए एमपी गजब है एमपी अजब है।
वही इस पूरे मामले को लेकर कुछ लोगों का यह कहना है कि...
""सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यह जो सेटेलाइट गिरदावरी है इसमें कुछ भी सही नहीं है जहां पर घर बने हुए हैं वहां पर फसल लगी हुई दिखा रहा है जहां पर घास लगी है उसे सोयाबीन की फसल दिखा रहा है प्रदेश के पटवारी बहुत परेशान है पटवारियों ने गिरदावरी कर ली है और पटवारी की गिरदावरी से यदि किसान को फायदा हो जाएगा तो शासन इतना परेशान क्यों है इनकी एप्लीकेशन ही गलत है और गुणवत्तापूर्ण कार्य की कामना कर रहे हैं सारा एप्लीकेशन में कार्य सही नही हो रहा है गलत हो रहा है उसकी चिंता नहीं केवल कार्य होना चाहिये,
कुल मिलाकर अंधी दौड़ चल रही हैं
इसमें केवल किसानों का नुकसान है गिरदावरी हो चुकी है सेटेलाइट में पटवारियों को उलझाया जा रहा है जबकि सेटेलाइट सही कुछ बता ही नहीं रहा है इसी को लेकर मैंने पीएस महोदय को पत्र भी लिखा है कि हम सेटेलाइट गिरदावरी की जांच नहीं कर पिएंगे"
उपेंद्र सिंह बघेल
प्रांताध्यक्ष मध्य प्रदेश पटवारी संघ भोपाल
प्रदेश सरकार ने सारा एप्प गिरदावरी करने लांच किया जो बहुत ही भ्रमित कर रहा है जहाँ मकान बने है उसे रिक्त बता रहा जहा पर हरी घास लगी हुई उसे गेंहू सोयाबीन जहाँ तालाब बना हुआ उसमे फसल बताया जा रहा जहाँ पर पटवारियों से जल्द से जल्द कार्य कराने सेटेलाईट एप्प से काम कर रहे वह बहुत विसंगतियां नजर आ रही प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पत्र लिख कर हो रही परेशानी से अवगत कराया है।
गीतेश बैरागी
पूर्व जिला अध्यक्ष पटवारी संघ मंडला
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