रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले के अंतर्गत आने वाली निवास नगर परिषद के भी अजब गजब कारनामें सामने निकल कर लोगो के सामने आ रहे है आये दिन निवास की नगर परिषद जनचर्चा का विषय बना हुआ अब जनचर्चा में लोंगो के द्वारा हुए भ्रष्टाचार क्रय की गई सामग्री ऐसे अनेकों विषय अब पूरे नगर में जनचर्चा बनी हुई है और वही नगर के अंतर्गत आने वाले किसान और आसपास के गांव के किसान आवारा मवेशियों से परेशान हो गए है आवारा मवेशी फसलों को नुकसान पहुँचा रहे है जिसको लेकर किसान आवारा मवेशियों को कांजी हाउस में भेजा जाता है मगर यहां अपना कब्जा जमाए बैठे एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी द्वारा उन्हें छोड़ दिया जाता है बात करने पर उनके घर की महिला के द्वारा यह कहा जाता है कि गोबर महकता है यहां बंद नही करना है जिसके कारण किसान परेशान है विगत 27 और 28 दिसबंर को 6 किसान जिसमे से एक विशनपुरा, तालाब मोहल्ला, और बस्ती के किसानों ने आवारा मवेशी लेकर यहां पहुचे थे जिनने किसानों की फसल को खराब किया था उन्होने बताया कि हम 8 मवेशी लेकर आये थे कुछ देर बाद देखा तो केवल केवल 3 मवेशी बंद पाए गए बाकी के 5 मवेशियों को यहां से बाहर छोड़ दिया गया ।रेवांचल टाइम्स की टीम को नाम न छापने की शर्त में 2 किसानों ने बताया कि यहाँ पदस्थ कर्मचारी की धर्म पत्नी ने किसानों से बोला यहां बंद मत करो यहां गोबर की बदबू आती है । जब उनने बताया कि फसल खराब कर रहे है तो उनने गेट तो खोल दिया मगर कुछ ही देर बाद में उनको कांजी हाउस का गेट खोल कर फिर से आवारा छोड़ दिया गया जिसको किसानों ने स्वयं अपनी आँखों से देखा ।
और प्रमाण भी मिल सकता है बंदी से इस बात का प्रमाण काजी हाउस में पदस्थ कर्मचारी द्वारा काटी गई बंदी से मिल सकता है कि इन तिथियों में 8 मवेशियों की रसीद काटी गई है या नही और कांजी हाउस के रजिस्टर में भी यह दर्ज है या नही ।देखने मे आया कि लोक निर्माण विभाग का काम कर रहे कर्मचारी जो अधिकारियों के खास है और यहां अवैधानिक रूप से रह रह है इनके कारण नगर पंचायत को दोहरा नुकसान हो रहा है आवारा मवेशियों की रसीद भी नही कट रही है और नगर पंचायत को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है ।वही किसानों का गुस्सा परिषद के पदाधिकारियों पर देखने को मिल रहा है । किसानों को लगता है कि अध्यक्ष उपाध्यक्ष कुछ नही कर रहे है और उनकी समस्या में ध्यान नही दे रहे है जबकि यह सब कर्मचारियों की गलती है ।
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