रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिले में वर्तमान में बीते त्रिस्तरीय पंचायती राज में हुए अजब गजब कारनामें अब धीरे धीरे नये सरपंच और जनप्रतिनिधि समझ रहे है कि सरकार से मिली सरकारी राशि का लोगों ने कितना उपयोग किया और किन किन लोगों को काम दिया और ग्रामीणों को क्या क्या मुलभूत सुविधाएं मिली ये तो मंडला जिले की पंचायतों से जाने की सरपंच सचिव और उपयंत्री ने तो लगवाग्रस्त लोगों तक को काम दिया और उनसे मज़दूरी करवा ली और उनके बैंक खाते में राशि डाल कर निकाल भी ली पर बेचारा गरीब बुड़ा वृद्ध को पता ही नही चला कि उसने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में चल रहे मिट्टी मुरम की मजूदरी महेन्द्र पटैल के नाम फर्जी मस्टर रोल में हाजरी भरके 19 हजार 100 रुपये निकल गए और उसे पता ही नही चला जब नए सरपँच ने अपना कार्यकाल सम्हाला तो पता चला कि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच सचिव रोजगार सहायक और उपयंत्री के कारनामे निकल का सामने आये जहा पर सरपंच उपसरपंच मेम्बर ने जिला प्रशासन से जांच की माँग की है।
वही त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में नये-नये कारनामे सामने आ रहे हैं जहां पर पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, सरपंच के द्वारा इन कारनामों को अंजाम दिया जा रहा है। जो लोग वृद्ध, है शारीरिक रूप से दिव्यांग व लकवाग्रस्त हैं ऐसे लोगों के द्वारा पंचायत ने उनसे भी रोजगार गारंटी योजना में मजदूरी करवाया लिया है और मस्टर हाज़री लगा कर कार्यो को कागजों में दर्शाया गया है। जो लोग सालों से बिस्तरों में पड़े हुए हैं और उनको पता ही नहीं है कि वो मनरेगा में मजदूरी कर रहे हैं व इनकी मजदूरी भुगतान को भी सरपंच, सचिव, व रोजगार सहायक की मिलीभगत से राशि निकाल ली गई और इन बीमार बूढ़े लोगों को पता ही नहीं चल पाया।
यह पूरा मामला जनपद पंचायत बिछिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत धुतका का है जहाँ पर पूर्व सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और उपयंत्री के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से बीमार- लाचार चलने फिरने में असमर्थ ऐसे कई ग्रामीण हैं जिनको मनरेगा में काम करना कागजों में दर्शाया गया है व मस्टर रोल में मजदूरी करने की उपस्थिति दर्शायी गयी है। वाह रे जन प्रतिनिधि कि जो लोग हाथ पैरो से विकलांग हैं, चल फिर नहीं सकते' ऐसे लोगों की मस्टर रोल में उपस्थिति दर्ज कर उनकी सारी राशि निकालकर हजम कर गये। और लोगों को पता ही नहीं चला जब वर्तमान में हुए पंचायती चुनाव में नये चुने हुए सरपंच, उप सरपंच व पंच लोगों को आने के बाद नई पंचायत बाड़ी का गठन होने के बाद इनके द्वारा ग्राम सभा का आयोजन किया गया और दस्तावेजों का अवलोकन किया गया तब पता चला कि जिन लोगों ने कभी मजदूरी का काम किया ही नहीं है ऐसे लोगों के नाम से मजदूरी का भुगतान किया गया है और राशि निकाल ली गई है यह जानकारी जब समस्त पंचायत बाड़ी व ग्राम के सभी ग्रामीणों को लगी तो उनके पैरों से जमीन खिसक गई। पूर्व सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक के द्वारा पैसों की भूख के चलते इन लोगों के ने बीमार, लाचारों को भी नहीं छोड़ा और उनके नाम से आखिर किस तरह से सरकारी पैसो की होली खेली गई ये जिम्मेदार जान के भी अनजान बने हुए पर उन गरीबो का क्या जिनके हक में ये डाका डाल दिये जिला प्रशासन फिर वही जांच का झुनझुना बजाएगी और भ्रष्टाचार यू चलता रहेगा।
इनका कहना है....
मेरे पति को लखवा लगभग पांच साल से लगा हुआ न वो सही तरीके से बोल पाते है न ही चल पाते है हमने तो कभी मजदूरी की ही नही है खेती बाड़ी से अपना जीवन यापन कर रहे और गाँव के सरपंच सचिव पति महेंद्र पटेल के नाम से सरकारी पैसा निकाल लिया है हमे ग्रामसभा में पता चला है और गाँव के बहुत से लोग मजदूरी नही करते है, पर उनके नाम से भी पैसा निकाल लिए है।
मुन्नी बाई पटैल
ग्राम पंचायत धुतका
पुराने सरपंच सचिव रोजगार सहायक और उपयंत्री ने सरकारी पैसों को किस तरह से बंदरबांट किया है कागज़ो में ही पूरा काम कर दिया है पर जमी हक़ीक़त और लोगों से मिल कर पता चला है पुराने कार्यकाल के पंचायत कोई रिकॉर्ड नही है बस थोड़े बहुत ही है हमने ग्राम सभा मे सभी को बुलाया और पुराने रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि काम हुए ही नही और फर्जी मस्टररोल भर कर ऐसे ऐसे लोगो के नाम हाज़री लगाई है जो कभी काम मे जाते ही नही है और बहुत से तो बृद्ध है हमने जांच की माँग की है।
श्रीमती मीना मरावी
सरपंच ग्राम पंचायत धुतका
जनपद पंचायत भुआ बिछिया
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