रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले के विकास खण्ड नैनपुर जहां एक ओर शासन द्वारा लोगों की समस्याओं का शीघ्रता के साथ समाधान हो इसी सोच के साथ जनसुनवाई कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था मगर देख जा रहा है। कि मंगलवार को आयोजित होने वाली इस जन सुनवाई कार्यक्रम के तहत तहसील व ब्लाक पर आयोजित होने वाले जनसमस्या निवारण शिविर, लोक कल्याण शिविर मे जन समान्य की समस्याएं हल न होने के बाद शासन द्वारा जनसुनवाई कार्यक्रम बड़े जोर शोर से प्रारंभ किया गया था और शुरूआती दौर में इसका सिर्फ अनुविभागीय दंडाधिकारी को दायित्व सौंपा गया था मगर इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ सभी शासकीय कार्यालयों को निर्देश देकर जनसुनवाई कार्यक्रम लागू हुआ, जिसके चलते सभी शासकीय कार्यालयों के अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि वह प्रत्येक
मंगलवार को ग्यारह से एक बजे तक अपने कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई करेंगे, मगर यह आयोजन के चलते शुरूआती दौर में कुछ मामलों में असर कारक परिणाम देखने मिले है। मगर इसके बाद देखते ही देखते यह जन सुनवाई कार्यक्रम मे अधिकारियों द्वारा शायद रूचि लेना बंद कर दिया गया जिसके चलते ठंडे बस्ते में दिखाई देने लगी है, जिसमें विशेष रूप से देखा जावे तो ब्लाक स्तर पर बैठे बडे बडे अधिकारियों की हिटलर शाही माना जायेगा।अपनी शिकायते रखने लंबी लाईन लगने लगती हुई देखी जा गई थी, पर यहां के शासकीय कार्यालयों में कुछ माहों से यह देखने मे आ रहा है कि वर्तमान प्रशासन के मुखिया इस दिन की जिम्मेदारी अपने मातहतों को देने लगे व आवेदन पत्रों का त्वरित निराकरण के बजाये कई माहों में लचर गति से निराकरण हो रहा है या हो जायेगा जैसे जबाव हितग्राहियों को मिलने लगे, परिणामतः लोगों के जख्मों पर जनसुनवाई कार्यक्रम भी मरहम नही लगा पाया, लोग अब भी आस में आते है पर निराश होकर लौट रहे है, तहसील मुख्यालयों से लेकर ब्लाको के तो हाल बेहाल है यहां अधिकारी उक्त समय पर कार्यालय को गंभीरता पूर्वक क्रियान्वित करे तो ही जनता को इससे लाभ मिल पायेगा अन्यथा यह प्लॉप शो ही साबित हो रहा है।अब लोगों का रूख 181 की तरफ़ ज्यादा हो गया है। आवेदक हीरा सिंह सिसोदिया बरसो से नैनपुर में पेयजल की टंकी की सफाई को लेकर आवेदन निवेदन कर रहे हैं फिर भी उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।
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