रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले के अंतर्गत आने वाली नगर पंचायत निवास में अजीबो गरीब कारनामो के चलते नगर से लेकर जिले तक और जिले से लेकर संभाग तक मे अनिमित्ता की चर्चा हो रही है मगर यहां पदस्थ सीएमओ कुम्हरे कार्यपालन यंत्री प्रदीप मिश्रा के खास है और प्रदीप मिश्रा के कहने से सयुक्त संचालक परमेश जलोटा और अन्य अधिकारी कार्यवाही नही कर पा रहे है ये बड़े ही ताजुब की बात है कि एक दैनिक वेतन भोगी इन सब अधिकारियों के सामने वजनदार साबित हो रहा है जहाँ पर इतनी खबरों के बाद भी कोई कार्यवाही नही की जा रही है अब नगर में बड़ी तेजी से जनचर्चा का विषय बना हुआ है कि कही नगर परिषद को जो सरकार से नगर का विकास करने राशि प्राप्त हो रही वह गोलमाल करके ऊपर बेठे जिम्मदारों को भी पहुँचा रहा है या फिर गोलमाल करने ही उसे भेजा गया है कि एक छोटा कर्मचारी अगर गोलमाल करेगा तो किसी की कोई जबाबदारी नही होगी और इस छोटे कर्मचारी पर कार्यवाही होगी भी तो क्या पर अगर ये गोलमाल कोई बड़ा या रेगुलर कर्मचारी करेगा तो उसकी नोकरी जाएगी और शासन से मिलने वाली व्यवस्था राशि नही मिलेगी पर दैनिक वेतन भोगी का होगा भी तो क्या इस लिये शायद इस कर्मचारी को खुली छूट दे रखी है कि तुम सरकारी राशि का बंदरबांट करो और हमे लाकर दो बाकी हम सब देख लेंगे, वही नगर में जनचर्चा की चोर चोर सब मुसेरे भाई जिस कारण से आज खुलेआम दबंग दैनिक वेतन भोगी आज सिर उठा कर अपना काम कर रहा हैं।
और वही जिसके कारण आज तक कार्यवाही के नाम पर भोपाल में बैठे अधिकारी और मीडिया को गुमराह किया जा रहा है जब से खबरे प्रकाशन हुई है इस बीच लगभग 3 से 4 बार नोटिश दिए गए मगर आज तक सीएमओ कुम्हरे पर न इजीनियर रोजिया डोगरे न मोहन मरूआ पर कोई कार्यवाही नही हुई है जिसके कारण इनके हौसले बुलंद है सयुक्त संचालक के द्वारा केवल कागजो में ही कार्यवाही की खाना पूर्ति चल रही है और ले देकर मामला को दवा दिया जा रहा है ।वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निवास नगर परिषद में दैनिक वेतन भोगी का प्रमोशन होता जा रहा है निवास जब नगर पंचयात बनी थी तब सीएमओ एम एल सारस इस मोहन मरूआ को डिंडोरी के वार्ड में झाड़ू लगवाने और साफ सफाई के काम के लिए लेकर निवास आये थे मगर इस कर्मचारी ने नगर परिषद के साथ साथ नगर के विकास में मिलने वाली राशि में साफ सफाई करने शुरू कर दिया और अचानक ऐसा क्या हुआ कि यह सफाई के काम से हटकर कभी जल प्रदाय की फाइल, तो कभी डीजल की फाइल, तो कभी स्वच्छता की फाइल, और अब लोक निर्माण का फाइल चला कर फील्ड से आफिस में बैठने लगा दैनिक वेतन भोगी का सीधा प्रमोशन हो गया जो सभी के लिए हतप्रद बना हुआ है एक रेगुलर कमर्चारी को प्रमोशन के लिए कई सालो तक परीश्रम करना पड़ता है।
मगर निवास नगर पंचायत में अजीबो गरीब खेल खेला जा रहा है जहां 2 से 3 साल में ही एक सफाई कर्मचारी को फील्ड से सीधे जल प्रदाय की फाइल, स्वच्छता की फाइल, डीजल की फाइल, लोक निर्माण विभाग की फाइल, चलाने को दे दिया गया जिसने जमकर अधिकारियों के साथ खेल खेला इस कर्मचारी ने सबसे ज्यादा खेल मीना कोरी के समय मे खेला है। जल्द ही रेवांचल टीम ऐसी अनेको क्रय की गई सामग्री का खुलासा करेगी जो केवल कागजो में खरीद ली गई है और जमी में कुछ भी नही दिखाई पड़ रहा है । वही एक दैनिक वेतन भोगी जिसको कलेक्टर रेट से भुगतान मिल रहा पर वह अपने ठाठ बाठ किसी अधिकारी से कम नही है, वही इन सब बातों से ये यह सावित होता है कि इसको आफिस में बैठाया जाना कोई पूर्व में पदस्थ रहे अधिकारियों की योजना रही है अधिकारियों को चापलूसी कर कर के ये अपना फील्ड से कार्यालय में प्रमोशन करा लिए और आज फर्जी फाइल चला चला कर अपनी और अधिकारियों की जेब गर्म कर रहे है । इनके द्वारा नगर के लोगो के काम भी समय पर न किये जाने की जानकारी है जिससे नगर के लोगो मे भी रोष है । मोहन मरूआ जब वह फील्ड में सेवा दे रहे थे तब उनकी स्थिति कुछ और थी और आज इनके पास लाखो का प्लाट, गाड़ी, जेवर आदि चल अचल संपत्ति जो कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है और बहुत सी चल अचल संपत्ति परिवार के नाम है जो जांच का विषय और अगर जांच होती है तो सब पानी का पानी और दूध का दूध निकल कर सामने आ जायेगा जब इनके पास इतनी सम्पति है तो इनके आकाओं ने कितनी बेनामी संपत्ति अर्जित की होगी ये तो (EOW) आर्थिक अपराध शाखा जबलपुर ही जांच कर बता पायेगी ।
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