रेवांचल टाईम्स - मण्डला ब्लॉक युवक कांग्रेस कमेटी बीजाडांडी के अध्यक्ष आकाश सोनी ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये गरीब परिवारों को मिलने वाला सस्ता गेहूं सरकार द्वारा बंद कर दिये जाने से गरीब मजदूरों को बाजार से महँगा गेहूं खरीदना पड़ रहा है,जिससे गरीब मजदूरों की बढ़ती महंगाई में आर्थिक मुश्किलें बढ़ रहीं है1 राशन दुकानों से गेहूँ देना बंद करना गरीबों पर मोदी-शिवराज सरकार का बड़ा हमला है। सरकार का यह निर्णय गरीबों का सस्ते राशन का अधिकार छीनने जैसा है।पहले सरकार ने राशन दुकान से मिलने वाला शक्कर,मिट्टीतेल बंद किया अब गेहूं देना बंद कर दिया,जो गलत है।
उन्होनें कहा कि समाज के कमजोर वर्ग को उचित मूल्य राशन दुकानों से मिलने वाले सस्ते राशन से काफ़ी राहत मिलती थी,उन्हें गेहूँ बाजार से नहीं खरीदना पड़ता था,गेहूं देना बंद करने से सरकार गरीब मजदूरों को बाजार के हवाले कर दिया है जहां राशन की कीमतों पर आये दिन उतार चड़ाव रहता है, गरीब मजदूर वर्ग को बाजार के हवाले करना मतलब भुकमरी में धकेलना है। गरीब जरुरतमन्द लोगों को कांग्रेस सरकार के समय 10किलो गेहूँ प्रति व्यक्ति दिया जाता था जो अब कम करके 5किलो किया,अब वह भी बंद कर दिया।जिसे कोई भी व्यक्ति उचित नही ठहरा सकता। ब्लॉक युवक
कांग्रेस की मांग है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर निर्भर गरीब परिवारों भोजन का अधिकार कानून के तहत सस्ता राशन पुर्व की तरह शक्कर,चावल,मिट्टीतेल,गेहूँ उपलब्ध कराया जाय।
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