मंडला 20 दिसम्बर 2022
15 नवंबर 2022 से मध्यप्रदेश में ’पेसा अधिनियम’ लागू हो चुका है। पेसा अधिनियम अधिकारों का विकेंद्रीकरण करने का एक
महत्वपूर्ण प्रयास है। इस अधिनियम के माध्यम से ग्रामसभाओं को विशेष रूप से सशक्त
करने का प्रयास किया जा रहा है। पेसा एक्ट के तहत विभिन्न समितियों के गठन का
प्रावधान किया गया है।
विवाद निवारण समिति
करेगी पारंपरिक निदान
पेसा अधिनियम के अंतर्गत
अनेक प्रकार की समितियां गठित की जाएंगी जिसके अंतर्गत विवाद निवारण समिति, राजस्व समिति, वनाधिकार समिति प्रमुख
हैं। विवाद निवारण समिति द्वारा स्थानीय स्तर पर होने वाले विवादों को सुलझाया
जाएगा। थाने में एफआईआर होने के पश्चात पुलिस अधिकारी विवाद के संबंध में जानकारी
विवाद निवारण समिति को प्रदान करेगा। समिति विवाद को स्थानीय स्तर पर तथा पारंपरिक
तरीके से समाधान देने का प्रयास करेगी। इसी प्रकार प्रत्येक वर्ष के प्रारंभ में
स्थानीय पटवारी द्वारा राजस्व अभिलेख प्रस्तुत किए जाएंगे। ग्रामसभा अभिलेख में
मौजूद त्रुटि आदि का परीक्षण करेगी एवं सुधार सुनिश्चित कराएगी।
तेंदूपत्ता संग्रहण का
कार्य कर सकेंगी ग्रामसभा
अधिनियम के अंतर्गत
ग्रामसभा को वन अधिकार से संबंधित अनेक प्रावधान एवं अधिकार दिए गए हैं। इसके
अंतर्गत लघु वनोपज समितियों का गठन किया जाएगा। ग्रामसभा लघु वनोपजों के प्रबंधन
का कार्य भी कर सकेगी। ग्रामसभाओं द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य होगा। 3-4 ग्रामसभा मिलकर भी संयुक्त रूप से यह कार्य कर सकती हैं।
ग्राम सभाओं द्वारा अब लघु वनोपजों के संग्रहण, कीमत निर्धारण
तथा विक्रय का कार्य भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
ग्रामसभा का अध्यक्ष
बनेगा आम व्यक्ति
ग्रामसभा गांव के आमजनों
के द्वारा गठित की जाएगी। इस सभा का अध्यक्ष एक आम व्यक्ति बन सकता है। ग्रामसभा
में पंचायत के जनप्रतिनिधि अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे। ग्रामसभा का सचिव, पंचायत का सचिव होगा या इसकी अनुपस्थिति में सभा द्वारा सर्वसम्मति से चुना
गया कोई शिक्षित एवं जिम्मेदार व्यक्ति होगा। ग्रामसभा का कार्यालय गांव के किसी
भी सरकारी कार्यालय में हो सकता है या सभा की अनुमति से अन्यत्र भी हो सकता है।
ग्रामसभा निधि का होगा
गठन
पेसा अधिनियम के अंतर्गत
ग्रामसभा द्वारा सृजित की जाने वाली निधियों के लिए एक खाता खोला जाएगा। यह खाता
संयुक्त रूप से सभा के एक महिला तथा एक पुरूष सदस्य के माध्यम से संचालित होगा। इस
निधि में ग्रामसभा द्वारा की जाने वाली आर्थिक गतिविधियों से होने वाले लाभ जमा
होंगे। निधि का संचालन एवं निर्णय ग्रामसभा द्वारा होगा।
नशामुक्ति के लिए विशेष
प्रावधान
पेसा अधिनियम के अंतर्गत
सामाजिक दायित्वों को भी शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत ग्रामसभा नई शराब दुकान
की अनुमति के संबंध में प्रस्ताव पारित कर सकती है। साथ ही स्थानीय स्तर पर किसी
महत्वपूर्ण अवसर पर शराब आदि की दुकान बंद करने अर्थात शुष्क दिवस घोषित करने के
संबंध में प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेज सकती हैे।
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