रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले के नारायनगंज थाने में एक शिक्षिका की शिकायत की गई शिकायत के दौरान जांच पर जबलपुर निवासी को सहायक आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से निलबिंत किया गया मामला माननीय न्यायालय तक पहुँचा जिसमे न्यायालय ने सुनवाई के दौरान दोषी पाते हुए सात साल की सजा सुनाई।
जानकारी के अनुसार निवास में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रही शिक्षिका को अपर सत्र न्यायालय ने सात वर्ष की सजा सुनाई है दरअसल एक व्यक्ति व्दारा 2014 में रीता रैकवार के खिलाफ पुलिस अधीक्षक जबलपुर को शिकायत की थी कि रीता रैकवार फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रही है पुलिस अधीक्षक जबलपुर ने जिसकी जांच का जिम्मा तत्कालीन डीएसपी क्राइम को सौंप दिया जांच उपरांत पता चला कि शिक्षिका नारायणगंज जिला मंडला में संविदा वर्ग दो में पदस्थ हैं लिहाज़ा मामले को थाना टिकरिया में संस्थित किया गया लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती उज्जवला उइके ने बताया कि टिकरिया थाना पुलिस के व्दारा विवेचना के बाद चलान माननीय अपर सत्य न्यायालय में दाखिल किया गया था न्यायालय में आय साक्ष्य के आधार पर आज अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार लड़िया ने आरोपी शिक्षिका को दोषी पाते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई है एवं बीस हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है।
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