रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में अधिकारियों और जिम्मदारों कि उदासीनता के चलते सरकार से लोगो को मिलने वाली मुलभूत सुविधाओं और योजनाओं में जम के किया भ्रष्टाचार शिकायतें हुई और जांच के नाम पर अधिकारियों ने सरकारी पैसों पर अपना अधिकार जताया और नोटो के सामने शिकायत फ़ीकी पड़ी और भ्रष्टाचार करने वालो का बोल बाला रहा।
वही ग्राम के लोगो ने बताया कि सरकार से हम लोगो जो सुविधाएं मिलनी थी वह सरपँच सचिव अपने क़रीब और रिस्ते दारो को दिया गया और फ़र्जी नाम से भुगतान किया गया भाजपा सरकार में खुल के योजनाओं में भ्रष्टाचार किया जा रहा है न कोई सुनने वाला है और न ही देखना वाला है जिसको मौका मिला उस मौके को नही छोड़ा है और वर्तमान में हमारे यहां पर कांग्रेस के विधायक है वह भी अपने क़रीबी लोगो को विधायक निधि का काम दे रहे है और उनमें भी भ्रष्टाचार हो रहा है आज मवई सहित जिले के हालत बत से बत्तर हो गए है।
वही ग्राम मड़फा में विकास के नाम पर पूर्व सरपंच कवल सिंह धुर्वे द्वारा पिछले पंचवर्षी में अपने पद पर रहते हुए जो भ्रष्टाचार किए हैं जिसके खिलाफ ग्राम पंचायत मडफा के ग्रामवासियों द्वारा जनपद पंचायत मवई में शिकायत दर्ज कराया गया,
ग्राम पंचायत मडफा के निवासियों का शिकायत है कि सरपंच कवल सिंह धुर्वे द्वारा अपने पद पर रहते हुए व्यक्तिगत शौचालय का पैसा अपने चहेते ठेकेदारों और अपने मित्र बोधू सिंह मरावी का बिल लगाकर लाखों रुपए निकाल लिया गया है, जबकि बोधू सिंह मरावी ग्राम पंचायत मडफा का निवासी ही नहीं है, और ना ही पंचायत क्षेत्र में कहीं भी एक भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है, और अपने ससुर के नाम से बिल लगाकर 2 व्यक्तिगत शौचालय का 12000/ के दर से 24000/ का भुगतान ई. पी. ओ. दिनांक 17/06/2021 को किया गया समझ में नहीं आ रहा जहां पंचायत के सैकड़ों लोगों को 1 शौचालय नहीं मिल पाया है वहां पर पूर्व सरपंच द्वारा अपने ससुर को 2 शौचालय दिया गया।
इसी से पता चल रहा है किस प्रकार का कार्य अपने कार्यकाल में कवल सिंह धुर्वे द्वारा किया गया
कवल सिंह धुर्वे को अपने पद का इतना घमंड हो गया था कि मिठ्ठन लाल मरावी का बिल ईट क्रय के नाम से लगाकर अपने स्वयं के खाते में 6000/- का भुगतान ई. पी. ओ. दिनाँक 16/03/2019 को किया गया l और कवल सिंह धुर्वे भ्रष्टाचार में इतने लिप्त हो गए थे की सरपंच मानदेय के लिए 3 बिल लगाकर 37000/- का भुगतान कर लिया जबकि मानदेय कि राशी जनपद से दिया जाता है , और कवल सिंह धुर्वे द्वारा पंच पद मानदेय हेतु उमेश कुमार का बिल लगाकर पंच मानदेय हेतु 16000/- आहरण किया गया था परंतु कवल सिंह धुर्वे द्वारा पंच मानदेय कि राशी पंचों को नही दिया गया कवल सिंह धुर्वे को अपने पद का इतना गुमान था कि जो सार्वजनिक कुंआ मडफा में बनना था वो कुंआ को बिना बनवाए ही ग्राम मुरता के नाते रिश्तेदारों के नाम से मस्टर रोल जारी कर ₹122280रु. का भुगतान कर लिया गया
और पद में रहते हुए कवल सिंह धुर्वे द्वारा अपने रिश्तेदार चरन सिंह मरकाम को 3 प्रधान मंत्री आवास का ठेका दिया गया था परंतु पैसा आहरण होने के 4,5 वर्ष बाद भी आवास का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है,
पूर्व सरपंच कवल सिंह धुर्वे द्वारा शासकीय नियमावली को ताक में रखकर अपने निजी स्वार्थ के लिए अनेकों भुगतान किया गया इसी का परिणाम हैं कि पंचायत कि जागरूक जनता ने पंचायत चुनाव में कवल सिंह धुर्वे को फिर से सत्ता में आने का मौका नहीं दिया,
कवल सिंह धुर्वे द्वारा इतने भ्रष्टाचार किया गया है अगर लिखने जाऊ तो पूरा दिन कम पड़ जाएगा आप सभी भुगतान बिल और मस्टर रोल देख सकते है संलग्न हैं।
वही ग्रामीणों ने पुख्ता सबूत के साथ जिम्मेदारों तक पहुंचा दिया है और मध्यप्रदेश शासन के न्याय की प्रतीक्षा में प्रतीक्षारत है और क्या ग्राम पंचायत की जनता न्याय मिलेगा या फिर जांच के नाम भ्रष्टाचार होगा और बनी फ़ाइल ठंडे बस्ते रख दी जाऐगी...
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