रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले में इन दिनों माफ़िया राज के चलते अबैध कारोबारियों के हौसले भी बुलन्द नजर आ रहे है और पुलिस विभाग इन अबैध कारोबारियों के सामने बोना नजर आ रहा जहाँ एक तरफ प्रदेश के मुखिया रोज मंच से अपराधियों ओर अबैध कारोबारियों पर कार्य करने जिम्मेदार अधिकारियों को आदेश दे रहे हैं पर उनके अधीनस्थ अधिकारी उनके आदेश को हवा में ले रहे है।
वही जानकारी के अनुसार मंडला जिले की राजनीति का केन्द्र बिन्दु नारायणगंज तहसील अंतर्गत अवैध कारोबार अपनी चरम सीमा पर है परंतु स्थानीय और जिला प्रशासन बेखबर होकर मूकदर्शक बना हुआ है
मामला है नारायणगंज क्षेत्र में फैले सट्टे के अवैध कारोबार का लगातार अखबारों के माध्यम से सट्टा पट्टी का समाचार कई दिनों से प्रकाशित हो रहा है परंतु स्थानीय प्रशासन इस ओर कोई ध्यान आकर्षित नहीं कर पा रहा है चुप-पुट कार्रवाई कर के सिर्फ खानापूर्ति का कार्य पुलिस प्रशासन द्वारा किया जाता है परंतु सट्टेबाजों के आकाओं पर जब कार्रवाई की बात आती है तो प्रशासन चुप्पी साध लेता है जिससे ग्रामीण जनों में आक्रोश है
विधायक- सांसद को नहीं है क्षेत्र की गतिविधियों से नही रखते मतलब
चुनाव में वादे और जीतने के बाद क्षेत्र में ध्यान ना देना मंडला जिले के नेताओं की पुरानी आदत है नारायणगंज क्षेत्र में खुले आम चल रहे अवैध सट्टा पट्टी के कारोबार की जानकारी जिले से लेकर स्थानीय नेताओं को भी है परन्तु जनप्रतिनिधि भी प्रशासन पर कभी भी इस मामले में पुलिस प्रशासन पर कभी कार्रवाई करने के लिए दबाव नहीं बनाते जिसके कारण आम जनता खासी परेशान हैं
पुलिस प्रशासन की खुद पोल खोलते हैं सट्टेबाज दलाल
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस प्रशासन की सट्टा पट्टी लिखने वाले दलाल खुलेआम पोल खोलते नजर आते हैं कि प्रशासन को उनका हिस्सा हर महीने दे दिया जाता है इसलिए कुछ कार्रवाई नहीं हो सकती अब तो हर गली-मोहल्ले में यह चर्चा होनी लगी है कि पुलिस प्रशासन का राईट हेड बन कर सट्टेबाज दलाल अपना काला कारोबार समूचे नारायणगंज क्षेत्र में आबाद कर रहे हैं।
स्कूली बच्चों और युवाओं में लगी सट्टे की लत
नारायणगंज क्षेत्र में सट्टा पट्टी का कारोबार मकड़ जाल की तरह समूचे क्षेत्रों में फेल चुका है इस काले खेल में स्कूली बच्चों से लेकर युवा पीढ़ी भी फंसकर अपने घर का पैसा इन सट्टा पट्टी लिखने वाले दलालों को डबल करने की लालच में दे देते हैं और अपना पैसा गवा बैठते हैं परंतु प्रशासन ध्यान नहीं देता , आये दिन सट्टा पट्टी में पैसा गंवाने वाले लोगों के घरों में विवाद होते हैं और कई परिवार रोजाना उजड़ रहे हैं।
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