मंडला 26 दिसम्बर 2022
वर्ष 2004 से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संतानों हेतु शिक्षा हेतु
प्रोत्साहन राशि योजना संचालित की जा रही है। यह योजना म.प्र. राजपत्र 13 जुलाई 2018 में प्रकाशित अधिसूचना अनुसार
असंगठित श्रमिकों के लिए प्रवर्तित मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत
संचालित मुख्यमंत्री जनकल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना के अनुरूप प्रवर्तित की
गई है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना के क्रियान्वयन हेतु नोडल
विभाग तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग है। योजना के संबंध में तकनीकी
शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा जारी परिपत्र परिशिष्ट-2 पर संलग्न है। परिपत्र में
उल्लेखित समकक्ष लाभ मण्डल के पंजीकृत श्रमिकों की संतानों को प्राप्त करने की
पात्रता है। योजना का संक्षिप्त विवरण तथा प्रावधान अंतर्गत मध्यप्रदेश के पंजीकृत
असंगठित कर्मकारों की संतानों को निःशुल्क उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये ’मुख्यमंत्री जन कल्याण (शिक्षा
प्रोत्साहन ) योजना’ सत्र 2018-19 से लागू की गई। योजना की
पात्रता एवं शर्त म.प्र. भवन एवं उच्च संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में
विद्यार्थियों के माता, पिता
का निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीयन हो। इंजीनियरिगं की पढ़ाई में कोई भी
विदयार्थी जिसने जेईई मेन्स परीक्षा में 1 लाख 50 हजार के अंतर्गत रैंक प्राप्त किया है, अगर किसी भी शासकीय अथवा
अशासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में उपरोक्त आधार पर प्रवेश प्राप्त करता है तो देय
शैक्षणिक शुल्क मंडल वहन किया जाएगा। मेडिकल की पढ़ाई में जिन विद्यार्थियों ने
राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा के आधार पर केन्द्र या राज्य शासन के मेडिकल
कॉलेज,
डेन्टल कॉलेज
के एमबीबीएस, बीडीएस
पाठ्यक्रम एवं मध्यप्रदेश में स्थित प्राईवेट मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस पाठ्यक्रम
में प्रवेश प्राप्त किया हो, उन विद्यार्थियों को देय शैक्षणिक शुल्क मंडल द्वारा वहन
किया जाएगा।
पैरा मेडिकल साईंस डिप्लोमा, डिग्री, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में योजना में
पैरामेडिकल साईन्स के डिप्लोमा, डिग्री एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम जो किसी भी शासकीय
चिकित्सा महाविद्यालय अथवा उसके अधीन (शासकीय) संचालित किये जा रहे हो, शामिल होगें। विधि की पढ़ाई में
(कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) अथवा स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में बारहवी कक्षा के बाद
एडमिशन वाले कोर्स के विद्यार्थियों को देय शैक्षणिक शुल्क मंडल द्वारा वहन किया
जाएगा।
भारत सरकार के प्रमुख संस्थान, विश्व विदयालय में पढ़ाई के लिए भारत सरकार
तथा राज्य सरकार के समस्त विश्वविद्यालय, संस्थानों में संचालित ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं इंटीग्रेटेड
पोस्ट ग्रेज्युशन प्रोग्राम एवं ड्यूल डिग्री कोर्स (जिसमें मास्टर डिग्री के साथ
बैचलर भी सम्मिलित है) के विद्यार्थियों को देय शैक्षणिक शुल्क मंडल द्वारा वहन
किया जाएगा। राज्य शासन के महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक, आईटीआई में पढ़ाई के लिए राज्य शासन के समस्त शासकीय एवं
अनुदान प्राप्त महाविद्यालय, विश्वविद्यालय में संचालित समस्त स्नातक पाठ्यक्रमों, पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में
संचालित समस्त डिप्लोमा पाठ्यक्रमों एवं आई.टी.आई. (ग्लोबल स्किल पार्क को
सम्मिलित मानते हुए) को योजना के अन्तर्गत शामिल किया जाएगा। शुल्क की प्रतिपूर्ति
के लिए योजना के अन्तर्गत उच्च शिक्षा हेतु विभिन्न संस्थाओं को देय शैक्षणिक
शुल्क के रूप में, प्रवेश
शुल्क एवं वह वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क एवं कॉशनमनी को छोड़कर) जो शुल्क विनियामक
समिति अथवा मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अथवा भारत सरकार, राज्य शासन द्वारा निर्धारित
किया गया हो, का ही भुगतान
किया जाएगा।
अन्य शर्ते इस योजनान्तर्गत लाभ पाने वाले छात्रों को
प्रवेशित संस्था के नियमानुसार विषय तथा पाठ्यक्रम को समय-सीमा में पूर्ण करना
आवश्यक होगा, अन्यथा यह लाभ
बंद कर दिया जाएगा। शासकीय संस्थाओं के विद्यार्थियों को देय शुल्क संस्था के खाते
में देय होगा, जबकि
निजी संस्थाओं के विद्यार्थियों को देय शुल्क विद्यार्थी के आधार लिंक खाते में
देय होगा। विद्यार्थी द्वारा राज्य व केन्द्र शासन की किसी अन्य योजना प्राप्त कर
सकेगा। सहायता प्राप्त होने की स्थिति में अन्तर की राशि ही सभी मध्यप्रदेश के
युवा जो इस योजना के लाभार्थी होगें व उनका परिवार स्वेच्छा से शिक्षा पूर्ण होने
के उपरान्त मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्थापित फंड में उनके जैसे अन्य छात्रों की
सेवा हेतु योजना के अन्तर्गत प्रदाय की गई राशि को वापिस जमा करना चाहेगें, ऐसा कर सकेगें। इस योजना
अन्तर्गत पात्र विद्यार्थियों जो पूर्व से अध्ययनरत है, उन्हे वर्ष 2018-19 से उसी अनुसार शुल्क के भुगतान की
प्रतिपूर्ति, छूट की
पात्रता होगी, जैसे 2018-19 में प्रवेशित (प्रथम वर्ष) के
पात्र विद्यार्थियों को होगी। स्वीकृति हेतु पदाभिहित अधिकारी के लिए संबंधित
शैक्षणिक संस्था के प्रमुख होंगे। आवेदन मुख्यमंत्री जनकल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन)
योजना के स्कॉलरशिप पोर्टल http://scholarshipportal.mp.nic.in/Index.aspx पर ऑनलाईन आवेदन किया जा सकता है।
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