रोजगार सहायक की तानाशाही के चलते मजदूरों को नहीं मिल पा रही मजदूरी गांव के मजदूर पलायन करने पर हो रहे मजबूर
रेवांचल टाइम्स डिंडोरी--- डिंडोरी जिला आदिवासी बाहुल्य जिला माना जाता है जहां डिंडोरी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुड़िया कला के सचिव रोजगार सहायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया पिछले कुछ दिन पहले रेवांचल टाइम्स समाचार पत्र ने इस खबर को लेकर प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिस पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डिंडोरी के द्वारा खबर को प्रमुखता से संज्ञान में लेते हुए जांच समिति गठन किया गया है जिसमें भोजराज परस्ते अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी जनपद डिंडोरी एवं दादूराम कवर पंचायत समन्वयक अधिकारी डिंडोरी को नियुक्त किया गया है एवं दो दिवस के अंदर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए आदेशित किया गया है अब देखना यह होगा कि रोजगार सहायक इंद्र सिंह वालरे को अपनी करतूत की उच्च अधिकारी द्वारा क्या सजा दी जाती है मध्य प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जिलों में मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं! ताकि मजदूरों के पलायन को रोका जा सके, एवं उन्हें ग्रामों में ही रोजगार उपलब्ध हो सके! किंतु डिंडोरी जिले कि कुछ ग्राम पंचायतों में पंचायत कर्मियों की तानाशाही के चलते इसके विपरीत कार्य हो रहे हैं! एक ऐसा ही मामला विकासखंड डिंडोरी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुड़िया कला का प्रकाश में आया है, जहां रोजगार सहायक इंद्र सिंह वालरे की तानाशाही के चलते मजदूरों को 100 दिवस का रोजगार नहीं मिल पा रहा है, सत्र गुजरने को है, और अभी मजदूरों को बमुश्किल 30 से 40 दिवस का रोजगार ही मिल पाया है, मेंटो द्वारा बताया गया कि रोजगार सहायक को हम डिमांड में कितने ही मजदूरों का नाम दे, दे! वह अपनी मर्जी के अनुसार ही अपने चहेते मजदूरों का नाम मस्टररोल में जारी करता है, मजदूरों द्वारा बताया गया कि हमसे अनेकों बार आधार नंबर एवं पासबुक की फोटो कॉपी फ्रीज एवं अनफ्रीज के नाम पर ले लिया गया, उसके बावजूद हमारा नाम मस्टरोल में आता ही नहीं!मजदूरों द्वारा बताया गया कि पिछले सप्ताह हमसे एक सप्ताह कार्य कराया गया था, और मजदूरी किसी को 1 दिन की तो किसी को 2 दिन की एवं किसी के खाते में 3 दिन की डाली गई है! इस संबंध में रोजगार सहायक से बात करने पर तकनीकी समस्या का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया करता था अब देखना यह होगा कि भला मजदूरों की समस्याओं का समाधान कैसा
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