रेवांचल टाईम्स - मंडला, मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले मैं साक्षरता की योजनाओं में भारी धांधली लापरवाही मनमानी चल रही हैl निरक्षर को साक्षर नहीं किया जा रहा है बल्कि फर्जी तरीके से मंडला जिले को पूर्ण कार्यात्मक साक्षर प्रशासन द्वारा घोषित कर दिया गया हैl जबकि हकीकत इसके उलट हैl यह सभी को ज्ञात है कि आज भी इस जिले में निरक्षरता का कलंक नहीं मिल पाया हैl प्रशासन द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से ज्ञान आलय कार्यक्रम एवं प्रथक से निरक्षरता से आजादी अभियान संचालित किया गया थाl जबकि इसी समय नवभारत साक्षर योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थीl जिसका क्रियान्वयन नहीं किया गया अलग से हटकर कार्यक्रम संचालित किए गए और यह सभी कार्यक्रम कागज में क्रियान्वित किए गए कागज में क्रियान्वयन होने की वजह से प्रशासन द्वारा पूर्ण कार्यात्मक साक्षर घोषित कर दिया गयाl नवभारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत सामाजिक चेतना केंद्रों को विकसित नहीं किया जा रहा है l सभी संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैंl अक्षर साथियों
का पंजीयन भी पूरी तरह नहीं हो पाया हैl पढ़ाने लिखाने के लिए कोई सामग्री नहीं दी जा रही हैl इसके अलावा पढ़ाने की एवज में कोई राशि भी नहीं दिए जाने के लिए कहा जा रहा हैl कुल मिलाकर अक्षर साथियों का शोषण करने की पूरी योजना नवभारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत बना ली गई है lमानव श्रम व मानव अधिकारों का हनन इस योजना के अंतर्गत किया जाएगा ऐसी पूरी संभावना दिखाई दे रही हैl जना अपेक्षा है अक्सर साथियों को पर्याप्त मानदेय दिया जाए एवं साक्षर भारत मिशन के प्रेरकों को जो विगत कई वर्षों से बेरोजगारी की मार झेल रहे हैंl इन्हें स्थाई रोजगार प्रदान कर नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में काम करने का अवसर दिया जाए साथ में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का क्रियान्वयन हकीकत के धरातल में किया जावे और इस संबंध में जो भी लापरवाही तड़प रहा है उसके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जावे.l पूर्ण कार्यात्मक साक्षर घोषित करने वाले तमाम अधिकारियों को जांच के दायरे में लाया जाए कि आखिरकार जिला कैसे पूर्ण कार्यात्मक साक्षर हो गया उच्च स्तरीय जांच की मांग नागरिकों ने की है।
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