दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला भारत जोङों यात्रा के दौरान खरगोन जिले के भानबरङ में प्रदेश की विभिन्न परियोजनाओ से विस्थापित समुदाय के बीच राहुल गांधी के साथ चर्चा आयोजित किया गया था।इस बैठक में नर्मदा घाटी के सरदार सरोवर बांध, बरगी बांध, चुटका परणणु परियोजना प्रभावित, कुनो एवं कान्हा नेशनल पार्क विस्थापित और बक्सवाह हीरा खदान से प्रभावित समुदाय के लोग थे।पहले बात रखते हुए चुटका परणणु विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष दादु लाल कुङापे कहा कि बरगी बांध में जमीन का बहुत ही कम मुआवजा देकर धोखा किया गया था और अब चुटका परियोजना में बिना सहमति के जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है।उन्होने कहा कि जमीन के बिना हम आदिवासी जिंदा नहीं रह सकते हैं, क्योंकि हमारे पास खेती के अलावा कोई कौशल ज्ञान नहीं है।बरगी विस्थापन की त्रासदी हमारे बच्चे भोग रहे हैं।बरगी बांध विस्थापित मत्स्य उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ के अध्यक्ष मुन्ना बर्मन ने कहा कि बरगी जलाशय में मत्स्य उत्पादन में गिरावट के कारण मछुआरा रोजगार के लिए पलायन को बाध्य है।दूसरी ओर राज्य मत्स्य महासंघ द्वारा प्रदेश में मछली पकङने का मजदूरी 32(बङी) और 18(छोटी) रूपये प्रति किलो भुगतान किया जाता है। उन्होने कहा कि प्रदेश में जलाशय का मछली ठेकेदारी व्यवस्था समाप्त कर विस्थापितों की सहकारी समिति को मत्स्य उत्पादन एवं विपणन का अधिकार दिया जाए। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व निवास विधायक डाक्टर अशोक मर्सकोले ने किया।
सभी परियोजनाओ से विस्थापित समुदाय की बात सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासियों को जमीन और गांव से विस्थापित करना अन्याय है।गरीब लोगों की जमीन को छिनकर बङे कार्पोरेट को दिया जा रहा है।इस अन्याय को रोकने के लिए सभी को मिलकर बिना डरे लङना होगा। यूपीए के समय बनाए गए भूमि अधिग्रहण कानून, वन कानून, सूचना का अधिकार कानून जैसे अनेक कानूनों को कार्पोरेट के पक्ष में कमजोर किया जा रहा है।उन्होने कहा कि आदिवासी, किसान, मछुआरे,छोटे व्यापारी और बेरोजगार युवा अपने उपर होने वाले अन्याय के खिलाफ बिना डरे आवाज उठाएं और भारत जोङो का उद्देश्य भी यही है।विगत 23 नवम्बर को बुराहन पुर की भारत जोङो यात्रा में राहुल गांधी के साथ पैदल चलकर बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के राज कुमार सिन्हा ने नर्मदा घाटी का विस्थापन, अवैध रेत खनन और प्रदुषित होती नर्मदा पर विस्तृत बात बताई थी।
विस्थापन की बैठक में पुर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी जय प्रकाश अग्रवाल, पुर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश,पुर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर, चुटका की मीरा बाई मरावी, राज कुमार सिन्हा के अलावा अन्य लोग भी शामिल थे।
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