जबलपुर।सेहतमंद मौसम में शहर की फिजा को निर्माण कार्यों ने बिगाड़कर रख दिया है। हालात यह हैं कि शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर 300 के आंकड़े को पार कर गया है। मप्र प्रदूषण बोर्ड के विज्ञानियों की नजर में यह आंकड़े चौंकाने वाले तो हैं ही, बेहद खराब भी हैं। इससे मरीज तो परेशान होंगे ही, सामान्यजन भी संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। शहर में तेजी से चल रहे विकास कार्यों में अधिकारियों की मनमानी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की चुप्पी इस इस को और विकराल कर रही है। शनिवार को शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर 304 रहा। शहर में हर तरफ धूल-मिट्टी के गुबार उठ रहे हैं। वाहन से लेकर सड़क किनारे लगे पेड़-पौधे तक धूल से ढंक चुके हैं। सड़क पर उड़ने वाली धूल से रोकने के लिए पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है।
प्रदूषण का स्तर बढ़ने की वजह..
जबलपुर में प्रदूषण एकाएक नहीं बढ़ा है। हवा में प्रदूषण का स्तर लगभग हर रोज 200 से ज्यादा बना हुआ है और अब को 300 के पार पहुंच गया। जो दर्शा रहा है कि हवा में धूल और मिट्टी बिल्कुल कम नहीं हो रही है, बल्कि बढ़ रही है। इसके लिए मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से लगातार नगर निगम प्रशासन को जानकारी अपडेट की जा रही है। फिर भी नगर निगम और लोक निर्माण विभाग वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित नहीं दिख रहे हैं। बता दें कि तकरीबन एक पखवाड़ा पूर्व तत्कालीन कलेक्टर इलैयाराजा टी ने सड़क निर्माण से जुड़े कार्यों का जायजा लिया था और निर्माण के दौरान पूरी सावधानी और सफाई रखने को कहा था। उसके बाद कुछ दिन पानी का छिड़काव सड़कों पर हुआ था, लेकिन अब हालात बुरे हो गए हैं।
इन जगहों पर भारी परेशानी..
दमोहनाका, अहिंसा चौक, उखरी रोड, गोलबाजार, स्नेहनगर, घमापुर, मदन महल, मेडिकल, नयागांव किसी भी मार्ग पर निकल जाएं, हर तरफ निर्माण की वजह से सड़कों पर धूल-मिट्टी साफ दिखाई देगी। इन मार्गों पर तो ट्रैफिक रेंग-रेंग कर चलता है, सड़कें खुदी हुई हैं। साफ-सफाई नहीं होने के कारण मिट्टी सड़कों पर पड़ी होती है जो वाहन निकलते ही हवा में उड़ने लगती है।
नही होता पानी का छिड़काव..
निर्माण स्थल को ढंककर कार्य किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है। खुले में कचरे का परिवहन होता है जो सड़क पर उड़ता है। धूल मिट्टी को कम करने के लिए निर्माण स्थल लगातार पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए।
इनका कहना है...
वायु गुणवत्ता सूचकांक हर समय रियल टाइम डेटा बताता है। इसके अनुसार हवा में प्रदूषण की रोकथाम के प्रयास संबंधित निकाय को इस दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए। प्रदूषण बोर्ड इस संबंध में नियमित सूचना देता है।
-अरुण जैन, क्षेत्रीय अधिकारी, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
धरम गौतम
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