रेवांचल टाइम्स,सिवनी । लोकायुक्त दल जबलपुर ने शुक्रवार को सिवनी तहसील परिसर में एक पटवारी को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। भोंगाखेड़ा मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षक संजय तिवारी ने नामांतरण आदेश जारी होने के बावजूद पटवारी द्वारा खसरा रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने व ऋण पुस्तिका बनाने के बदले 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी।
बाद में दोनों के बीच 3 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। इसकी शिकायत प्रार्थी शिक्षक ने लोकायुक्त दल जबलपुर में दर्ज कराई थी। शिकायत का परीक्षण करने के बाद 25 नवंबर को लोकायुक्त दल ने आरोपित पटवारी विपुल बरमैया को रिश्वत के 3 हजार रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
14 नवंबर को जारी हुआ नामांतरण आदेश
प्रार्थी शिक्षक संजय तिवारी ने बताया कि, सिवनी शहर के भैरोगंज में पटवारी हल्का सिवनी रैयत अंतर्गत मां के नाम पर एक प्लाट दर्ज था। यह प्लाट मां ने उन्हें रजिस्टर्ड दान पत्र से मेरे नाम रजिस्ट्री की थी। 14 नवंबर को न्यायालय तहसीलदार सिवनी ने प्लाट का नामांतरण आदेश पारित किया गया था।इसके बाद जब वह खसरा पर अपना नाम चढ़ाने व ऋण पुस्तिका बनाने सिवनी रैयत में पदस्थ पटवारी विपुल बरमैया से मिले तो उन्होंने नाम चढ़ाने व ऋण पुस्तिका बनाने के एवज में 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। बाद में पटवारी 3 हजार रुपये में ऋण पुस्तिका बनाने और खसरा में नाम दर्ज कराने तैयार हो गया। इसकी लिखित शिकायत प्रार्थी ने लोकायुक्त जबलपुर में दर्ज कराते हुए कार्रवाई करने की मांग की थी।परीक्षण में शिकायत सही पाये जाने पर लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने शुक्रवार जाल बिछाकर रिश्वत के रुपये लेकर प्रार्थी को भेजा, जहां तहसील परिसर में मौजूद पटवारी ने रिश्वत के रूपये अपने पास रख लिए। पीछे से तैयार लोकायुक्त दल ने आरोपित पटवारी को रंगे हाथ दबोच लिया।
कार्रवाई से मचा हडकंप
सिवनी तहसील परिसर में लोकायुक्त की कार्रवाई से कुछ देर के लिए कर्मचारियों में हडकंप मच गया।बाद में तहसील कार्यालय के एक कमरे में लोकायुक्त दल ने दस्तावेजी कार्रवाई पूरी की। पटवारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर मुचलके पर छोड़ दिया गया है। लोकायुक्त दल ने निरीक्षक कमल सिंह उइके, निरीक्षक नरेश कुमार बेहरा, निरीक्षक रंजीत सिंह व अन्य सदस्य शामिल रहे।
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