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Sunday, October 16, 2022

आदिवासी जिला में नहीं हो रहा अदेशों का पालन, खुलेआम बिक रही हैं प्लास्टिक के कैरी बैग व सामग्री...




रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला मुख्यालय से लेकर पूरे जिले में खुलेआम प्लास्टिक के कैरी बैग व उनसे बने सामग्री खुलेआम बिक रहें हैं। जिला मुख्यालय में थोक व्यापारियों के द्वारा छोटे बड़े व्यापारियों को बेच रहे हैं, जिससे खुलेआम प्लास्टिक का व्यापार बड़े स्तर पर हो रहा हैं, और नियम कानून को धता बताते हुए इसका पालन कोई नहीं कर रहा हैं। जिला प्रशासन के द्वारा अवैध प्लास्टिक विक्रेता के विरुद्ध  मुहिम चलाने के बाद भी व्यापारी अमल नहीं कर रहेऊ हैं। प्लास्टिक की रोकथाम एवं उपयोग के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने जुर्माना और सजा का प्रावधान भी रखा हैं। जिला स्तर पर भी जिला प्रशासन के द्वारा प्लास्टिक के उपयोग व विक्रय पर प्रचार-प्रसार करते हुए रोक लगाने के आदेश करने के बाद ही थोक विक्रेताओं के द्वारा छोटे व बड़े व्यापारियों को विक्रय कर रहे हैं। प्लास्टिक व प्लास्टिक से बने सामग्री का विक्रय का उपयोग मात्र चार-पांच दिन के लिए बंद कर दिया गया था, इसके बाद पूरे शहर में प्रत्येक व्यापारियों के द्वारा खुलेआम सामग्री को प्लास्टिक के कैरी बैग में दिया जा रहा है। 


त्यौहार में जमकर होता है प्लास्टिक से बने सामग्री का उपयोग


बता दें कि बीते त्योहारों में हर चौराहे तिराहे में प्लास्टिक के पाउच, प्लास्टिक के गिलास व अन्य सामग्री ढेर देखने को मिले होंगे। इसके अलावा नगर पालिका से कचरा ढोने वाले वाहन में प्रतिदिन सफाई कर्मी के द्वारा ढेर सारी प्लास्टिक का अंबार चौराहे तिराहे पर कचरा घर से उठाकर कचरा भरने वाले वाहन में भरते हैं, जिसे देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि जिला मुख्यालय में प्लास्टिक की रोकथाम में कोई अंकुश नहीं लग पाया है। प्लास्टिक के विक्रेताओं के विरुद्ध राज्य सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए नियम कानून का पालन क्यों नहीं किया जा रहा हैं। नगर प्रशासन के द्वारा भी प्लास्टिक की रोकथाम के लिए अनेक जगह प्लास्टिक व प्लास्टिक से बने सामग्री को जप्त कर कार्यवाही की गई, इसके बाद भी थोक व्यापारी निडर होकर छोटे बड़े व्यापारियों को प्लास्टिक के कैरी बैग और उससे बने सामग्री को रुपए के लालच में परोस रहें हैं। 


शहर की बड़ी खाईयां और जगह जगह कचरे के साथ प्लास्टिक का अम्बार


वहो नगर पालिका के अधिकतर वार्डो में कचरा पेटी में कम उसके आसपास में प्लास्टिक का भयंकर मंजर देखने को मिल सकता हैं। जहां पर शासकीय कर्मचारी

शासकीय आवास में निवास करते हैं। इसी तरह शहर की मुख्य बड़ी खाइयों में व्यापारियों के द्वारा दुकान से निकलने वाला कचरा और प्लास्टिक को फेंक दिया जाता हैं। जिला मुख्यालय मंडला के हर तरफ नालियों से लेकर शासकीय कार्यालय के प्रांगण के आसपास भी प्लास्टिक व कचरा का ढेर देखा जा सकता हैं।


सुपर मार्केट से लेकर अस्पताल कम्लेक्स में खुलेआम बिक रहीं हैं प्लास्टिक के कैरी बैग


बता दें कि जिला मुख्यालय के

सुपर मार्केट के सब्जी बाजार और मछली मार्केट में खुलेआम सामाग्रियों को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर दी जा रही हैं और उसी मार्केट में भी व्यापारियों के द्वारा तौल-तौल कर छोटे बड़े व्यापारियों को प्लास्टिक कैरी बैग विक्रय किया जा रहा हैं। मछली और मटन विक्रेता के द्वारा भी भयंकर रूप से प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा हैं। इसके अलावा फल-फूल के व्यापारियों के द्वारा भी प्लास्टिक के थैलियों में भर कर दे रहे हैं। क्या कारण है कि लम्बे समय से पवित्र नगरी मंडला मुख्यालय में  प्लास्टिक का व्यवसाय लम्बे स्तर पर फल-फूल रहा हैं और इसकी रोकथाम के लिए प्रशासनिक अमला आगे आ रहा हैं पर राजनीतिक स्तर के लोग आगे क्यों नहीं आ रहें। वही बन्द के आदेश के बाद भी खुलेआम उपयोग में लाई जा रही है पन्नी रही बात कार्यवाही की तो जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी एक दो दिन जाँच की कार्यवाही कर अपना पलडा झाड़ते नजर आ रहे है।

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