रेवांचल टाईम्स डेस्क - मंडला नगर में शासकीय कार्यालय व शासकीय आवासों के सामने व्यापारियों का अतिक्रमण...
मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में प्रशासनिक लचर व्यवस्था के चलते निरंतर मंडला नगर के अंदर अस्थाई व स्थाई व्यापारियों की बाढ़ सी आ गई हैं, जिसके चलते यातायात प्रभावित होने साथ-साथ आवागमन में भी बाधा उत्पन्न हो रहीं हैं। मंडला माहिष्मति नगरी में लगातार रोज अस्थाई व्यापारी फुटपाथ से लेकर नगर के हर चौराहे पर अपना पैर पसार रहें हैं। नगर प्रशासन की उदासीनता के कारण शहर की गलिया संकीर्ण होती जा रहीं हैं, जिसका खामियाजा आम नागरिक को झेलना पड़ रहा हैं।
शासकीय कार्यालय व आवासों के सामने भी अतिक्रमण
बता दे कि मंडला नगर में शासकीय आवासों व कार्यालयों के सामने तक प्रतिदिन सब्जी विक्रेता, फल के विक्रेता, हेलमैट के विक्रेता, कपड़े के विक्रेता, चश्मा विक्रेता, पेड़-पौधे गमले विक्रेता, जड़ी-बूटी व अन्य सामग्री के विक्रेताओं के द्वारा रोज दुकानें लगा रहें हैं। जिनका बोलबाला लगातार बढ़ रहा हैं। नगर प्रशासन का बेदखली ठेकेदार रुपयों की लालच में ऐसे चल-अचल व्यापारियों को पनाह दे रहें हैं। जिसके चलते लगातार शहर की सड़कों पर निडर होकर व्यापारी अपना कब्जा कर बैठें हुए हैं। होमगार्ड आफिस, वन विभाग के शासकीय आवास, नेहरू स्मारक, पीडब्ल्यूडी कार्यालय, पुलिस थाना कोतवाली, विधायक का आवास, ग्यानदीप स्कूल, निर्मला स्कूल, भारत ज्योति स्कूल, जज के बंगले के सामने व अन्य शासकीय कार्यालयों के आसपास व अन्य स्थानों तक की जगह को नही छोड़ा गया हैं। दिन में अतिक्रमण करने के अलावा रात में चिकिन मटन बिरयानी की दुकाने भी निर्मला स्कूल के सामने व एसडीओ के शासकीय आवास के सामने, ग्यानदीप स्कूल के पास व विधायक का आवास के सामने दुकाने लगाकर चिकिन मटन व बिरयानी बेचते हैं, जहाँ पर शराबियों की जमघट लगी रहती हैं, साथ ही ये व्यापारी अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिये शराबियों के लिए गिलास व पानी भी आसानी से उपलब्ध करा देते हैं।नगर प्रशासन व जिला प्रशासन इस ओर जल्द अपना ध्यान नही दिया तो वह दिन दूर नहीं कि जब आम नागरिकों का गुस्सा प्रशासन पर फूटने लगे।
नगर में स्थापित स्मारको में भी अतिक्रमण
लालीपुर से लेकर अन्य स्मारकों व आसपास की जगहों पर अवैध रूप से चल व्यापारी अपना कब्जा कर व्यापार कर रहें हैं। सुपर मार्केट का फुहारा का अस्तित्व ही मिट गया हैं। इसी तरह जिला चिकित्सालय व सब्जी मार्केट के बीच बना छत्रपति शिवा जी का स्मारक व फुहारा का तो
नेस्त-ऐ-नाबूद हो गया था समाचार पत्र में सच का आईना दिखाने के बाद शिवाजी छत्रपति का स्मारक को नए सिरे से बनाया गया है। बाकी स्मारक बदहाल पड़े हुए हैं, कुल मिलाकर शासन की राशि की होली खेली गई हैं। स्मारक व फुहारा की स्थिति पूर्व नगर पालिका प्रशासन के कार्यकाल से अपने अधूरे पन की कहानी स्वयं बयां कर रहें हैं। वर्तमान नगर प्रशासन को अपने संज्ञान में लेकर फुहारे एवं स्मारकों की बिगड़ी दशा को ठीक कराने में रुची लेना चाहिए, जिससे मंडला माहिष्मति पवित्र नगरी का कायाकल्प व सौंदर्यीकरण हो सकें।
आकस्मिक अपातकालीन सेवा में बाधा पड़ती हैं अतिक्रमण
नगर के चिलमन चौक से कमानिया गेट व रेडक्रॉस के सामने से सब्ज़ी मार्केट से जिला चिकित्सालय तक पहुँचने में आकस्मिक सेवा वाहनों में मरीजों को अतिशीघ्र सेवा देना होता हैं, लेकिन सब्जी व्यापारी व फल-फूल विक्रेताओं के कारण आकस्मिक आपातकालीन सेवा वाहन समय पर सेवा देने से वंचित रह जाते हैं, जिसके कारण बीमार व दुर्घटना के मरीजों की जान भी चली जाती हैं। बढ़ती बेरोजगारी के चलते सभी व्यापारी अपने रोजी-रोटी व अपने परिवारों के ऊदर पोषण करने के लिए कहीं पर भी अतिक्रमण कर अपना व्यवसाय करने को मजबूर हैं।नगर प्रशासन व जिला प्रशासन से जन अपेक्षा हैं कि उल्लेखित अतिक्रमण को हटाने के पुख्ता इंतजाम कर व्यापारियों का भी एक चिन्हित स्थान उपलब्ध कराये जाये, जिससे अवैध अतिक्रमण हटने के साथ-साथ चल-अचल व्यापारियों का व्यवसाय चलता रहें।
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