दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला इस समय हम देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे है इन 75 सालों में देश ने जमीन से लेकर आसमान तक विकास का सफर तय किया है लेकिन वर्तमान में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है जिसके चलते अब गरीब तबके के लोग पुराने संसाधनों की और लौटने लगे है ऐसा ही एक नजारा मंडला-डिंडोरी जिले में देखने को मिला,जहां बसों के बढ़ते किराए से परेशान लोगों ने गधों और घोडों पर सवारी करना शुरु कर दिया है डिजिटल इंडिया में गधों और घोडों पर सवारी
ग्रामीण भूखे-प्यासे रहकर करते लंबा समय तय
बढ़ा बस किराया तो गधे और घोड़े बने सहारा
देखिए विकास के दावों की पोल खोलती तस्वीर मंडला और डिंडोरी बहुल आदिवासी जिले में प्रदेश सरकार विकास के बड़े बड़े दावे करती है और विकास के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च भी करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है इस डिजिटल इंडिया के दौर में गधे की सवारी कर के भूखे प्यासे सौ किलोमीटर दूरी और पंद्रह घंटो का सफ़र मजदूरी करने को लोग डिंडोरी जिले से मंडला जिले आ रहे है लोगों ने बताया की बसों का भी किराया बढ़ गया है इसलिए गधों और घोड़ों की सवारी करने के लिए मजबूर है।
धानु लाल विश्वकर्मा,डिंडोरी और लाल सिंह विश्वकर्मा,सकवाह जिला डिंडोरी डिजिटल इंडिया में गधों पर सवारी करते देख लगता है की मंडला जिला अभी भी विकास से कोसो दूर है। सरकार भले ही विकास के बडे बडे दावों करें लेकिन अभी भी मूल हितग्राही शासन की योजनाओं से वंचित है
डिजिटल इंडिया में गधों और घोडों पर सवारी
बढ़ा बस किराया तो गधे और घोड़े बने सहारा
देखिए विकास के दावों की पोल खोलती तस्वीर
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