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Wednesday, October 12, 2022

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा चैक डैम कमीशन खोरी के खेल में एसडीओ और सीईओ ने आंख बंद कर किया भुगतान...सरकारी धन की खेली होली...





रेवांचल टाईम्स - आदिवासी जिलों में सरकारी योजनाओं आख़िर की क़दर सरकारी धन की होली खेली जा रही है ये न जनप्रतिनिधियों से और न ही सरकार के नुमाइंदों से किसी से आज तक छुपा नही इसके बाद भी कार्यवाही न होना ये एक बना प्रशंन्न बना हुआ है। मीडिया अपना काम समय समय मे कर रही है सोए हुए जिला प्रशासन और कुंभकर्णी नीद में सोय जनप्रतिनिधियों को मीडिया अपनी खबरों से आये दिन जागरूक कर रही है पर सरकारी योजनाओं में किये गए भ्रष्टाचार में भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों को उनकी सेवा शुल्क दिए बिना निचले स्तर में भ्रष्टाचार होना सम्भव नही सरकारी योजनाओं में जिम्मेदार सरपंच सचिव रोजगार सहायक और उपयंत्री के बिना सहमति से निर्मित निर्माण कार्यो में भ्रस्टाचार होना सम्भव नही है पर इनके द्वारा किये भ्रष्टाचार में कही न कही इनके ऊपर बैठे जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की जेब भरी होने के कारण शिकायत होती है पर जाँच के नाम पर लीपापोती कर अपना पलड़ा झड़ते है और कहि खुद ही न फस जाए इसलिए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के द्वारा किये गए भ्रष्टाचार में जांच के नाम पर पर्दा डालते नजर आते है। जिले में अनेक विभागों में किये गए भ्रष्टाचार की खबरे मीडिया में प्रकाशित हुई पर आज तक कोई भी भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे नही पहुँचा बल्कि उसके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार से जोड़े हुए पैसों को बाट खुद को बचाते चले आये है।

      वही जानकारी के अनुसार एक और सरकारी धन से होली खेली गई है जिसका जीता जागता उदाहरण है कि घटिया सामग्री से निर्माण हुए चेक डैम में जगह जगह से दरारें आ गई है क्या इस लाखों से बने स्टाप डेम किसी के काम आयेगा या इसमें पानी रुक पाएगा या फिर स्टाप डेम केवल पैसे कमाने के लिए बनाया गया है ये बड़ा प्रश्न है।


कमीशन खोरी की खेल में दिख रही जमीनी हकीकत


 डिंडोरी जिले के जनपद पंचायत बजाग विकासखंड में इन दिनों भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है जिसमें जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के साथ साथ सहायक यंत्री और इंजीनियर सवालों के घेरे में है, सवाल यह है कि भ्रष्टाचार के इस तरह बनाए गए चैक डेम निर्माण गुणवत्ता हीन तथा मनमाफिक कमीशनखोरी के उच्चस्तरीय खेल का परिणाम है इस तरह के जनपद पंचायत क्षेत्र में अनेक चैक डैम जो निर्माण के कुछ समय बाद ही फट गए पर विभागीय अधिकारियों की कमीशनखोरी और उच्चाधिकारियों की सांठगांठ के चलते खुलेआम शासन को चुना लगाने का कार्य किया जा रहा है। 


विदित हो कि ग्राम पंचायत परसवाह में एक ही नाले पर बने तीन डेम निर्माण कार्य की गुणवत्ता की पोल खोल रहे हैं जिसमें एक डेम फट चुका है एक डेम की फर्श बह गई-है तथा एक डेम जर्जर हालत में है। जबकि इस तरह के गुणवत्ता हीन डेम जो शासश की तिज़ोरी पर डांका डालने जैसा है का जनपद पंचायत बजाग के इंजीनियर, एस डी ओ और सीईओ की जुगलबंदी से कमीशनखोरी कर भुगतान कर दिए गए हैं। जबकि इस विषय में पहले भी घटिया निर्माण की खबर प्रकाशित हुई थी पर खबर प्रकाशित होने के बाद भी विभागीय अमला जांच करने के बदले अपने भ्रष्टाचार और काले करतूतों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।


       ऐसा नहीं है कि इस तरह के घटिया और गुणवत्ता हीन निर्माण की विभागीय अमले और एस डी ओ आर जी श्रीवास्तव और सीईओ प्रदीप कुमार बघेल को जानकारी नहीं है पर कमीशनखोरी और सांठगांठ के चलते खुलेआम रूप से शासन के पैसे की होली खेली जा रही है जिसमें जिला स्तरीय उच्चाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। 


       कुछ समय पूर्व जनपद पंचायत बजाग में पदस्थ रहे एस डी ओ आर जी श्रीवास्तव आंख बंद कर कमीशनखोरी करने में व्यस्त रहे हैं अनेक डेम जिसके निर्माण कार्य पूरा ना होने के बाद भी भुगतान किया गया तथा अनेक स्थानों पर गुणवत्ता हीन कार्यों की आंख बंद कर मूल्याकंन किया गया। इनके कार्यकाल में अनेक कार्यों की एम बी तक नहीं बनी और सिर्फ बिल बनाकर भुगतान कर लिए गए, इस विषय में जब विभागीय अमले से जानकारी ली गई तब पता चला कि वर्ष 2019 से मनरेगा के कार्यों में विभागीय टेस्ट रिपोर्ट और पर्ची बनाया जाना महत्वपूर्ण रहा है पर एस डी ओ महोदय मनमर्जी से बिना किसी टेस्ट रिपोर्ट और पर्ची के ही आंख बंद कर मूल्याकंन कर दिया गया और वर्तमान में भी कमीशनखोरी कर मनमानी पूर्वक कार्य किया गया है जिसकी अनियमितताएं सीधे तौर पर बरता जाता रहा है और विभागीय अमला खानापूर्ति करने में व्यस्त हैं।

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