Vastu Tips for Temple: आमतौर पर घरों में सुबह-शाम पूजा-पाठ किया जाता है और दीपक भी जलाया जाता है. कहते हैं कि घर में दीपक जलाने से सकारात्मकता आती है और वातावरण भी शुद्ध होता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार घर के मंदिर में रोजाना घी या सरसों के तेल का दीपक जलाने से देवतागण प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद भी देते हैं. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि दीपक जलाने से घर का वास्तु दोष भी दूर होता है. लेकिन दीपक जलाने के भी कुछ नियम होते हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए.
दीपक जलाने के नियमवास्तु शास्त्र के अनुसार घर के नियमित तौर से दीपक जलाने से माहौल में सकारात्मकता बनी रहती है और नकारात्मकता खत्म होती है. साथ ही घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है.
इसके अलावा दीपक से वातावरण भी शुद्ध होता है और कहा जाता है कि यदि आप नियमित तौर पर सुबह-शाम दीपक जलाते हैं तो उससे निकलने वाले धुएं से घर में मौजूद हानिकारण कीटाणु भी नष्ट होते हैं.
लेकिन घी का दीपक जलाते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि दीपक हमेशा भगवान की मूर्ति के दाहिनी ओर होना चाहिए.
वहीं अगर आप सरसों के तेल का दीपक जला रहे हैं तो उसे भगवान की प्रतिमा के बाई ओर जलाना चाहिए.
यह भी सुनिश्चित करना चाहिए पूजा करते समय जब तक पूजा समाप्त न हो तब तब दीपक नहीं बुझना चाहिए. इससे पूजा अधूरी मानी जाती है और पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घी के दीपक में हमेशा रुई की बत्ती का ही इस्तेमाल करना चाहिए और वह बत्ती सफेद रंग की होनी चाहिए.
जबकि सरसों के तेल का दीपक जलाते समय उसमें रुई की बत्ती नहीं, बल्कि लाल धागे यानि कलावे की बत्ती का उपयोग करना चाहिए. ऐसा करना शुभ माना जाता है.
दीपक जलाते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए पूजा में इस्तेमाल होने वाला दीपक कभी भी खंडित यानि टूटा हुआ नहीं होना चाहिए.
दीपक जलाते समय मंत्रों का जाप करने से भी घर का माहौल सकारात्मक बनता है. इस दौरान ‘शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते’ मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए.
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