दिल के स्वास्थ्य के लिए कई अन्य फैक्टर भी जिम्मेदार हैं, जिनमें फिजकल एक्टिविटी यानी व्यायाम, नीकोटीन एक्सपोजर यानी धूम्रपान करना, डाइट, अधिक वजन, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर शामिल हैं. अमेरिकन हर्ट एसोसिएशन ने ‘लाइफ्स एसेंशियल 8’ नाम की एक चेकलिस्ट पीयर रिव्यूड जर्नल ‘सर्कुलेशन’ में छापी है. इसमें स्पष्ट किया गया है कि स्मोकिंग, हाई कैलोरी डाइट और एक्सरसाइज की कमी की ही तरह कम सोना भी दिल की समस्याओं को बढ़ा सकता है.
मुंबई के एक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ब्रायन पिंटो का कहना है, ‘पिछले कुछ दशकों में, मैंने देखा है कि जो लोग कम से कम सात घंटे की नींद नहीं लेते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है.’ इसलिए डॉ. पिंटो सभी को सलाह देते हैं कि वह 7 घंटे से ज्यादा सोएं, लेकिन इसी के साथ वह यह भी कहते हैं कि 8 घंटे से ज्यादा नहीं सोना चाहिए. यानी आप स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको प्रतिदिन 7-8 घंटे तक की नींद अवश्य लेना चाहिए.
भारत सहित ज्यादातर देशों में हृदय संबंधी समस्याएं मृत्यु का नंबर 1 कारण है. कुछ साल पहले की गई एक स्टडी के अनुसार भारत में हर एक लाख की जनसंख्या में से 272 लोगों की जान हृदय संबंधी रोगों के कारण जाती है. दुनियाभर के रिकॉर्ड से तुलना करें तो भारत इसमें दुनिया की औसत से काफी आगे है. क्योंकि दुनियाभर में कुल 1 लाख की जनसंख्या में 235 लोगों की मौत कार्डिवस्कुलर डिजीज के कारण होती है.
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