प्रधानमंत्री आवास योजना में किया जा रहा है बड़ा घोटाला आवास बनना शुरू ही नही हुआ और निकल गई किस्तें..मंडला जिले के बिछिया जनपद का मामला...
रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में सरकार की ऐसी कोई योजनाएं नही है जिसमे की भ्रस्ट अधिकारियों ने भ्रष्टाचार न किया हो, रोज रोज नए नए भ्रष्टाचार की पोल अखबारों में खबरों के माध्यम से जिला प्रशासन तक पहुँचा जाता रहा है पर जिला प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी कही नही इन भ्रस्ट और भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों को बचाते नजर आ रहे इसके पीछे का रहस्य तो कोई से छुपा नही है !
वही एक ओर जहा सरकार द्वारा गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पैसा देकर गरीबों के लिए छत का इंतजाम किया जा रहा है वही सरकार के कुछ कर्मचारी नियम कानून को दरकिनार कर सरकारी योजनाओं को पतीला लगा रहे हैं, ऐसा ही एक मामला मंडला जिले की बिछिया जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत- कारिया गांव का है जहां पर पदस्थ सचिव, रोजगार सहायक सरपंच उपसरपंच और उपयंत्री के साथ मिल कर हितग्राही के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ का दुर्पयोग किया जा रहा है,
आखिर कौन है जिम्मेदार किसकी है जिम्मेदारी जो कि आवास का काम बिना चालू हुए ही दूसरी क़िस्त जारी कर दी और पता नही किन किन का आवास हवा में बना दिया गया होगा ये जाँच का विषय है
हितग्राही नंदलाल पटेल पिता द्वारका पटेल के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान की स्वकृति मिली हुई है जिसमें हितग्राही द्वारा मकान निर्माण कार्य किया जाना चाहिए था परंतु हितग्राही का पहले से ही पक्का मकान बना हुआ है जिस कारण से हितग्राही के द्वारा मकान निर्माण कार्य न करके सचिव और रोजगार सहायक के साथ सांठगाठ कर हितग्राही के खाते पर 2 किस्तों की राशि (25000+45000) कुल मिला कर (70000) सत्तर हजार रुपए डाल दी गई हे और हितग्राही द्वारा मकान का निर्माण कार्य किए बिना ही दो किस्तों की राशि निकाल कर गबन कर दिया गया है।
अब सवाल यह उठता है कि जब हितग्राही द्वारा मकान का निर्माण कार्य किया ही नही गया है तो फिर उपयंत्री के द्वारा कहाँ पर ले आउट डाला गया और कब कब निरीक्षण किया गया वही रोजगार सहायक के द्वारा आखिर किसका जियोटेग कर हितग्राही की फोटो कहा की ओर कैसे लगा दी गई हे और बिना काम चालू हुए ही 2 किस्तों की राशि निकाल कर सरकारी पैसों का कहां पर दुरुपयोग किया जा रहा हे जो की जांच का विषय बनता है, सूत्रों से मिली जानकारीनुसार यह है भी हैं कि हितग्राही नंदलाल पटेल का पुत्र उमेश पटेल ग्राम करियागाव में ही सेल्समेन के पद पर पदस्थ है जिसके पास पक्का मकान और चार पहिया वाहन भी है। वही जब इस विषय की जानकारी करियागांव रोजगार सहायक संजीत पटेल से मांगी गई तो वो कुछ भी जानकारी देने से बचते हुए नजर आए और अपना मोबाइल फोन बंद कर बात करना भी उचित नहीं समझा।।

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