रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त-
ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 12 जून, रविवार को सुबह 03 बजकर 23 मिनट तक
ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का समापन: 13 जून, सोमवार को सुबह 12 बजकर 26 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त- रवि प्रदोष 12 जून को शाम 07 बजकर 19 से लेकर रात 09 बजकर 20 मिनट तक
शिव योग- 11 जून सुबह 08 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 12 जून शाम 05 बजकर 27 मिनट तक
सिद्ध योग - 12 जून शाम 05 बजकर 27 मिनट से 13 जून दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
रवि प्रदोष व्रत का महत्व- जी दरअसल स्कंद पुराण में प्रदोष व्रत के लाभों के बारे में बताया गया है। कहते है जो कोई भी इस दिन भगवान शिव की पूजा करने के साथ व्रत रखता है, उसे संतोष, धन और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इसी के साथ प्रदोष व्रत सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भी रखा जाता है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की एक झलक भी आपके सभी पापों को समाप्त कर देगी और आपको भरपूर आशीर्वाद और सौभाग्य प्रदान करेगी।
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