Jabapur News: सरकार ने 1988 में ली थी पॉवर प्लांट के लिए जमीन, आज तक कुछ नहीं हुआ, हाई कोर्ट ने अब पूछी यह बात - revanchal times new

revanchal times new

निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

Breaking

Tuesday, May 10, 2022

Jabapur News: सरकार ने 1988 में ली थी पॉवर प्लांट के लिए जमीन, आज तक कुछ नहीं हुआ, हाई कोर्ट ने अब पूछी यह बात



जबलपुर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पिछले 32 साल में छिंदवाड़ा में पॉवर प्लांट का काम क्यों नहीं शुरू हुआ? जमीन अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार, कलेक्टर छिंदवाड़ा, भू-अर्जन अधिकारी, मप्र पॉवर ट्रेडिंग कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और मेसर्स अडानी पेंच पॉवर लिमिटेड भोपाल के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है. इस मामले पर अगली सुनवाई 21 जून को होगी. इस मामले में उन गांवों के सरपंचों ने हाई कोर्ट का रुख किया है, जिनकी जमीन ली गई थी.

किन लोगों ने ली है हाई कोर्ट की शरण

इस मामले में ग्राम पंचायत हिवरखेड़ी की सरपंच संतोषी बाई, ग्राम पंचायत थानवरी ठेका के सरपंच गोपाल उइके, ग्राम पंचायत धनगवानी पिपरिया की सरपंच नीमवती चंद्रा और ग्राम पंचायत धनौर की सरपंच उर्वशी वर्मा ने याचिका दायर कर बताया कि शासन ने 1987-88 में थर्मल पॉवर प्लांट बनाने के लिए करीब 750 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की थी.

याचिकाकर्ताओं की दलील क्या है

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केसी घिल्डियाल और अधिवक्ता एमआर वर्मा ने कोर्ट को बताया कि शासन ने 2009 में अडानी कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया था. इसके बाद आज तक पॉवर प्लांट के नाम पर कुछ नहीं हुआ. उन्होंने दलील दी कि अधिग्रहण की शर्त के तहत ग्रामीणों का पुनर्वास और परिवार के एक सदस्य को नौकरी का प्रावधान था. उक्त ग्राम पंचायतों ने सभी उच्चाधिकारियों को सैकड़ों बार अभ्यावेदन दिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. याचिका में मांग की गई कि या तो अधिग्रहण की प्रक्रिया निरस्त की जाए या जमीन खोने वाले परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.

No comments:

Post a Comment