मंडला 14 मई 2022
संचालनालय द्वारा समय-समय पर मौसम के अनुसार
बीमारियों की रोकथाम एवं उनसे बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इसी
तारतम्य में लू के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। अत्यधिक गर्मियों में लू की
संभावना बढ़ जाती है, यह जानलेवा भी हो सकता
है। आमजन से अपील की गई है कि लू से बचाव के लिए गर्मी के दिनों में धूप में बाहर
जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले कॉटन के वस्त्र का प्रयोग करें। घर से
बाहर भोजन करके एवं पानी पीकर ही निकलें। गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढंक्कर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्मे व छतरी
का प्रयोग करें। गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पिऐं एवं पेय पदार्थों का
अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें। बाहर जाते समय अपने साथ पानी रखें। गर्मी के
दिनों में बच्चों का विशेष ध्यान रखें। बच्चों को सिखाएं कि जब भी उन्हें अधिक
गर्मी महसूस हो तो वे तुरंत घर के अंदर आएं। गर्मी के दिनों में बुजुर्गों का भी
विशेष ध्यान रखें, उन्हें धूप में घर से
बाहर न निकलने दें व उन्हें समय-समय पर पानी पीने के लिए प्रेरित करें एवं सुपाच्य
भोजन तथा तरल पदार्थों का सेवन कराएं। गर्मी के दिनों में ठण्डे मौसमी फलों का
सेवन करें। गर्मी के दिनों में घर के अंदर तीव्र धूप को आने से रोकें।
क्या न करें
घर से बिना भोजन किए बाहर न निकलें। जहाँ तक
संभव हो, ज्यादा समय तक धूप में खड़े होकर व्यायाम मेहनत व अन्य कार्य
न करें। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों में
ना जायें। रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में
अत्यावश्यक होने पर ही करें। बच्चों एवं बुजुर्गों को दिन के सबसे गर्म समय जैसे-
दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक घर से बाहर की
गतिविधियों में शामिल ना होने दें। धूप में बच्चों और पालतू जानवरों को गाड़ी में
अकेला न छोड़ें। धूप में नंगे पाँव न चलें। चाय, कॉफी अत्यधिक
मीठे पदार्थ व गैस वाले पेय पदार्थों का सेवन न करें।
लक्षण
गर्म लाल और सूखी त्वचा, शरीर का तापमान से 240 सेल्सियस या 104 फेरेनाइट, मतली या उल्टी, बहुत तेज सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी
या ऐठन। सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज होना। घबराहट होना,
चक्कर
आना बेहोशी और हल्का सिरदर्द।
प्राथमिक उपचार
रोगी को तुरंत छायादार जगह पर, कपड़े ढीले कर लिटा दें एवं हवा करें। रोगी के बेहोश होने की स्थिति में कोई भी
भोज्य व पेय पदार्थ ना दें एवं तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। रोगी के होश
में आने की दशा में उसे ठंडे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का शरबत आदि दें। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिए यदि संभव हो तो
उसे ठंडे पानी से स्नान कराएं या उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियों को रखकर पूरे
शरीर को ढंक दें। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं जब तक कि शरीर का ताप कम नहीं हो
जाता है।
चिकित्सा संस्था की तैयारी
जिला चिकित्सालय, सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में गर्मी शुरू होने से पहले
गर्भवती महिला एवं सभी मरीज व उनके परिजनों के लिए छाव में बैठने की व्यवस्था
अस्पताल द्वारा सुनिश्चित करने के निर्देश। लू से प्रभावित रोगियों के लिये
विस्तार की व्यवस्था सुनिश्चित करें। थर्मामीटर, ग्लूकोमर एवं
स्ट्रिप, आइस पैक एवं बी.पी. मापने के उपकरण उपलब्धता सुनिश्चित
करें। ई.सी.जी. उपकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें। आवश्यक दवाईयों जैसे- ओ.आर.एस.
के पैकेट, लोरजेपम एवं डायजपाम आदि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता
सुनिश्चित करें। पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में ठंडे पानी की व्यवस्था सुनिश्चित
करें। कक्ष को ठंडा करने वाले उपकरण जैसे- पंखा, वाटर कूलर एवं
ए.सी. आदि की पर्याप्त व्यवस्था करें। लू के रोगियों को रेफरल के लिए बर्फ पैक एवं
ठंडे पानी के साथ एंबूलेंस में व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।
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